हम सभी जानते हैं कि स्मोकिंग से हमारे शरीर पर क्या दुष्प्रभाव पड़ता है. स्मोकिंग से होने वाले ख़तरों से अवगत करवाने के लिए सरकार ने सिगरेट के डिब्बों पर ख़तरनाक तस्वीरें भी छापती ही है. पर क्या आप जानते हैं कि स्मोकिंग से सिर्फ़ शारीरिक स्वास्थ्य को ही नहीं, मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित होता है.


एक रिपोर्ट के अनुसार, Hebrew University of Jerusalem, University of Belgrade और University of Pristina के शोधार्थियों ने Serbian विश्वविद्यालयों के अलग-अलग बैकग्राउंड से आने वाले 2000 छात्रों पर एक स्टडी की.

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इस शोध में पाया गया कि स्मोक करने वाले छात्रों में क्लिनिकल डिप्रेशन का रेट, स्मोक न करने वाले छात्रों के मुक़ाबले 2-3 गुना ज़्यादा है. 


स्टडी के लिगल ऑथर, Hagai Levine ने बताया, 
‘हमारी स्टडी स्मोकिंग और डिप्रेशन के बीच के लिंक के लिए एक अहम सुबूत है. वैसे तो ये कहना जल्दबाज़ी होगी कि स्मोकिंग से डिप्रेशन होता है पर तंबाकू का मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव ज़रूर पड़ता है.’ 

स्टडी में पाया गया कि 14% स्मोकर्स डिप्रेस्ड हैं, जबकि सिर्फ़ 4% नॉन स्मॉकर्स ही डिप्रेस्ड पाए गए.


 ज़्यादातर स्मोकर्स कहते हैं कि वे स्मोकिंग छोड़ना चाहते हैं पर जब स्ट्रेस और एन्ज़ाइटी होती है तो स्मोक कर लेते हैं.

ये एक आम धारणा है कि स्मोकिंग से लोग रिलैक्स्ड महसूस करते हैं, एक रिपोर्ट ने इस बात का खंडन किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक़, स्मोकिंग से एन्ज़ाइटी और स्ट्रेस बढ़ता है. 

इस रिपोर्ट के मुताबिक़, नॉन-स्मोकर्स के मुक़ाबले स्मोकर्स को डिप्रेशन होने के ज़्यादा चांस हैं. 

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स्मोक करने के बाद रिलैक्स्ड महसूस क्यों होता है? 


स्मोकिंग ब्रेन के कुछ केमिकल्स के काम करने के तरीके में हस्तक्षेप करते हैं. जब स्मोकर्स कुछ देर के लिए सिगरेट नहीं पीते हैं तो उन्हें सिगरेट पीने की तलब होती है और सिगरेट न मिलने पर वो चिड़चिड़े और Anxious हो जाते हैं. ये फ़ीलिंग कुछ देर के लिए दूर हो जाती है बशर्ते स्मोकर एक सिगरेट पी ले. इसलिए स्मोकर्स को लगता है कि स्मोकिंग से मूड अच्छा हो जाता है. 

दरअसल, स्मोकिंग की वजह से ही स्मोकर को Anxiety हुई थी.

स्मोकिंग न करने से न सिर्फ़ मूड अच्छा होता है बल्कि Anxiety भी कम होती है.   

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स्मोकिंग छोड़ने से मानसिक स्वास्थ्य को लाभ 


– Anxiety, डिप्रेशन और स्ट्रेस लेवल काफ़ी कम हो जाता है.
– जीवनशैली सुधरती है और मूड सकारात्मक रहता है.
– अगर कोई व्यक्ति मानसिक स्वास्थ्य को सही करने के लिए दवाईयां ले रहा है तो इसकी मात्रा भी कम हो जाती है.

मेंटल हेल्थ प्रॉबलम्स वाले स्मोकर्स को क्या-क्या खतरे हो सकते हैं 


जिन लोगों को Schizophrenia, Anxiety या डिप्रेशन जैसे मेंटल हेल्थ प्रॉबलेम्स होते हैं

– उनके बाक़ियों के मुक़ाबले स्मोकर बनने के ज़्यादा चांस हैं. 
– वो बाक़ियों के मुक़ाबले ज़्यादा स्मोक करते हैं. 
– उन्हें Antipsychotic दवाई और ऐंटिडिप्रेसेंट्स के ज़्यादा डोज़ की ज़रूरत पड़ती है. 

स्मोकिंग छोड़ना ठीक वैसे ही अफ़ेक्ट देता है जैसा कि ऐंटिडिप्रेसेंट्स मेंटल हेल्थ प्रॉबलेम्स से ग्रसित व्यक्ति स्मोकिंग छोड़ने पर अन्य के मुक़ाबले ज़्यादा बेहतर महसूस करता है. 

Independent

स्मोकिंग छोड़ने के टिप्स के लिए ये लेख पढ़ें-


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