कुछ लोगों का मानना है कि दुनिया दैवयी शक्ति से चलती है. वहीं कुछ लोग इस बात पर यकीन करने को तैयार नहीं होते. पर दक्षिण अफ़्रीका से ऐसी कहानी सामने आई है, जिसे जानने के बाद आपको आलौकिक शक्तियों पर विश्वास हो जायेगा. कहानी दक्षिण अफ़्रीका के लिंपोपो प्रांत की है. कहते हैं कि यहां बारिश भगवान नहीं, बल्कि रानियों की मर्ज़ी से होती है.
ऐसा कहा जाता है कि प्रांत के आदिवासी समुदाय के पास बारिश कराने और रुकावने की शक्ति है. यूं कह लाजिये कि कुदरती चीज़ पर उनका नियंत्रण है.
सच क्या है?
इस रोचक कहानी की शुरुआत 400 साल पहले हुई थी. प्रांत में जिम्बाब्वे से आने वाले आदिवासियों ने बसेरा डालना शुरू किया. उस दौरान यहां पुरुषों का राज हुआ करता था. शासन के लिये मार-पीट और क़त्ल तक की नौबत आ जाती थी. इस दौरान वहां के आखिरी राजा को ईश्वर सपने में आये और उन्होंने कहा कि सत्ता की डोर स्त्रियों के पास होनी चाहिये.
इसके बाद राजा ने सत्ता की कमान अपनी बड़ी बेटी को सौंप दी और राज्य के हालत पहले से बेहतर होने लगे. यही नहीं, कई लोग ऐसा भी मानने लगे कि रानी के पास बारिश कराने की शक्ति है. वहीं महारानी भी ख़ुद को अलग साबित करने के लिये तंत्र-मंत्र का सहारा लेने लगीं. रानी ने सत्ता के मोह में शादी भी नहीं की और पारिवारिक पुरुषों से संबंध बना कर बच्चों को जन्म दिया. नाम के लिये सत्ता की कमान स्त्री के हाथ में थी, पर असली देख-रेख पुरुष ही करते थे.
1800 से 1854 तक वहां पहली रानी का शासन चला. हालांकि, रानी की मौत के बाद उनकी बेटी को शासन तो मिला, लेकिन अधिकार नहीं. तीन रानियां सत्ता में तो आईं, पर उन्हें नस्लभेद का टारगेट बनाया गया. 1972 के बाद अब एक बार फिर से सत्ता पर किसी स्त्री का अधिकार होगा. अब देखना ये है कि क्या सच में नई रानी के पास बारिश के नियंत्रण की शक्ति होगी या नहीं. क्या फिर से इतिहास दोहराया जायेगा या सामने आएगी एक नई और दिलचस्प कहानी?