Notice to God: आप सभी ने बॉलीवुड स्टार अक्षय कुमार की फ़िल्म OMG: Oh My God! तो देखी ही होगी. ये वही फ़िल्म थी जिसमें भगवान के नाम पर कोर्ट द्वारा नोटिस होना दिखाया गया था और खुद भगवान को कोर्ट में हाज़िर होने के निर्देश दिए जाते हैं. ख़ैर, ये तो फ़िल्म है, फ़िल्मों में तो डायरेक्टर अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (Freedom of Expression) के नाम पर जो मन में आया वो दिखा सकते हैं.

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पर क्या आपने कभी रियल लाइफ में ये सुना या देखा है कि किसी कोर्ट ने भगवान के नाम का नोटिस जारी कर अदालत में हाज़िर होने का निर्देश दिया हो? शायद आपका जवाब होगा, ‘नहीं ‘. इसीलिए आज हम आपको कुछ ऐसे ही सच्चे मामलों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आपको सच में हैरान कर देंगे:

चलिए आज आपको देश भर की ऐसी ही 5 सच्ची घटनाओं के बारे में बताते हैं-

1. तहसील कोर्ट ने भगवान शिव को भेजा नोटिस

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छत्तीसगढ़ के रायगढ़ ज़िले से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया था. दरअसल, स्थानीय तहसील कोर्ट ने ज़मीन कब्ज़े के मामले में भगवान शिव मंदिर समेत कुछ लोगों को कारण बताओ नोटिस (Show cause notice) जारी करते हुए तहसील कोर्ट में तलब किया है. अदालत ने भगवान शिव के मंदिर को पक्षकार बनाया. इसमें शिव जी, मंदिर के पुजारी, ट्रस्टी के नाम का उल्लेख नहीं किया है, इस वजह से भगवान शिव जी को ही पक्षकार माना जा रहा है. इस दौरान शिव जी समेत कुछ लोगों को तहसील कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने के लिए आदेश दिया गया. इस नोटिस में ये भी लिखा है कि सुनवाई में नहीं आने पर भगवान शिव जी को 10,000 रु. का जुर्माना व ज़मीन से बेदखल करने की कार्रवाई भी की जा सकती है. (Notice to God)

2. अतिक्रमण के लिए भगवान शिव को भेजा नोटिस

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छत्तीसगढ़ के जांजगीर चांपा ज़िले में सरकारी अधिकारियों के कारनामों के बारे में जानेंगे तो आप भी अपना सिर पकड़ लेंगे. दरअसल, जांजगीर चांपा ज़िले के सिंचाई विभाग (Irrigation Department) की ओर किसी अधिकारी या नेता को नहीं, बल्कि भगवान शिव जी को नोटिस (Notice to God) भेजा गया था. जी हां, स्थानीय ज़िले के सिंचाई विभाग ने अतिक्रमण को लेकर भगवान शिव जी को ही नोटिस भेज दिया था.

3. बिहार में एक अदालत ने पेश होने के लिए हनुमान जी को भेजा समन

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बिहार के रोहतास ज़िले के सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए हनुमान जी को ही समन जारी कर दिया था. स्थानीय अदालत ने भगवान हनुमान जी को अदालत में हाज़िर होने के आदेश दिए थे. भगवान हनुमान जी की प्रतिमा पर इस आदेश को चिपकाया गया और भगवान हनुमान जी को अदालत में हाजिर होने को कहा गया था. कुल मामला ये था कि रोहतास ज़िले के PWD डिपार्टमेंट ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा था कि रोड पर पंचमुखी हनुमान मंदिर होने की वजह से लोगों को आने-जाने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. PWD के इस आदेश की सुनवाई करते हुए सब-डिविज़नल मजिस्ट्रेट कोर्ट ने अपना फ़ैसला सुनाया.

4. बेगूसराय में भी हनुमान जी को भेजा था नोटिस

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बिहार केबेगूसराय में एक सीओ ने हनुमान जी को ही नोटिस (Notice to God) भेज दिया था और उस नोटिस में कहा गया था कि उनके मंदिर की वजह से स्थानीय लोगों को आने-जाने में कई प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसीलिए वे अपना मंदिर वहां से हटा ले. आपको बता दें कि इस नोटिस को भेजने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने वहाँ जमकर हंगामा मचाया था.

5. सीतामढ़ी में किया गया था भगवान राम पर केस (Notice to God in Hindi)

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सीतामढी (बिहार) के एक वकील ने भगवान श्रीराम के ख़िलाफ़ केस दर्ज कर दिया था कि भगवान श्रीराम और लक्ष्मण ने सीता माता को बिना उनकी किसी ग़लती के वनवास क्यों भेजा था? माता सीता का कोई दोष नहीं था, इसके बावजूद भगवान श्री राम ने उन्हें जंगल में भेजा. इसके बाद वकील से अदालत ने सुनवाई के दौरान पूछा कि, आखिर इतनी पुरानी घटना के लिए कैसे पकड़ेंगे और किसे ज़िम्मेदार समझें.

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