Saliva Amazing Facts: ऐसे कितने लोग होंगे, जो अपनी मुंह से निकलने वाली लार (Saliva) के बारे में गहराई से सोचते होंगे? शायद इक्का-दुक्का ही लोग ऐसे मिलेंगे. इसके बारे में सोचना थोड़ा अजीब ज़रूर है, लेकिन ये हमारी ज़िंदगी का एक अहम और क़ीमती हिस्सा है. इसके बिना हम न तो खाने को चबा पाएंगे, न ही निगल और खा पाएंगे. कुछ लोगों के मुंह से इतनी लार निकलती है कि उन्हें समय-समय पर बाथरूम में जाकर थूकना पड़ता है. लार हमारे मुंह के लिए एक सफ़ाई तंत्र के रूप में काम करती है, जो हमें डेंटल प्रॉब्लम्स जैसे कैविटीज़ और दांतों की सड़न से बचाता है.
चलिए आज आपको ‘लार’ से जुड़े कुछ हैरान करने वाले तथ्य (Saliva Amazing Facts) बता देते हैं, जो आपको शरीर में इसकी अहमियत अच्छे से समझा देंगे.
1. इंसान का थूक 99 प्रतिशत पानी है.
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अपनी स्थिरता के चलते ऐसा लगता है कि ‘लार’ में पानी के अलावा और कुछ भी मिला होता है. लेकिन आपको बता दें कि ये 99% पानी है. इसमें बाकी 1% इलेक्ट्रोलाइट्स, डाइजेस्टिव एंजाइम, म्यूकिन्स और यूरिक एसिड होता है.
2. एक व्यक्ति को कितना थूकना चाहिए, इसके लिए एक मेडिकल स्टैंडर्ड है.
1 दिन में स्वस्थ मात्रा में थूक के लिए मानक लगभग 2 से 6 कप है. ये खाने जैसी एक्टिविटीज़, जिसमें ज़्यादा लार प्रोड्यूस होती है, उसको हटाकर तय किया गया है.
ऐसे कई आइटम्स हैं, जो ब्लैक मार्केट में बिकते है. हालांकि, ये काफ़ी हैरान करने वाली बात है कि लार भी उन्हीं में से एक है. दक्षिण अफ़्रीका में ट्यूबरकुलोसिस से संक्रमित लार का अवैध व्यापार होता है. उसका उपयोग उन लोगों के लिए अस्थायी विकलांगता का बहाना करने के लिए किया जाता है, जो सरकार से धन प्राप्त करना चाहते हैं. जो लोग लार बेचते हैं, वो अक्सर 32 डॉलर हर सैम्पल से कमाते हैं.
4. टेस्ट बड्स द्वारा पहचाने जाने के लिए फ़ूड अणुओं को लार में घुलने की ज़रूरत होती है.
हमारे टेस्ट करने की क्षमता में ‘लार’ का अहम रोल होता है. इसके ब्रेक डाउन और खाद्य अणुओं को घोलने वाले अपने कार्य के बिना हमारी टेस्ट बड्स खाने का फ़्लेवर नहीं पहचान पाएंगी.
5. लार उसी सिस्टम द्वारा नियंत्रित होती है, जो आपके दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है.
‘लार’ का निर्माण वो प्रोसेस है, जिसके बारे में हमें पता नहीं चलता है. ये उसी सिस्टम से नियंत्रित होती है, जो हमारे दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है. जिसकी वजह से आपकी बॉडी देर दोपहर में ज़्यादा लार बनाती है और रात में जब हम सो जाते हैं, तब उसे कम कर देती है. (Saliva Amazing Facts)
क्या आपने कभी सोचा है कि हाई स्ट्रेस के वक़्त आपका मुंह क्यूं सूख जाता है? ऐसा इसलिए क्योंकि आपकी बॉडी का उस दौरान फ़ाइट मोड एक्टिवेट हो जाता है, जो आपकी लार के लेवल को प्रभावित करता है. ये डाइजेस्टिव सिस्टम इस रिस्पांस के समय आपकी एनर्जी बचाने के लिए हर चीज़ करता है, जिसमें आपकी लार का प्रोडक्शन भी शामिल है. इसलिए आपका इस दौरान गला सूख जाता है.
लार की 5 अलग-अलग स्टेज होती हैं, जो खाना खाने के बाद से ही शुरू होती हैं. पहली तरह का थूक ‘Cephalic’ कहलाता है, जब आप कुछ टेस्टी देखते या सूंघते हैं. इसके बाद ‘Buccal’ फेज़ शुरू होता है, जो आपके मुंह में फ़ूड के रिस्पांस में क्रिएट होता है. ये उस टाइप की लार होती है, जो आपको निगलने में मदद करती है. इसके बाद Esophageal लार आपके फ़ूड को अन्नप्रणाली से नीचे ले जाने में मदद करती है. इसका चौथा फेज़ Gastric फेज़ होता है, जो तब होता है जब आपको उल्टी आने वाली होती है. वहीं Intestinal Stage तब आती है, जो आपका पेट आपकी ऊपरी आंत से गुज़रने के लिए सहमत नहीं हो सकता है.
8. जब आप किस करते हैं, तो उसमें बैक्टीरिया मौजूद होते हैं.
आप चाहे कितनी भी ब्रश कर लो, लेकिन फिर भी आपके मुंह में 700 प्रकार के बैक्टीरिया मौजूद होते हैं. जब आप किसी से किस करते टाइम में लार एक्सचेंज करते हैं, तब आप अपने मुंह में काफ़ी बैक्टीरिया को न्योता भेज रहे हैं. हालांकि, ये किसी चिंता की बात नहीं है. अपने पार्टनर के साथ अंतरंग गतिविधियों के माध्यम से एक ही प्रकार के बैक्टीरिया को साझा करना काफ़ी नॉर्मल है.
9. थूक को एक बार Lie डिटेक्टर के रूप में यूज़ किया गया था.
कुछ प्राचीन सभ्यताओं में ‘लार’ का उपयोग मूल प्रकार के लाई डिटेक्टर के रूप में किया जाता था. उदाहरण के लिए, भारत में प्राचीन समाजों ने झूठे लोगों पर चावल के दाने चबाने का आरोप लगाया था. अगर वे सच कह रहे थे, तो अनुमान ये था कि चावल को फिर से थूकने के लिए उनके पास पर्याप्त लार होगी. अगर कोई झूठ बोल रहा था, तो उसका मुंह सूख जाएगा और चावल बाहर निकलना मुश्किल होगा.
10. लार एक नेचुरल पेन किलर के रूप में कार्य करता है.
‘लार’ में एक ऐसा पदार्थ होता है, जिसको Opiorphin कहा जाता है. इसे साल 2006 में डिस्कवर किया गया था. ये Morphine से ज़्यादा पॉवरफ़ुल होती है. ऐसा इसलिए है क्योंकि ये दर्द की धारणा को रोकता है.