विज्ञापन की दुनिया क्रिएटिविटी मांगती है. प्रोडक्ट का विज्ञापन जितना अलग और अनोखा होगा जनता उसकी ओर उतनी ही अधिक आकर्षित होगी. इसलिये कुछ कंपनियों ने अपने विज्ञापनों पर काफ़ी फ़ोकस किया और लोगों तक पहुंचने में कामयाब रहीं. आज हम बात करेंगे उन अनोखे विज्ञापनों जिन्होंने डायरेक्ट अपनी बात लोगों के दिलों तक पहुंचाई और मार्केट में धूम मचा दी. इसके साथ ही कंपनियों को लोकप्रियता मिली वो अलग.  

आइये जानते हैं किन विज्ञापनों के ज़रिये कंपनियां लोगों के बीच अपनी जगह बनाने में कामयाब रहीं 

1. जूजू 

Vodafone के जूजू वाले ऐड को भी ओगिल्वी एंड माथर एजेंसी ने ही तैयार किया था. 2009 में IPL के दौरान विज्ञापन को ख़ूब सराहना मिली. ख़ास बात ये थी कि Vodafone में नज़र आने वाले जूजू एनिमेटेड से लगते थे, लेकिन असल में इंसान थे. ऐड का आईडिया राजीव राव का था, जिसने वोडाफ़ोन को हिंदुस्तान में फ़ेमस करने में अहम भूमिका निभाई. 

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2. हच डॉग 

2003 में हच कंपनी (Hutch Company) ने एक अनोखा विपाज्ञपन निकाला. ऐड में एक छोटा सा बच्चा और कुत्ता दिखाया गया था. बच्चा जिधर जाता, कुत्ता भी उसका पीछा करते हुए वहां पहुंच जाता. इस विज्ञापन का मतलब था कि आप जहां भी जाओ, नेटवर्क हमेशा आपके साथ ही नज़र आयेगा. हच का ये क्रिएटिव विज्ञापन मुंबई स्थित कंपनी ओगिल्वी एंड माथर ने बनाया था. विज्ञापन काफ़ी साधारण था, लेकिन उसने लोगों का ध्यान खींचा और हच को ख़ूब लोकप्रियता दिलाई.  

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3. बूमर मैन 

शायद ही कोई शख़्स होगा जिसने बचपन में बूम-बूम बूमर कह कर चुइंगम न फूलाया हो. विज्ञापन के ज़रिये लोगों के सामने बूमर मैन की ऐसी छवि तैयार की गई, बच्चे उसे अपना ‘सुपर हीरो’ मान बैठे. वो ‘सुपर हीरो’ जो बड़े-बड़े कामों को आसानी से निपटा देता था. आज भले ही ये विज्ञापन कई लोगों को याद न हो, लेकिन इसने कंपनी को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया था.  

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4. अमूल गर्ल 

अमूल (Amul) अपने हमेशा ही अपने अनोखे विज्ञापनों के लिये सुर्खियों में रहता है. अमूल के विज्ञापन में एक युवा लड़की का कार्टून बना हुआ है. विज्ञापन में दिखने वाली लड़की के बाल नीले हैं और एक प्यारी सी पोनी बनी हुई है. साथ ही में ही लड़की ने पोल्का डॉटेड फ़्रॉक पहनी हुई है, जिसमें वो बेहद ख़ूबसूरत दिखती है. अमूल गर्ल ने अमूल को एक ब्रांड के रूप में स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है. समय-समय पर अमूल कार्टून के ज़रिये समाजिक मुद्दों को क्रिएट किया जाता रहा है. जानकारी के मुताबिक, 1967 में ये विज्ञापन ASP द्वारा तैयार किया गया था. आज के टाइम में अमूल गर्ल बच्चों से लेकर बड़ों के बीच तक फ़ेमस है.  

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5. निरमा गर्ल 

‘वॉशिंग पाउडर निरमा’ की सफ़लता की कहानी से हम वाकिफ़ हैं. ऐड में सफे़द रंग की फ़्रॉक पहने एक लड़की जिंगल ‘वॉशिंग पाउडर निरमा’ पर डांस करती हुई दिखती है. ये ऐड लगभग 40 साल पुराना हो चुका है, लेकिन आज भी इसकी लोकप्रियता कम नहीं हुई है. 

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6. पारले जी  

‘पारले’ नामक कंपनी की शुरुआत 1929 में मुंबई के विले पार्ले में हुई थी. पहले इसे ग्लूको बिस्कुट के नाम से जाना जाता था. बाद में इसका नाम बदल कर ‘पारले-जी’ रख दिया गया. नाम के साथ बिस्कुट की पैकेजिंग भी बदली. नई पैकेजिंग में बिस्कुट के रैपर पर एक प्यारी सी बच्ची की फ़ोटो थी, जो लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी. पैकेट पर फ़ोटो देखने के बाद कई लोगों ने जानना चाह कि ये क्यूट सी बच्ची कौन है. कमाल देखिये वो तस्वीर किस असल इंसान की नहीं है. वो सिर्फ़ एक इलस्ट्रेशन जिसे मगनलाल दहिया नामक एक कलाकार ने बनाया था. 

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7. धारा जलेबी 

90 के दशक में ‘धारा ऑयल’ ने जलेबी का एक ऐड निकाला, जो कि बेहद ख़ूबसूरत और क्यूट था. इस विज्ञापन में एक बच्चा जलेबी के चलते घर छोड़कर जाने का विचार बदल लेता है. इस विज्ञापन ने धारा की घटती लोकप्रियता को एक बार फिर ऊंचाईयों पर पहुंचाया और ये विज्ञापन आज भी लोगों के दिल के बेहद क़रीब है.  

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8. संतूर  

‘संतूर’ के ऐड में आपको अब तक कई तरह-तरह की मॉडल दिखी होंगी, लेकिन इनका कॉन्सेप्ट आज भी वही पुराना है. ‘संतूर’ के किसी भी विज्ञापन को देख लीजिये उसमें एक ऐसी महिला दिखाई जाती है, जिसकी कोमल और चमकती त्वचा से उसकी उम्र का पता नहीं चलता. जिसे दुनिया कॉलेज गोइंग गर्ल समझती है. असल में वो एक बच्ची की मां होती है. इस विज्ञापन के ज़रिये ‘संतूर’ आज भी मार्केट में अपनी अच्छी पकड़ बनाये हुए है. 

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9. लिज्जत पापड़ 

‘शादी हो या त्योहार, लिल्जत पापड़ हो हर बार’, इस टैगलाइन के साथ लिज्जत पापड़ ने अपना ऐसा विज्ञापन निकाला, जिसे लोग आज तक नहीं भूल पाये हैं. 

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10. Surf ललीता जी

‘ललीता जी ठीक कहती हैं Surf की ख़रीददारी में ही समझदारी है’, Surf के विज्ञापन में नज़र आने वाली ललीता जी ने जनता के सामने बख़ूबी के इसके फ़ायदे रखे. विज्ञापन के ज़रिये कंपनी को मार्केट में जगह बनाने में ख़ास मदद मिली और आज ये घर-घर इस्तेमाल होने वाला डिटर्जेंट पाउडर बन चुका है. 

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शायद इसलिये कहा गया है कि जो दिखता है, वो बिकता है.