Indian मार्केट पूरी तरह से प्रतिस्पर्धी है. इसलिये यहां टिकना बेहद मुश्किल काम है. भारतीय बाज़ार में हर दिन कई ब्रांड्स आते हैं. कुछ ब्रांड्स (Brands) तो विज्ञापन पर पानी की तरह पैसा भी बहाते हैं. पैसा बहाने के साथ-साथ कुछ ब्रांड्स की मार्केटिंग प्लानिंग भी सॉलिड रहती है. विडंबना ये है कि तमाम पैसा और दिमाग़ लगाने के बाद कुछ प्रोडक्ट्स भारतीय बाज़ार में अपनी जगह नहीं बना पाते हैं.
जैसे कि ये लोकप्रिय प्रोडक्ट्स बाज़ार में जितनी पावर के साथ आये, उतनी तेज़ी के साथ ग़ायब भी हो गये.
1. US स्थित शूज़ ब्रांड को भारतीय नहीं अपना पाये.
2. भारतीय कंपनी ने Adidas को कॉपी करके Abibas लॉन्च किया, लेकिन सफ़ल नहीं हुए.
3. काफ़ी प्रतियोगिता होने की वजह से Chevrolet भी भारतीय मार्केट में नहीं टिक पाई.
4. कुछ यही हाल विजय माल्या के एयर लाइन ग्रुप Kingfisher का भी हुआ.
5. मार्केट में अच्छे शेयर न होने की वजह से Danone Dairy Business को भी मार्केट से आउट होना पड़ा.
6. Bisleri एक लोकप्रिय ब्रांड है, लेकिन वहीं भारतीय Bisleri Pop के अलग-अलग फ़्लेवर्स को नहीं अपना पाये.
7. Taxi4Sure का प्राचार बहुत अच्छा था, लेकिन चल नहीं पाई.
8. भारतीयों ने Volkswagen Beetle को भी नहीं अपनाया.
9. नैनो की मार्केटिंग सॉलिड थी, लेकिन टिक नहीं पाई.
10. Videocon ने Telecom सेक्टर में भी जगह बनाने की कोशिश की थी, लेकिन सफ़ल नहीं हो पाई.
11. Lays Chaat Street भी ज़्यादा दिन मार्केट में नहीं रह पाये.
12. Pepsi & Coke ने अलग-अलग फ़्लेवर्स की कई ड्रिंक्स मार्केट में उतारी, पर बात नहीं बनी.
13. प्रतियोगिता के दौर में BPL कहीं पीछे छूट गई.
14. 2002 के आस-पास Gilette Vector भी फ़्लॉप होकर ग़ायब हो गया.
15. एक हफ़्ते में पतला करने का दावा लेकर Kellogg’s मार्केट में आया, लेकिन पता नहीं चला कब वो वापस भी चला गया.
16. ये ब्रांड किसी को याद है.
17. Big Cola को पिया था कभी?
18. Gold Spot कभी हमारी फ़ेवरेट कोल्ड ड्रिंक थी.
19. Dipy’s Jam.
20. इस लिस्ट में Dyanora Tv का नाम भी शामिल है.
ऐसा नहीं है कि ब्रांड्स अच्छे नहीं थे या इन्होंने पैर जमाने की कोशिश नहीं की, लेकिन कभी-कभी आपका Competitior आपसे ज़्यादा स्मार्ट होता है या फिर लोग नई चीज़ ट्रॉय नहीं करना चाहते. बस इसलिये मार्केट में प्रोडक्ट्स फ़्लॉप हो जाते हैं. इनके साथ भी ऐसा ही हुआ.