आपने विश्व के कई बड़े साम्राज्य व रियासतों के बारे में सुना होगा. मुग़ल साम्राज्य, जो काबुल से लेकर भारत तक फैला था. वहीं, ब्रिटिश साम्राज्य, जिसे दुनिया का सबसे बड़ा साम्राज्य कहा गया. भारत उपमहाद्वीप भी छोटी-बड़ी 565 रियासतों में बंटा हुआ था.
लेकिन, क्या आप विश्व के सबसे छोटे साम्राज्य के बारे में जानते हैं? अगर नहीं, तो हम इस ख़ास लेख में आपको यही बताने जा रहे हैं.
किंगडम ऑफ़ टवोलारा
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इटली के सार्डिनिया में एक छोटा-सा द्वीप है, जहां ‘किंगडम ऑफ़ टवोलारा’ नाम का एक छोटा साम्राज्य है. जानकर हैरानी होगी कि यह तब से अस्तित्व में है, जब इटली को एक देश का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ था. इस साम्राज्य का विस्तार ‘टवोलारा’ नाम के छोटे से द्वीप तक ही है.
कितनी आबादी है यहां की?
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जानकर हैरानी होगी कि दुनिया की इस सबसे छोटी रियासत में केवल 11 लोग ही रहते हैं. यह साम्राज्य केवल 5 वर्ग किमी में ही फैला है. अब सोच लीजिये, कितना छोटा साम्राज्य है यह.
नहीं पहचान पाओगे यहां के राजा को
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अगर आप यहां पहुंचते हैं, तो शायद यहां के राजा को पहचान न पाओ. एक राजा के लिए आपकी कल्पना से बिल्कुल उलट हैं यहां के बादशाह. यहां के राजा का नाम है एंतोनियो बर्तलिओनी. एंतोनियो बर्तलिओनी एक आम इंसान की तरह ही दिखते और रहते हैं.
एक साधारण ज़िंदगी
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आपको बता दें कि एंतोनियो बर्तलिओनी को एक राजा के तौर पर मुफ़्त भोजन ही मिलता है. वो अपना एक छोटा रेस्टोरेंट चलाते हैं और चप्पल और हाफ़ पैंट में ही दिन का ज्यादा समय बिताते हैं. उनकी अपनी नाव भी है.
राजा की ज़ुबानी उनका इतिहास
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एंतोनियो बर्तलिओनी के मुताबिक़, 1807 में उनके परदादा के परदादा (गुसेप बर्तलिओनी) दो बहनों से शादी करके इटली से यहां भागकर आ गए थे. उस समय इटली को एक देश का दर्जा प्राप्त नहीं था. वहीं, सार्डिनिया एक साम्राज्य के तौर पर विकसित हुआ था, जहां दो शादियां करना पाप था. इसलिये, गुसेप बर्तलिओनी इस द्वीप पर आकर बस गए.
सुनहरे दांत वाली बकरी
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एंतोनियो बर्तलिओनी का कहना है कि उनके परदादा के परदादा को यहां एक सुनहरे दांत वाली बकरी की प्रजाति मिल गई थी. चूंकि, यह बकरी की दुर्लभ प्रजाति थी, तो इसकी खबर इटली तक भी फैली. जब इन बकरियों का शिकार करने के लिए सार्डिनिया के राजा का इस द्वीप पर आगमन हुआ, तो उन्होंने गुसेप बर्तलिओनी से कहा कि वे सार्डिनिया के राजा हैं. इस पर गुसेप ने कहा कि वो टवोलारा के बादशाह हैं. इसके बाद गुसेप ने बकरी का शिकार करने में उनकी मदद की और पूरा द्वीप घुमाया.
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कहा जाता है कि जब सार्डिनिया के राजा वापस अपने साम्राज्य पहुंचे, तो उन्होंने साफ़ ऐलान करवाया कि टवोलारा उनके क्षेत्र का हिस्सा नहीं है. इसके बाद टवोलारा एक स्वतंत्र साम्राज्य बनकर सामने आया. इसके बाद से बर्तलिओनी घराने का शासन यहां चलते आ रहा है.
सैनिक अड्डा
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माना जाता है कि 1962 में नैटो (NATO) का एक सैनिक अड्डा यहां बनाया गया, जिससे इस छोटी-सी रियासत की संप्रभुता ख़तरे में आ गई. यहां के अधिकांश हिस्सों को रिस्ट्रिक्टेड ज़ोन बना दिया गया, जहां किसी के आने-जाने पर पाबंदी है. वहीं, इटली ने कभी इसे अपना औपचारिक हिस्सा नहीं बनाया.
फ़ेरी सर्विस
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बता दें कि इस छोटी रियासत के राजा अपने परिवार के बाकी सदस्यों के साथ इटली से टवोलारा द्वीप तक फ़ेरी सर्विस चलाते हैं. वहीं, परिवार के बाकी सदस्य समुद्र से मछली भी पकड़ते हैं, जिन्हें पकाकर वो सैलानियों को परोसते हैं. यहां सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है. यहां सैलानी ज्यादातर दुर्लभ बकरी और बाज़ की प्रजाति को देखने के लिए यहां आते हैं.