बाहर खाना अब हमारे कल्चर और डेली रूटीन का हिस्सा बन गया है. चाहे फैमिली के साथ थोड़ा टाइम स्पेंड करना हो या डिनर डेट पर जाना हो, रेस्टोरेंट जाना ही सब पसंद करते हैं. भले ही बाहर खाना जेब पर थोड़ा भारी पड़ता है, लेकिन कभी-कभी ये सब अच्छा लगता है.

आपको अच्छा खाना परोसने के साथ-साथ ऐसी बहुत सी चीज़ें हैं, जो Restaurants करते हैं, ताकि आप की जेब ज़्यादा से ज़्यादा ढीली हो सके. आपको लगेगा कि हम बस बिल की ही बात करेंगे, लेकिन बिल पर लगे Service Tax के अलावा भी ऐसे बहुत से तरीके हैं, जिनसे रेस्टोरेंट्स कमाई करते हैं.

1. साधारण डिश के महंगे नाम लिखेंगे

ऐसा बहुत बार हुआ होगा कि आपने Menu देख कर कुछ बढ़िया-सा ऑर्डर किया हो और असल में वो घर में रोज़ बनने वाली सब्ज़ी निकले. मेरे साथ ऐसा कई बार हुआ है, मैं कुछ नया Try करने के चक्कर में कुछ ऐसा ऑर्डर कर लेती हूं, जो ज़्यादातर एक साधारण सब्ज़ी या दाल का नया नाम हो. जैसे मिक्स्ड वेजिटेबल को कई जगह Menu में Vegetable Saute in Asian Sauce और पनीर की सब्ज़ी को Cottage Cheese in Spicy Gravy बोल कर, कस्टमर का उल्लू बनाया जाता है. आप सोचते हैं कि कुछ ना या बढ़िया होगा, पर निकलती वही चीज़ है, जो मम्मी घर पर बनाती है.

2. 1000 को 999 बोलेंगे

कितना मुश्किल होता है ये समझना कि 99 और 100 में सिर्फ़ 1 रुपये का फ़र्क होता है, लेकिन फिर भी हमें 999 की चीज़ सस्ती और 1000 की महंगी लगती है. क्यों, क्योंकि ह्यूमन साइकोलॉजी के हिसाब से अगले में 1 जुड़ जाना उसे महंगा दिखता है. इसीलिए कई बड़े रेस्टोरेंट्स, अपनी डिश के आगे 699 या 999 लिख देते हैं, ताकि आपको ये 600 या 900 का ही लगे. ये ट्रिक मार्केटिंग में सभी जगह अपनाई जाती है.

3. पैसे नहीं मेंशन करेंगे

वैसे ये कॉन्सेप्ट वेस्ट में ज्यादा चलता है, लेकिन भारत में भी कई जगह रेस्टोरेंट्स अपने Menu में वो डिश के आगे उसका अमाउंट 840 तो लिख देते हैं, पर कुछ ऐसे:

Pasta in Cream Sauce – 1450

जबकि इसे ऐसे लिखा जाना चाहिए था:

Pasta in Cream Sauce – Rs. 1450

ये दिखने में बहुत छोटा-सा चेंज है, लेकिन इसका असर बहुत खतरनाक होता है. आप जब बिना रुपये लिखा हुआ प्राइज़ पढ़ते हो, तो आपको नहीं पता चलता कि आप एक पास्ता की प्लेट के लगभग 1500 रुपये दे रहे हैं. लेकिन जब आप 1450 के आगे रुपये का सिंबल बना देखते हैं, तब आपका दिमाग इसे प्रोसेस कर लेता है कि आपको इतने पैसे देने हैं. इसी का फायेदा महंगे रेस्टोरेंट्स उठाते हैं.

4. खाना को फैमिली से जोड़ना

Mother’s Kitchen का नाम सुन कर किसी को भी ये फीलिंग आएगी कि यहां घर का खाना मिलता है. मां की रसोई सुन कर भी वही फील आती है. आपको लगता है कि यहां घर की फील होगी, इसी वजह से लोग ऐसी जगहों पर ज़्यादा जाते हैं, जो उन्हें उनकी फैमिली की याद दिलाती है.

जैसे दिल्ली में आप अलग-अलग शहरों और राज्यों के नाम से रेस्टोरेंट्स ज़रूर देखते होंगे. ऐसा नहीं है कि पंजाबी नान बनाने वाला आदमी अमृतसर से आता है, लेकिन पंजाबी नान या पंजाबी ढाबा सुन कर आपको ये ही लगेगा कि ये वहां से है. इसका सीधा फायेदा रेस्टोरेंट्स को मिलता है.

5. खाने को हिट बनाने के लिए उसका नाम और Authentic कर देना

कभी देखा है किसी Italian डिश का नाम इतना मुश्किल क्यों होता है? या कोई साउथ इंडियन डिश उसी भाषा में लिखी होती है? ऐसा जान-बूझ कर किया जाता है, ताकि आप उस प्रान्त या देश की डिश के स्वाद से जुड़ सकें.

6. ज़्यादा महंगी चीज़ को Menu में दिखाना ताकि आप सस्ती ले सकें

कभी-कभी Main Course में एक चीज़ ऐसी आती है, जिसका प्राइज़ ज़रूरत से ज़्यादा हो. रेस्टोरेंट का मकसद इसे बेचना नहीं होता, बल्कि ये दिखाना होता है कि Menu की बाकी चीज़ें कितनी सस्ती हैं और आप आखिकार वो सस्ती चीज़ ऑर्डर कर लेते. जो कि असल में सस्ती नहीं, बस उस डिश के मुकाबले कम महंगी होती है.

7. Full और Half का Game खेलना

कई बार आपने देखा होगा कि किसी भी चीज़ के Small और Large या फिर फुल और हाफ़ के प्राइज़ में जम कर अंतर होता है. हम हाफ़ ये सोच कर लेते हैं कि ये कम है और सही पड़ेगा. लेकिन रेस्टोरेंट का मकसद आपसे एक हाफ़ प्लेट ऑर्डर करने का होता है, जिसका प्राइज़ अकसर उसकी Quantity के हिसाब से बहुत ज़्यादा होता है. जब आप हाफ़ ऑर्डर करते हैं, तो वो फुल को और महंगे पैसों में बेचते हैं.

8. ‘सर, और कुछ लेंगे?’

चाहे ऑनलाइन ऑर्डर हो या जा कर खाना हो, जब भी आप ऑर्डर करेंगे, एक बात नोटिस करना, उनका वेटर या काउंटर पर खड़ा लड़का आपसे ऑर्डर देते वक़्त ये ज़रूर पूछेगा कि, ‘सर, और कुछ ऑर्डर करना है’? ऐसा कर वो आपको पुश करेंगे कि आप एक्स्ट्रा ऑर्डर करें.

9. Menu में अच्छी चीज़ को Right साइड पर रखना

रेस्टोरेंट्स ओने Menu को बड़े ध्यान से बनाते हैं. जैसे उनकी Hit डिश को वो Right साइड पर रखते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि आपकी आंखें सबसे पहले उस तरफ़ पड़ेंगी. इस पर काफ़ी रिसर्च हो चुकी है.