खर्राटे लेना न सिर्फ़ आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है, बल्कि दूसरों की नींद में भी ख़राब करता है. इसलिए इसे डॉक्टर्स ने इसे एक बीमारी के रूप में परिभाषित किया है. जानकारों के अनुसार, अगर आप रात में कई बार सांस लेने में तकलीफ़ के कारण जग जाते हैं और सुबह आपका मुंह सूखा रहता है, साथ ही पूरे दिन सिर दर्द और थकान महसूस करते हैं तो यह ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया(Obstructive Sleep Apnea) के कारण हो सकता है.

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वेटरन सिंगर-कंपोजर-म्यूज़िक डायरेक्टर बप्पी लाहिड़ी का हाल ही में निधन हुआ है. डाक्टर्स का कहना है कि उन्हें भी Obstructive Sleep Apnea की शिकायत थी. इसी के चलते उनके फेफड़ों में संक्रमण हो गया था. चलिए जानते हैं हैं क्या होती ये घातक बीमारी और क्या है इसके लक्षण.

Obstructive Sleep Apnea के लक्षण

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‘डेंटल स्लीप मेडिसिन’ पर हुए एक सम्मेलन के मुताबिक भारत में करीब 40 लाख लोग, खासकर बुजुर्ग और मोटे लोग ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया (OSA) सिंड्रोम से पीड़ित हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति सांस लेने में तकलीफ के कारण रात में कई बार जगता है और पूरे दिन सिर दर्द और थकान के साथ सुबह शुष्क मुंह का अनुभव करता है, तो ये ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया के कारण हो सकता है.

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श्वसन चिकित्सा में OSA का आमतौर पर निरंतर पॉज़िटिव वायुमार्ग दबाव मशीनों के साथ इलाज किया जाता है, लेकिन दंत चिकित्सा भी आसान प्रबंधन प्रदान करती है. सरस्वती डेंटल कॉलेज के डीन प्रोफेसर अरविंद त्रिपाठी के मुताबिक , “मोटापा, जीवन शैली का तनाव और दांतों का पूरा गिरना ऊपरी वायुमार्ग में दबाव का कारण बन सकता है. यह सांस लेने पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है. अगर ऐसी स्थिति लंबे समय तक बनी रहती है और अनुपचारित छोड़ दी जाती है, तो यह शरीर की ऑक्सीजन की आवश्यकता को प्रभावित करती है और हृदय और श्वसन संबंधी समस्याएं पैदा कर सकती है.”

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दंत चिकित्सा के विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति का इलाज मैंडीबुलर उन्नति उपकरण के साथ किया जा सकता है, एक मौखिक उपकरण जो अस्थायी रूप से जबड़े और जीभ को आगे बढ़ाता है, गले के कसने को कम करता है और वायुमार्ग की जगह को बढ़ाता है.

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विश्व स्वास्थ्य संगठन के लखनऊ कार्यालय के डॉ अंकुर के मुताबिक, “लगभग 80 प्रतिशत रोगियों को नहीं पता कि वे OSA से पीड़ित हैं और ये घातक हो सकता है. इसलिए लोगों को इसके बारे में बुनियादी जानकारी होनी चाहिए.”  

क्या होता है एप्निया

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खर्राटों का वक्त पर इलाज न किया जाए तो यह स्लीप एप्निया बीमारी बन सकती है. इस हाल में सोते समय सांस कुछ सेकेंड के लिए रुक जाती है. ऐसे में तीखी आवाज के साथ सांस आती है, ये एप्निया कहलाता है.

Source: DW