Silver Tips Imperial Tea: पश्चिम बंगाल (West Bengal) का ख़ूबसूरत हिल स्टेशन दार्जिलिंग (Darjeeling) हमेशा से ही अपनी कड़क चाय के लिए मशहूर रहा है. पिछले 200 से अधिक सालों से दार्जिलिंग के चाय बागान दुनिया के कई देशों को चाय निर्यात कर रहे हैं. इसी वजह से इसे दुनिया दार्जिलिंग को ‘शैम्पेन ऑफ़ टी’ के नाम से बुलाती है. दार्जिलिंग में वैसे तो कई तरह की चाय उगाई जाती है, लेकिन यहां की सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय (Silver Tips Imperial Tea) बेहद ख़ास है. इसे भारत की सबसे महंगी चाय के तौर पर भी जानते हैं. ये दुनिया की टॉप 10 सबसे महंगी चाय में भी शुमार है. 

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दार्जिलिंग (Darjeeling) में चाय के कुल 87 बागान हैं. हर एक बागान में अपने तरह की अनूठी, शानदार ख़ुशबू वाली चाय तैयार की जाती है. दुनिया भर में दार्जिलिंग टी मशहूर है. ख़ासकर दार्जिलिंग की Silver Tips Imperial Tea आज दुनिया भर में सबसे ज़्यादा मशहूर है. इस चाय को तैयार होते ही ब्रिटेन, अमरीका और जापान के ख़रीदार ले जाते हैं. अगर आप दार्जिलिंग से 33 किलोमीटर दक्षिण की तरफ़ जाएं, तो यहां आपको दुनिया की सबसे पुरानी चाय की फै़क्ट्रियों में से एक मिल जाएगी, जिसका नाम मकाईबाड़ी चाय बागान है.

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163 साल पुराना है ‘मकाईबाड़ी का बागान’

मकाईबाड़ी चाय बागान दार्जिलिंग का सबसे पुराना टी एस्टेट है. इसकी स्थापना 1859 में हुई थी. ये भारत के उन गिने-चुने टी एस्टेट में से एक है, जो कभी भी अंग्रेज़ों के कब्ज़े में नहीं रहा. इसे 159 साल पहले जीसी बनर्जी ने स्थापित किया था. आज इस बागान को उनके पड़पोते राजा बनर्जी चलाते हैं. ये दुनिया का पहला बायोडायनैमिक टी फ़ार्म है. जहां बाक़ी के चाय बागान मिट्टी और पौधों की मदद से बेहतरीन चाय पैदा करते हैं, वहीं मकाईबाड़ी इसके लिए जन्नत की तरह है. मकाईबाड़ी में धरती और ब्रह्मांड के दूसरे ग्रहों की चाल के हिसाब से चाय तैयार की जाती है. ये काम मार्च से अक्टूबर के बीच होता है.

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कुछ ख़ास लोग ही तोड़ते हैं इसकी कलियां 

दार्जिलिंग की वर्ल्ड फ़ेमस ‘Silver Tips Imperial’ चाय ‘मकाईबाड़ी बागान’ में ही उगाई जाती है. दुनिया की सबसे महंगी चाय में शुमार ‘सिल्वर टिप्स इम्पीरियल’ की कलियों को साल के कुछ ख़ास दिनों में ही 4 से 5 बार तोड़ा जाता है. इस चाय की कलियों को कुछ ख़ास लोग ही तोड़ते हैं और इसे सिर्फ़ पूर्णमासी की रात में ही तोड़ा जाता है. पूर्णमासी की रात को हाथ में मशाल लिए हुए ‘मकाईबाड़ी बागान’ के कुछ ख़ास मज़दूर ही इसकी कलियां चुनते हैं और भोर होने से पहले ही पैक कर दिया जाता है. सूरज की किरणें पड़ने से इसकी ख़ुशबू पर असर पड़ता है और इसका स्वाद ही नहीं, रंग-रूप भी बदल जाता है.

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पूर्णमासी के दौरान ही क्यों तोड़ी जाती?

बीबीसी हिंदी से बातचीत में मकाईबाड़ी चाय बागान के मैनेजर संजय दास ने बताया कि, सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय को तोड़ने की प्रक्रिया देखने के लिए सैलानी दूर देशों से दार्जिलिंग आते हैं. इस चाय को पूर्णमासी के दौरान तोड़ने की ख़ास वजह है. इस दौरान समुद्र में ज्वार आता है, जो बहुत ताक़तवर होता है. पूरे ब्रह्मांड की शक्ति धरती पर असर डालती है. ऐसे मौक़े पर जो चीज़ भी तैयार की जाती है, वो बहुत ताक़तवर होती है. उस वक़्त हवा में ज़्यादा ऑक्सीजन होती है और आबो-हवा में ऊर्जा ज़्यादा होती है. इसकी वजह से नरम और चिकनी चाय की पत्तियां तैयार होती हैं.

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1.36 लाख रुपये प्रति किलो 

दार्जिलिंग की ‘सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय’ केवल 50 से 100 किलो के बीच ही पैदा होती है. तैयार होने ही जापान, ब्रिटेन और अमरीका के ख़रीदार इसे एडवांस में ख़रीद लेते हैं. जितनी इसकी ख़ासियतें हैं उतनी ही ज़्यादा इसकी क़ीमत भी है. साल 2014 में Silver Tips Imperial Tea 1.36 लाख रुपये प्रति किलो से भी ज़्यादा दाम पर बिकी थी. भारत में पैदा हुई ये किसी भी चाय की अब तक की सबसे ज़्यादा क़ीमत का रिकॉर्ड है.

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चाय का दीवाना है ब्रिटेन का शाही परिवार

दार्जिलिंग के ‘मकाईबाड़ी चाय बागान’ में उगने वाली Silver Tips Imperial Tea के शौकीनों में ब्रिटेन का शाही परिवार भी है. साल 2018 में अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन की पूर्व महारानी एलिज़ाबेथ को ‘सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय’ का एक पैकेट गिफ़्ट किया था. इसके साल 2014 के Football World Cup के दौरान भी ‘सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय’ बेची गई थी. 

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ये है एंटी-एजिंग चाय 

दार्जिलिंग की जान Silver Tips Imperial Tea की ख़ुशबू और क़ीमत तो जानदार है ही, इसकी और भी कई ख़ूबियां हैं. ये एंटी-एजिंग है और डिटॉक्स भी करती है. इसके अलावा इस चाय में मौजूद पॉलीफ़ेनोलिक कंपोनेंट्स की वजह से पाचन तंत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. कई रोगाणुरोधी गुण होने की वजह से ये चाय पाचन तंत्र की सफाई भी करती है, जिसके पाचन तंत्र स्वच्छ और मज़बूत बना रहता है. 

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बता दें कि 50 किलो Silver Tips Imperial Tea तैयार करने के लिए 200 किलो ताज़ा पत्तियों की ज़रूरत होती है. दार्जिलिंग में वैसे तो कई चाय बागानों में ‘सिल्वर टिप्स इम्पीरियल चाय’ तैयार होती है. लेकिन ‘मकाईबाड़ी चाय बागान’ में ही इसे पूर्णिमा की रात को तोड़ा जाता है. 

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