राजस्थान ऐतिहासिक क़िलों और महलों के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है. जयपुर का ‘आमेर क़िला’ विश्व धरोहर स्थल के तौर पर भी काफ़ी मशहूर है. इसे ‘अंबर क़िला’ या ‘अंबर पैलेस’ भी कहा जाता है. इसकी ख़ूबसूरती को निहारने हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटक जयपुर आते हैं. इस ऐतिहासिक क़िले की कुछ दिल को छू जाने वाली तस्वीरों के साथ हम आपको इस क़िले से जुड़े कुछ रोचक तथ्य बताएंगे.
आमेर के क़िले की ख़ूबसूरती को अपने अंदर समेटे इन तस्वीरों को देखने के आपका भी मन यहां जाने का न करने लगे तो कहना.
1. ‘आमेर फ़ोर्ट’ जयपुर सिटी से 11 किमी. दूर अरावली की पहाड़ी पर बना है.
2. ‘आमेर फ़ोर्ट’ 16वीं सदी में राजा मान सिंह के समय में बनना शुरू हुआ था.
3. राजा सवाई जय सिंह द्वितीय और राजा जय सिंह प्रथम के काल में भी इसका निर्माण बंद नहीं हुआ था.
4. ‘आमेर फ़ोर्ट’ को बनने में क़रीब 100 साल लगे थे. इसलिए कहते है ंकि ये दो शताब्दियों में बना है.
5. इस विशाल क़िले का नाम ‘अंबा माता’ के नाम पर रखा गया था.
6. क़िले में दीवान-ए-ख़ास, दीवान-ए-आम और सुख निवास जैसे कक्ष भी हैं.
7. इस क़िले का निर्माण ख़ासतौर पर शाही परिवार के रहने के लिए किया गया था.
8. इस क़िले के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और सफ़ेद संगमरमर के पत्थर का प्रयोग हुआ है.
9. इस क़िले में एक तरफ बड़े-बड़े गलियारे नज़र आते हैं, वहीं दूसरी तरफ यहां संकरी गलियां भी है.
10. मुग़ल और राजपूताना स्थापत्य कला का ये बेजोड़ नमूना है.
11. आमेर क़िले के ठीक सामने ‘माओटा’ नामक झील बनी है जो इसकी ख़ूबसूरती में चार चांद लगा देती है.
12. इस क़िले के अंदर ‘माता शिला देवी’ का मंदिर है. इसकी मूर्ती बांग्लादेश से लाए गए एक पत्थर से बनाई गई थी.
13. इस मंदिर का निर्माण राजा मानसिंह ने करवाया था.
14. क़िले में एक शीश महल भी है. इसमें कई बॉलीवुड फ़िल्मों की शूटिंग हो चुकी है.
15. शीश महल में शीशे ऐसे लगाए गए हैं कि दीये (लाइट्स) जलते ही पूरा महल रौशन हो उठता है.
16. इस क़िले से 2 किलोमीटर की दूरी पर एक छोटा सा क़िला भी है. इसका नाम जयगढ़ क़िला है.
17. जयगढ़ क़िले को सुरंग द्वारा आमेर क़िले से जोड़ा गया है. युद्ध छिड़ जाने पर इसे राजा को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
18. आमेर के क़िले में राजा-महाराजा जहां से प्रवेश करते थे उसे गणेश पोल कहते हैं. ये क़िले का मुख्य प्रवेश द्वार है.
19. साल 2013 में आमेर फ़ोर्ट को यूनेस्को द्वारा ‘विश्व धरोहर स्थल’ की मान्यता दी गई थी.
20. क़िले के अंदर पर्यटकों के लिए एक बाज़ार भी लगता है. यहां आप मोतियों से बनी चीज़ें और हस्तशिल्प के नायाब नमूने ख़रीद सकते हैं.
तो कब जा रहे हैं आमेर फ़ोर्ट के दर्शन करने?