उच्च रक्त चाप यानी हाइपरटेंशन वो मेडिकल कंडिशन है जब धमनियों यानी आर्टरी में रक्त का दबाव बढ़ जाता है या फिर इसे ऐसे समझ सकते हैं जब Systolic और Diastolic ब्लड प्रेशर 130/80 mm Hg से अधिक हो जाए. इसके कारण कई गंभीर शारीरिक समस्याओं का जोखिम बढ़ सकता है, जिनमें ह्रदय रोग, किडनी फेल्योर, स्ट्रोक व आंखों से जुड़ी समस्याएं शामिल हैं. वैसे अगर खान-पान और प्राकृतिक चीज़ों का सेवन किया जाए, तो रक्त चाप को नियंत्रित रखा जा सकता है. आइये, इसी क्रम में हम आपको बताते हैं कि रक्तचाप को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ फायदे क्या हैं और सदाबहार की जड़ का सेवन कैसे किया जा सकता है.
क्या है सदाबहार?
हाइपरटेंशन के लिए सदाबहार की जड़ के फ़ायदे जानने से पहले ये जान लेते हैं कि सदाबहार क्या है. सदाबहार एक फ्लावरिंग प्लांट है, जिस पर गुलाबी, सफ़ेद और पर्पल रंग के सदाबहार फूल खिलते हैं. इसे अंग्रेज़ी में Madagascar Periwinkle के नाम से जाना जाता है. वहीं, इसका वैज्ञानिक नाम Catharanthus roseus है. सदाबहार की गिनती औषधीय पौधों में भी की जाती है. इस पर कई वैज्ञानिक शोध हो चुके हैं, जिसमें विभिन्न शारीरिक समस्याओं में सदाबहार के फ़ायदे देखे गए हैं. शोध में जिक्र मिलता है कि विभिन्न शारीरिक समस्याओं में इसके फूल, पत्तों, टहनियों व जड़ों का भी इस्तेमाल किया जाता है.
हाइपरटेंशन के लिए सदाबहार की जड़ के फ़ायदे
ऐसा माना जाता है कि शरीर में रक्त चाप को नियंत्रित करने के लिए सदाबहार की जड़ लाभकारी हो सकती है. दरअसल, विषय से जुड़ा एक शोध एनसीबीआई (National Center for Biotechnology Information) की वेबसाइट पर उपलब्ध है, जिसमें ये साफ़-साफ़ लिखा है कि सदाबहार का इस्तेमाल अन्य बीमारियों के साथ रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मददगार हो सकता है. दरअसल, इसमें एल्कलॉइड पाया जाता है, जो हाइपोटेंसिव (ब्लड प्रेशर को कम करने वाला) प्रभाव दिखा सकता है, जिससे शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद मिल सकती है.
अन्य शारीरिक समस्याओं में सदाबहार की जड़ के फ़ायदे
हाइपरटेंशन के अलावा, सदाबहार की जड़ का उपयोग अन्य कई शारीरिक समस्याओं व बीमारियों की रोकथाम के लिए किया जा सकता है.
कैंसर के जोखिम को कम कर सकती है
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इसमें एल्कलॉइड नामक तत्व पाया जाता है, जिसमें एंटी-कैंसर प्रभाव भी पाए जाते हैं यानी इसका सेवन कैंसर के जोखिम को कम करने में सहायक हो सकता है. हालांकि, इसके कैंसर का इलाज नहीं कहा जा सकता है.
मधुमेह के लिए सदाबहार की जड़
डायबिटीज़ में सदाबहार के फ़ायदे देखे जा सकते हैं. दरअसल, इसमें Hypoglycemic प्रभाव पाया जाता है, जो रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.
संक्रमण में लाभकारी
वहीं, सदाबहार की जड़ का उपयोग गले के संक्रमण में भी किया जा सकता है. विषय से जुड़े एक शोध में इस बारे में बताया गया है. इसके अलावा, इसका उपयोग मलेरिया, बुखार व अल्सर में भी फ़ायदेमंद साबित हो सकता है.
कैसे करें सदाबहार की जड़ का सेवन?
उच्च रक्तचाप के लिए सदाबहार की जड़ को डॉक्टरी परामर्श पर थोड़ी मात्रा में सुबह खाली पेट चबाया जा सकता है. ध्यान रहे जड़ को अच्छी तरह साफ़ करके ही इसे इस्तेमाल में लाएं. वहीं, सदाबहार की जड़ का रस निकालकर भी थोड़ी मात्रा में सेवन किया जा सकता है. इसके अलावा, सदाबहार की जड़ को सुखाकर फिर उसका चूर्ण बनाकर गुनगुने पानी के साथ थोड़ी मात्रा में लिया जा सकता है.
नोट : सदाबहार की जड़ के नुकसान से बचने के लिए बिना डॉक्टरी परामर्श के इसका सेवन न करें.