Police Uniform Lanyard: पुलिस का नाम सुनते ही अच्छे हवा टाइट हो जाती है. लेकिन पुलिस लोगों के डर का कारण नहीं, बल्कि क़ानून के दायरे में रहकर लोगों की समस्याओं को सुनने और सुलझाने के लिए होती है. समाज में शांति बनाए रखने में पुलिस का अहम रोल होता है. देश के हर राज्य की अपनी अलग-अलग पुलिस है. पुलिसकर्मियों को ड्यूटी के दौरान के कई तरह की मुसीबतों से झूझना पड़ता है. इसीलिए ट्रेनिंग के दौरान उन्हें हर तरह की सिच्युएशन से डील करना सिखाया जाता है. भारतीय पुलिस बल में भर्ती होने का ख़्वाब देखने वाले युवा हो या फिर सिविलियंस, हर किसी को पुलिस की यूनिफ़ॉर्म बेहद अच्छी लगती है.
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भारतीय पुलिस बल की ख़ाकी वर्दी का अपना एक अलग ही रुतबा है. यूनिफ़ॉर्म पहनकर जब एक पुलिसवाला जब सामने से गुजरता है तो हर किसी की निगाहें उसी की तरफ़ होती हैं. पुलिस यूनिफ़ॉर्म में पैंट, शर्ट, टोपी और जूते एकदम वेल-डेक्युरेट होते हैं. लेकिन क्या आपने कभी ग़ौर किया कि पुलिस यूनिफ़ॉर्म में कंधे पर एक रस्सीनुमा डोरी क्यों लटकी रहती है? नहीं पता तो चलिए हम बताते हैं.
क्या कहा जाता है इस रस्सीनुमा डोरी को
पुलिस यूनिफ़ॉर्म में कंधे से जुड़ी इस रस्सीनुमा डोरी को रस्सी को Lanyard कहा जाता है. भारतीय सेना, भारतीय पुलिस बल और पैरामिलिट्री फ़ोर्सेज़ के जवानों की यूनिफ़ॉर्म पर रैंक के आधार पर Lanyard लगी होती है. पुलिस विभाग और पैरामिलिट्री फ़ोर्सेज़ में DSP/ASP या इससे ऊपर की रैंक के अधिकारीयों की यूनिफ़ॉर्म पर ब्लैक कलर की Lanyard बंधी होती है. जबकि लोअर रैंक के जवानों की यूनिफ़ॉर्म पर खाकी रंग की Lanyard लगी होती है. देश के अलग अलग राज्यों की पुलिस यूनिफ़ॉर्म पर अलग-अलग Lanyard भी होती है.
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Indian Police or Army Officer in Uniform
भारतीय सेना (Indian Army) के जवान जिस रेजीमेंट में कमीशन किए जाते हैं, उसके अनुसार अलग-अलग Lanyard का इस्तेमाल करते हैं. Lanyard यूनिफ़ॉर्म का एक अहम हिस्सा है. इसके बिना ड्रेस अधूरी मानी जाती है और जवानों द्वारा इसे नहीं लगाने पर सजा भी मिलती है. आपने अक्सर देखा होगा कि यूनिफ़ॉर्म में बांयी तरफ़ लगी Lanyard कंधे से घूमकर पॉकेट में जा रही होती है. इस पर एक सीटी बंधी होती है, जो पॉकेट में होती है. इसीलिए इसे Whistle Guard भी कहा जाता है.
क्या होता है सीटी का काम
यूनिफ़ॉर्म से बंधी सीटी को पुलिस वाले इमरजेंसी की स्थिति में इस्तेमाल करते हैं. अगर किसी पुलिस वाले को इमरजेंसी में किसी गाड़ी को रोकनी हो या फिर किसी आपातकालीन स्थिति में उन्हें अपने किसी सहयोगी पुलिसकर्मी को कोई संदेश देना हो, तब वो झट से इसी सीटी का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि, ज़्यादातर पुलिसकर्मी इस सीटी का इस्तेमाल ट्रैफ़िक कंट्रोल करने के लिए ही करते हैं.
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