Online Shopping: कोरोना जब से आया है ऑनलाइन शॉपिंग करना ज़्यादा बढ़ गया है. इसका मतलब ये नहीं है कि पहले लोग ऑनलाइन शॉपिंग (Online Shopping) नहीं करते थे. पहले भी करते थे, लेकिन ज़्यादा नहीं, ज़्यादातर चीज़ें लोग ख़ुद जाकर भी ले लेते थे, क्योंकि कुछ चीज़ें ऐसी होती हैं, जो ऑनलाइन से सस्ती ऑफ़लाइन जाकर मिल जाती हैं. इसके अलावा, कुछ चीज़ें ऐसी भी ऑनलाइन बिक रही हैं, जो गांव-घर या परचून की दुकान या फिर बाज़ारों में बहुत कम दाम में मिल जाती हैं, लेकिन शहरों में वही चीज़ें ऑनलाइन हज़ारों रुपये की हैं. यहां तक कि उनपर कोई डिस्काउंट भी नहीं हैं. इनमें से कुछ चीज़ें तो हमारे बचपन में खेलने के काम आती थीं, जिन्हें शायद हम खेलेने के बाद फेंक भी देते थे. वही ऑनलाइन इतनी महंगी है कि सोचकर होश उड़ जाएंगे.
ऑनलाइन (Online Shopping) में वो चीज़ें हज़ारों रुपये की हैं, जो बचपन में हमें फ़्री में या तो 10-20 रुपये में आसानी से मिल जाती थीं. एक चॉक का पैकेट अगर हम स्टेशनरी से लेने जाते हैं तो 10 रुपये का मिल जाता है, लेकिन वही चॉक ऑनलाइन 100 रुपये से भी ज़्यादा में मिल रही है.
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1. स्लेट चॉक (Slate Chalk)
ब्लैक बोर्ड पर लिखने वाली चॉक तो स्कूल से फ़्री में लाने को मिल जाती थी. अगर ख़रीदनी भी पड़ी तो 10 रुपये की या फिर उसके अंदर ही मिल जाती थी, लेकिन ऑनलाइन यही चॉक 127 रुपये की बिक रही है.
2. चारपाई
गांव-घरों में आसानी से मिल जाने वाली खटिया, जिसे किसी के भी घर से मांग कर भी ला सकते हैं. इतना ही नहीं, एक-एक घर में कम से कम चार-चार तो होती ही हैं. इसलिए कभी सोचा है कि ये आसानी से मिल जाने वाली खाट ऑनलाइन 22,500 रुपये तक बिक रही है.
3. मिट्टी
घर के पास और खेतों के आसा-पास कितनी ही मिट्टी मिल जाती है, लेकिन शहरों में जिस तरह से ऊंची-ऊंची इमारतें बन रही हैं. इसके चलते मिट्टी मिलना अब सोने से भी महंगा हो गया है. शायद इसीलिए अब मिट्टी भी ऑनलाइन बिक रही है, जो ऑनलाइन साइट्स पर गार्डन के लिए इस्तेमाल की जाने वाली लाल मिट्टी के रूप बेची जा रही है, जिसकी 6 किलो की क़ीमत 250 रुपये है.
4. नारियल शेल
नारियल तो इस्तेमाल किया ही होगा, लेकिन क्या इसकी शेल को संभाल कर रखा है नहीं तो अब रख लेना क्योंकि ज़रूरत पड़ने पर ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स से रुपये देकर ख़रीदना पड़ेगा. ऑनलाइन यही नारियल शेल्स 399 रुपये में बिक रहे हैं.
5. गोबर के उपले
गोबर के उपले यानि कंडे ऑनलाइन अब ये भी बिकने लग गए हैं. और आपको ऑर्गेनिक कंडे भी मिल जाएंगे. हालांकि, गांव के लोगों को ये बात सुन कर ही अजीब लगेगा, लेकिन ऑर्गेनिक कंडे भी मिलने लग गए हैं, जो नॉर्मल कंडों से महंगे हैं. ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर आपको ये उपले 680 रुपये के मिलेंगे.
6. चूल्हे की राख
चूल्हे की राख छेरों गांव में फेंक दी जाती है. वहां पर इसकी कोई क़ीमत नहीं, लेकिन ऑनलाइन साइट्स पर इसकी बहुत क़ीमत है. तभी तो ऑनलाइन यही राख ऑनलाइन 1,199 रुपये में बिक रही है.
7. मिट्टी का चूल्हा
बचपन में मिट्टी के बर्तन ख़ूब बनाए होंगे. इसमें एक मिट्टी का चूल्हा भी होता था, जिसे अगल-बगल से मिट्टी लाकर बना लेते हैं. यहां तक घर में भी इस्तेमाल होने वाला चूल्हा भी फ़्री में बन जाता है, लेकिन पता है यही फ़्री में बनने वाला चूल्हा ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर 999 रुपये का बिक रहा है.
8. हवन या चूल्हे की लकड़ी
खेतों से या आस-पास के जंगलों से जो लकड़ी न जाने कितने किलो फ़्री में ले आते होंगे उसे ऑनलाइन ख़रीदने के लिए 449 रुपये देने होंगे.
9. मिट्टी क बर्तन
घर पर खेल-खेल में बना लेने वाले बर्तन आज ऑनलाइन 438 रुपये के बिक रहे हैं. 90 के दशक के बच्चे तो कभी नहीं ख़रीदेंगे. हां, आज के बच्चे तो फटाक से लेंगे.
भाई, ये लोग आज तो कुछ भी बेच देते हैं.