जैसा कि आपको पता होगा कि भारतीय संसद के दो सदन होते हैं, एक लोकसभा और दूसरा राज्यसभा. लोकसभा में जनता का सीधा प्रतिनिधित्व करने वाले जनप्रतिनिधि बैठते हैं, तो वहीं राज्यसभा में राष्ट्रपति द्वारा नामित और राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधि बैठते हैं. इसके अलावा, लोकसभा को निचला सदन, तो राज्यसभा को उच्च सदन कहा जाता है. संसद की प्रक्रिया सही तरह से चले, इसके लिए कई तरह के नियम प्रतिनिधियों के लिए बनाए गए हैं, जिनका पालन न करने पर कार्रवाई की जा सकती है.


इस लेख में हम आपको राज्यसभा के सांसदों के लिए बनाए गए वो 9 नियम बताने जा रहे हैं, जिनका पालन हर सांसद को करना पड़ता है. वहीं, इन नियमों का पालन न करने पर सख़्त कार्रवाई की जा सकती है और यहां तक कि सांसद को निलंबित भी किया जा सकता है. आइये, क्रमवार जानते हैं राज्यसभा के नियम

1. कोई भी सांसद ऐसा पत्र, न्यूज़पेपर या किताब न पढ़े जिसका संसद की कार्यवाही से कोई संबंध न हो. 

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2. अगर राज्यसभा का कोई सदस्य कार्यवाही के दौरान भाषण दे रहा है, तो अन्य लोग अव्यवस्थित तरीके से बाधा नहीं डालेंगे व शोर नहीं मचाएंगे.

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3. राज्यसभा में आते समय, जाते समय व अपने स्थान पर बैठने व उठने से पहले सभापति को नमन करना ज़रूरी है.  

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4. सभापति या राज्य सभा का कोई सदस्य भाषण दे रहा है, तो कोई भी उसके बीच से नहीं गुजरेगा.  

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5. राज्यसभा में सभापति के संबोधन के दौरान कोई भी सदस्य बाहर नहीं जाएगा.  

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6. हर सदस्य सभापति को संबोधित करेगा.  

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7. संबोधन के दौरान सदस्य को अपने स्थान पर ही बने रहना है.  

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8. अगर कोई सदस्य भाषण नहीं दे रहा है, तो उसका शांत बैठना अनिवार्य है.  

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9. कोई भी राज्यसभा का सदस्य सभा की कार्यवाही में रुकावट नहीं डालेगा. शोर नहीं मचाएगा व किसी तरह की अन्य बाधा नहीं डालेगा. वहीं, अगर कोई भाषण दे रहा है, तो उसके साथ-साथ कोई टिप्पणी भी नहीं करेगा.  

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तो दोस्तों, ये थे राज्यसभा के वो 9 नियम जिनका पालन राज्यसभा में बैठे सभी सदस्यों को करना पड़ता है.