Potatoes In Vines : आलू एक बहुत ही आम सब्ज़ी है, जिसका सेवन हर भारतीय घरों में किया जाता है. वहीं, ये सब जानते हैं कि आलू ज़मीन के अंदर उगता है. लेकिन, आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत का एक ऐसा अनोखा परिवार है, जो आलुओं को ज़मीन के अंदर नहीं, बल्कि उसे लताओं में उगाने का काम करता है. ऐसा कैसे होता है और वो कौन-सा परिवार है, इससे जुड़ी जानकारी हम अपने इस ख़ास लेख में आपको देने जा रहे हैं. 

आइये, अब विस्तार से जानते हैं इस अनोखे परिवार और उनके द्वारा उगाए जाने वाले ख़ास आलू (Potatoes In Vines) के बारे में. 

सूरत का परिवार 

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भारत के कई ऐसे परिवार हैं, जो अपने घर के ही छोटे से गार्डन में फल-सब्ज़ियां उगाने का काम करते हैं. वहीं, कोराना महामारी के दौरान कई भारतीयों की दिलचस्पी ऑर्गेनिक फ़ार्मिंग की ओर बढ़ी है. इस कड़ी में हम आपको सूरत के एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जो गार्डनिंग के लिए चर्चा में है. इस परिवार के बच्चों से लेकर बूढ़े सब मिलकर बागवानी करते हैं. ये परिवार है सुभाष सुरती का, जो तरह-तरह की साग-सब्जियां उगाने के साथ-साथ लताओं में आलू उगाने का काम भी करता है.  

400 से ज़्यादा पेड़-पौधे  

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बेटर इंडिया के अनुसार, सूरत के इस परिवार ने अपने घर के गार्डन में 400 से ज़्यादा पेड़-पौधे लगाए हुए हैं. कहते हैं कि ये परिवार लंबे समय से बाग़वानी करते आया है. वहीं, जब सुभाष सुरती ने 15 वर्ष पहले अपना नया घर लिया, तब उन्होंने ख़ास तौर पर बागवानी पर ध्यान दिया. गार्डनिंग अच्छी तरह हो सके, इसलिए सुभाष सुरती ने Surat Krishi Vigyan Kendra से Terrace Gardening का कोर्स भी किया है. इस कोर्स में उन्होंने मौसम के अनुसार पेड़-पौधे लगाना व संबंधित जानकारी प्राप्त की है. बता दें कि सुभाष पेशे से एक इंजीनियर हैं.

तरह-तरह के फल और सब्ज़ियां 

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जानकारी के अनुसार, सुभाष सूरती के परिवार ने 5-6 क़िस्म के फल व सब्ज़ियां लगाई हुई हैं. वहीं, फलों में अमरुद, आंवला, स्टार फ्रूट, केला, फ़ालसा व अनार लगाए हैं. साथ ही सब्जियों में पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मेथी, बैगन, धनिया, करेला, तुरई आदी उगाई गईं हैं. वहीं, 15 प्रकार के औषधीय पौधे भी सुभाष सुरती ने अपने गार्डन में लगाए हैं. इसके अलावा, वो गुलाब, रात की रानी व मोगरा जैसे फूल भी उगाते हैं. 

 सुभाष सुरती कहते हैं कि उन्हें अपने घर के लिए 30 प्रतिशत मौसमी सब्जियां गार्डन से ही मिल जाती हैं. वहीं, अपने गार्डनिंग के शौक़ के लिए वो माता-पिता को इसका श्रेय देते हैं. वो कहते हैं कि, “माता-पिता को देखकर ही मेरे अंदर बाग़वानी का शौक़ पैदा हुआ और आज मेरे साथ मेरे बच्चे भी ये शौक़ रखते हैं”.  

 छत की 1000 स्क्वायर फीट की जगह पर बाग़वानी   

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सुभाष घर के आंगन के साथ छत की क़रीब 1000 स्क्वायर फ़ीट की जगह पर बाग़वानी करते हैं. आवंला व अमरुद जैसे बड़े पेड़ों को उन्होंने घर के आंगन में लगाया है, वहीं बाकी पौधे घर की छत पर उगाए गए हैं. सुभाष कहते हैं कि, “पेड़-पौधों को अच्छी तरह उगने के लिए सूरज की रोशनी बहुत ज़रूरी है, इसलिए मैं छत पर इन्हें उगाता हूं”.    

लता में उगाते हैं आलू  

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बाकी फल-सब्जियों के अलावा वो एक अनोखे आलु को उगाते हैं, जो ज़मीन के अंदर नहीं, बल्कि लता में उगता है (Potatoes In Vines). दरअसल, ये आलु की एक ख़ास प्रजाति होती है, जो बेल में उगती है. इसे अंग्रेज़ी में Air Potato (Potatoes In Vines) के नाम से जाना जाता है. इस दुर्लभ आलु की प्रजाति को सुभाष गिर के जंगल से लाए थे. क़रीब दो साल की मेहनत के बाद आलू उगने शुरू हुए हैं. दो साल पहले लगाए गए इस पौधे की अब 25 फ़ीट लंबी बेल हो चुकी है, जो छत तक पहुंच चुकी है. सुभाष बताते हैं कि इसमें स्टार्च की मात्रा ज़्यादा होती है. उम्मीद है कि आपको ये आर्टिकल पसंद आया होगा.