देश के अधिकांश हिस्सों में लोग पानी की कमी की समस्या से जूझ रहे हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, देश के 21 शहरों में साल 2020 तक ग्राउंड वाटर ख़त्म हो जाएगा. मतलब हमारा देश अपने इतिहास के सबसे गहरे जल संकट के दौर से गुज़र रहा है. इससे बचने का एकमात्र उपाय है, बारिश के पानी का संरक्षण करना. आइए जानते हैं कुछ ऐसे सरल उपायों के बारे में जिनकी मदद से आप आसानी से अपने घर पर ही वर्षा के जल को इक्कठा कर उसका उपयोग कर सकते हैं. 

1. Rain Barrel 

ये सबसे आसान उपाय है बारिश के पानी को इक्कठा करने का. इसके लिए आपको छत के पाइप को एक बैरल(ड्रम) से जोड़ना है. जब भी बारिश होगी तो इस ड्रम में उसका पानी एकत्र हो जाएगा, जिसे आप बाद में अपने हिसाब से इस्तेमाल कर सकते हैं. 

2. Rainwater Syringe System 

nif.org.in

इस तकनीक की खोज केरल के KJ Antoji ने की थी. इसकी मदद से आप वर्षा के पानी को ज़मीन में सैंकड़ों मीटर नीचे स्टोर कर सकते हैं. 

3. Upcycled Bottle Rain Chain 

Bottle Rain Chain में आपको पीवीसी के पाइप का इस्तेमाल नहीं करना होगा. वर्षा के जल को बचाने के लिए आपको बस कुछ कांच की बोतल, एक चेन और एक ड्रम की ज़रूरत होगी. ये देखने में भी काफ़ी ख़ूबसूरत लगता है.

4. Splash Block 

इसे छत से आए पाइप के नीचे लगाया जाता है. ये मुख्यत प्लास्टिक या फिर कंक्रीट का बना होता है. ये बारिश के दौरान छत से बह रहे पानी के प्रेशर को कम कर ज़मीन में गड्ढा होने से बचाता है. इसकी मदद से मिट्टी का कटाव भी नहीं होता और पानी को स्टोर करने में भी आसानी होती है. 

5. Rain Saucer 

उल्टे छाते की तरह दिखाई देने वाली इस डिवाइस को आप अपने घर पर ही बना सकते हैं. इसके लिए आपको एक ड्रम और दो चौड़े प्लास्टिक कंटेनर्स की ज़रुरत होती है. इसकी मदद से आप आसमान से गिर रहे बारिश के पानी को डायरेक्ट स्टोर कर सकते हैं. 

6. Rain Water Reservoir 

thebetterindia.com

इस विधि में छत से गिर रहे बारिश के पानी को एक टैंक में इक्कठा किया जाता है. इसके बाद इसे छानकर भूमिगत टैंक में स्टोर करने के लिए भेज दिया जाता है.  

7. Rain Garden 

इसकी मदद से आप पानी को फ़िल्टर कर ज़मीन में भेज सकते हैं. साथ ही पौधों को भी पानी मिल जाएगा. इसके लिए आपको अपने घर की छत से आ रहे पानी को गार्डन में कुछ दूरी पर स्टोर करना होगा. 

8. Recharge Pit

thebetterindia.com

इनकी मदद से आप भूजल स्तर को बढ़ाने में हेल्प कर सकते हैं. ये मुख्यत 1 मीटर चौड़े और करीब 6 मीटर गहरे होते हैं. इनमें बीच-बीच में कई छेद होते हैं, जिनसे अगल-अलग लेवल पर ग्राउंड वाटर रिचार्ज होता है. 

तो इस बार बारिश के पानी को यूं ही नाली में न बहने देना.

इस तरह के और आर्टिकल पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.