Success Story Of Roman Saini: सफलता हर कोई पाना चाहता है और इसके लिए लोग कड़ी मेहनत भी करते हैं. वहीं, एक बड़ी आबादी वाले देश भारत में युवा क्लर्क के जॉब से लेकर यूपीएससी की परीक्षा के लिए सालों तक तैयारी में लग जाते हैं. इनमें कुछ सफल हो जाते हैं, जबकि कई किस्मत की बाज़ी फिर से खेलते हैं. 


लेकिन, क्या कोई IAS जैसा बड़ा पद पाने के बाद जिसके लिए उसने तैयारी की हो उसे छोड़ कुछ और करने का सोच सकता है? अधिकांश लोग इस पद को छोड़ना नहीं चाहेंगे, लेकिन इस आर्टिकल में हम जिस शख़्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं वो पूर्व IAS रह चुका है और आज करोड़ों का कारोबार करता है. आइये, जानते हैं क्या है इनकी पूरी कहानी.     

आइये, अब विस्तार से पढ़ते (Success Story Of Roman Saini) हैं आर्टिकल   

पूर्व IAS अधिकारी   

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Success Story Of Roman Saini : हम जिस शख़्स के बारे में आपको बताने जा रहे हैं उनका नाम है रोमन सैनी और वो पूर्व IAS अधिकारी हैं. रोमन सैनी राजस्थान राज्य के कोटपुतली के रायकरनपुर के रहने वाले हैं. उनके पिता एक इंजीनियर हैं और माता हाउस वाइफ़. उन्होंने 16 साल की उम्र में मेडिकल कॉलेज AIIMS की परीक्षा पास कर ली थी. वहीं, MBBS पूरा करने का बाद उन्होंने NDDTC में बतौर जूनियर रेजिडेंट काम किया था. वहीं, उनका यूपीएससी का ऑल इंडिया रैंक 18वां था.   

IAS बनने का ख्याल कैसे आया  

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Success Story Of Roman Saini : एक मीडिया संगठन से बात करते हुए रोमन सैनी ने बताया था कि साल 2011 में वो एक डॉक्टर के रूप में कुछ मैडिकल कैंप में गए, तो उन्हें महसूस हुआ कि ग़रीबी सबसे ख़तरनाक बीमारी है. लोगों में सेहत से लेकर साफ़-सफ़ाई जैसी मूलभूत चीज़ों का अभाव था और इन्हें दूर करना ज़रूरी भी है. रोमन का मानना था कि एक डॉक्टर के रूप में मैं ऐसा नहीं कर सकता था, इसलिये मैंने आईएएस बनने का सोचा.


IAS से Unacademy का सफ़र   

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Success Story Of Roman Saini : लाखों बच्चों के सपने वाली IAS की नौकरी बहुत ही जल्द रोमन सैनी ने छोड़ दी और उन्होंने बच्चों की बेहतर पढ़ाई और तैयारी के लिए Unacademy की शुरुआत की. ये एक ऑनलाइन कोचिंग सेंटर है, जहां विभिन्न परीक्षाओं के तैयारियां करवाई जाती है. 


रोमन इसे अपने दोस्त गौरव मुंजाल के साथ चलाते हैं. रोमन सैनी, गौरव मुंजाव के अलावा हेमेश सिंह भी कंपनी के को-फाउंडर लिस्ट में हैं. वहीं, इसका हेडक्वाटर बेंगलुरु में है. Economictimes के अनुसार, अनअकैडमी का वैल्यूएशन ₹15000 करोड़ से अधिक है.   

इसकी शुरुआत 2015 में एक YouTube चैनल से हुई थी. वहीं, 2017 तक ये भारत का एक बड़ा ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफ़ॉर्म बन चुका था.