आप ख़ुद को कितना ही निडर क्यों न समझ लें, लेकिन ‘सांप’ का नाम सुन कर हर किसी के पसीने छूट जाते हैं. सांप मतलब डर और ख़ौफ़ का डरावना दृश्य. है न! एक ओर जहां हम सांपों से इतना डरते हैं. वहीं आगरा स्थित एक गांव ऐसा भी है, जहां आपको घर-घर सांप घूमते दिखाई देंगे.

ये अनोखी जगह कोई और नहीं, बल्कि ‘सोरन गांव’ है. इस गांव के लोगों के लिये सांप उनके घर के सदस्य जैसा है. गांव के बच्चे गुड्डे-गुड़िया के साथ नहीं, बल्कि सांपों के साथ खेलते नज़र आते हैं. रोचक बात ये है कि इस गांव के बच्चे पढ़ते समय भी हाथ में सांप लिये रहते हैं. हमारे और आपके लिये ये चीज़ थोड़ी ख़तरनाक हो सकती है, लेकिन गांव वालों के लिये सब कुछ आम बात है.

आगरा से लगभग 25 किमी की दूरी पर स्थित सोरन गांव के लोग घरों में सांप को ऐसे पालते हैं, जैसे बाक़ी लोग घर में गाय, भैंस और कुत्ता-बिल्ली पालते हैं. इस गांव में अधिकतर लोग सपेरे हैं, जो सांपों के खेल से अपना पेट पालते हैं. ये काम पीढ़ी दर पीढ़ी यूं ही चली आ रही है.
ग्रामीणों का कहना है कि उनके और सांप के बीच बिल्कुल बाप-बेटा जैसा रिश्ता है

इस गांव में आपने वाले लोगों को ये सपेरे करतब दिखा कर पैसा कमाते हैं, जिससे उनका घर चलता है. इसके साथ ही उस कमाई से बच्चों की पढ़ाई पर भी फ़ोकस किया जा रहा है, ताकि आने वाली पीढ़ी को उनकी तरह मुसीबतें न झेलनी पड़ें. दुःखद बात ये है कि इस गांव के लोग आज भी सरकारी सुख-सुविधाओं से वंचित हैं. इन लोगों के पास किसी तरह का जाति प्रमाणपत्र भी नहीं है.

ज़हरीले सांपों से खेलना इनकी ज़रूरत भी है और मजबूरी भी, लेकिन हाल फ़िलहाल में वन विभाग की कार्यवाही की वजह से अब इस गांव के लोगों के सिर पर रोज़ी-रोटी का संकट भी मंडराने लगा है.