Train Chain Pulling: भारतीय रेलवे का वर्णन हमें कई जगह मिल जाता है. भारतीय रेलवे (Indian Railway) दुनिया की चौथी सबसे बड़ी रेलवे लाइन है. यहां रोज़ लाखों लोग ट्रेन में सफ़र करते हैं क्योंकि ट्रेन मिडिल क्लास से लेकर हाई क्लास तक सभी के लिए बनी है. इसमें हर जेब का आदमी ट्रैवल कर सकता है. अगर किसी के पास महंगी टिकट लेने के पैसे नहीं थे तो वो सस्ती टिकट में भी जा सकता है. कई बार ऐसा होता है कि, इमरजेंसी के चलते चेन पुलिंग (Train Chain Pulling) करनी पड़ती है. चेन पुलिंग होने की वजह से ट्रेन कभी-कभी बीच में ही रुक जाती है. ट्रेन की चेन किसी भी बोगी में खींची जाए मगर रेलवे पुलिस को या रेलवे विभाग को तुरंत पता चल जाता है कि चेन किस बोगी में खींची गई है.

Train Chain Pulling
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कभी सोचा है कि, किस तकनीक के ज़रिये ऐसा होता है कि इतनी बड़ी ट्रेन में चेन पुलिंग वाली बोगी का पता चल जाता है तो आइए आपको बताते हैं.

अगर चेन पुलिंग करने वाले को लगता है कि, रेलवे विभाग को पता नहीं चलेगा कि किस बोगी में चेन पुलिंग हुई है तो वो उनका वहम है. चेन पुलिंग होते ही रेलवे को पता चल जाता है. वो ऐसे जब किसी बोगी में चेन पुलिंग की जाती है तो उसमें एक वॉल्व होता है जो घूम जाता है तो उससे पता चल जाता है कि चेन पुलिंग की गई है.

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इसके अलावा, जिस बोगी से चेन खींची गई है उससे एयर प्रेशर रिलीज़ होने की आवाज़ आती है और चेन पुलिंग करने वाले शख़्स को पकड़ लिया जाता है.

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चेन पुलिंग का ऑप्शन लोगों की बेहतरी के लिए दिया गया था जैसे, कोई धोखे से ट्रेन में रह गया हो या फिर किसी का स्टेशन आ गया और वो नहीं उतर पाया हो. मगर कई बार चेन पुलिंग करके लूट-पाट जैसी वारदातों को अंजाम दिया गया है. इसलिए अब किसी ठोस वजह के बिना चेन पुलिंग करने पर सज़ा और ज़ुर्माने का प्रावधान है