दशहरा और दुर्गोत्सव शब्द सुनते ही जो ख़याल हमारे दिलो-दिमाग में आता है वह बेतहाशा भीड़, मां दुर्गा की मूर्तियां और सजे हुए टेंट-पंडाल ही होते हैं. लोग-बाग और बच्चे तो महीनों पहले से ही यहां जाने की तैयारी करते रहते हैं. दुर्गोत्सव की बात चल रही हो और कोलकाता का जिक्र न हो तो शायद यह उचित नहीं होगा. तो आइए हम आपको रूबरू कराते हैं दक्षिणी कोलकाता के देशप्रिय पार्क में बनने वाली विशालकाय मां दुर्गा की प्रतिमा से, और इस प्रतिमा को लेकर कहा जा रहा है कि यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा होगी. बाद बाकी आप ही इसे देख कर तय करिए…
एतो बोड़ो? शोत्ति! (इतना बड़ा? , सही में!)
इस तरह के प्रचार और विज्ञापन के पोस्टर्स कोलकाता में अगस्त माह से ही तारी हैं.हालांकि इसे लेकर कई लोगों का सोचना था कि यह किसी टेलीकॉम कंपनी का विज्ञापन है, तो वहीं कुछ लोगों इसे कोलकाता के सबसे बड़ी बिल्डिंग का प्रचार मान रहे थे जो हाल ही में कोलकाता में शुरू होने वाली है.
स्टार सीमेंट ने इस बात का खुलासा किया है कि यह कोलकाता के देशप्रिय पार्क में बनाए जा रहे सबसे बड़ी मां दुर्गा की प्रतिमा का प्रचार ही था. स्टार सीमेंट ग्रुप के सीइओ संजय कुमार गुप्ता ने कहा कि यह विशालकाय और गगनचुंबी प्रतिमा देशप्रिय पार्क पूजा कमिटी और स्टार सीमेंट के साझा कार्यक्रम के तहत बनायी जा रही है.
इस मूर्ति को कुमोरटोली के मशहूर मूर्ति निर्माता मिंटू पाल की देख-रेख में बनाया जा रहा है. मिंटू पाल के अनुसार यह एक बहुत बड़ा चैलेंज है. लगभग 40 कारीगर दिन-रात इस प्रतिमा के निर्माण में लगे हैं.एक बार निर्मित हो जाने के बाद इस मूर्ति को पार्क के बीच स्थित प्लेटफॉर्म तक पहुंचा दिया जाएगा.
मिंटू पाल इससे पहले सन् 2011 में एक 62 फुट की प्रतिमा का भी निर्माण कर चुके हैं. इसे उन्होंने सॉल्ट लेक एफडी ब्लॉक में निर्मित किया था. इस वर्ष वे उनका ही पिछला रिकॉर्ड तोड़ेंगे. यह प्रतिमा 100 फुट की रहने वाली है. इससे पहले वे चीन में थे. वहां वे बुद्ध की 250 फुट की प्रतिमा के निर्माण में लगे हैं.
आयोजकों ने इस प्रतिमा में लगने वाले बजट का अब तक खुलासा नहीं किया है, मगर स्टार सीमेंट की मानें तो वे इस प्रतिमा पर अब तक 2.5 करोड़ रुपये तक खर्च कर चुके हैं. सूत्रों की मानें तो सिर्फ़ मूर्ति के निर्माण में ही 50 लाख रुपये तक खर्च होने वाले हैं.
19 अक्टूबर से शुरू होने वाले इस चार दिनों के महोत्सव के लिए पूजा कमिटी हर संभव प्रयास और एहतियात बरत रही है. इसमें भीड़ का प्रबंधन और सुरक्षा भी शामिल है.
इस पूजनोत्सव के आयोजकों ने गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सर्टिफिकेट हेतु अप्लाई कर दिया है और वे उत्सुकता से उस समय का इंतज़ार कर रहे हैं जब उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा.