किसी चाय प्रेमी ने लिखा है कि ज़िंदगी एक कप चाय की तरह है, ये आपके ऊपर है कि आप उसे किस तरह बनाते हैं. चाय से जुड़े इस ज्ञान को पढ़कर आप समझ ही गए होंगे की आज किस टॉपिक पर बात होगी. चाय पर, वही चाय जिसका एक प्याला पीने के बाद सारे दिन तरोताज़ा महसूस होता है और शाम को पीने पर दिनभर की थकान दूर फुर्र हो जाती है. उस पर भी अगर चाय कुल्हड़ में मिल जाए तो क्या कहना.
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शहरों में कुल्हड़ वाली चाय मिलना बहुत ही मुश्किल है और कहीं घुमते-फिरते कहीं मिल जाए कुल्हड़ वाली चाय तो दिन बन जाता है. घर पर भी हम अपने हाथों से चाय बनाकर तो पीते हैं, पर कुल्हड़ वाली चाय और उसकी सौंधी ख़ुशबू को मिस करते हैं. मैं तो कभी-कभी घर पर कुल्हड़ लाकर उसमें चाय पीता हूं, उतना स्वाद तो नहीं आता पर मन को थोड़ा सुकून मिल ही जाता है. ऑफ़िस, होटल, ट्रेन आदि में हमें अकसर टी-बैग वाली बेस्वाद चाय से ही काम चलाना पड़ता है. अगर आपको ढंग की चाय पीनी है तो किसी चाय की टपरी पर जाना पड़ता है. मगर वहां भी प्लास्टिक या फिर कागज़ के कप में चाय मिलती है. कुल्हड़ में चाय मिलने के चांस बहुत कम होते हैं.
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अगर देखा जाए तो चाय का असली स्वाद तो कुल्हड़ में ही आता है. बचपन में जब मैं गर्मियों की छुट्टियों में अपने घर जाया करता था, तब पहली बार पापा ने एक रेलवे स्टेशन पर कुल्हड़ वाली चाय पिलाई थी. उस चाय की ख़ूशबू और स्वाद घर पर बनी चाय से बहुत ही अलग था. जब मैंने उसकी पहली चुस्की ली थी, तो उसके साथ जो मिट्टी की ख़ूशबू आई थी, उसका स्वाद आज भी मुझे याद है.
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उसे पीने के बाद तो मैं गर्मियों की छुट्टियों में घर पर कुल्हड़ में ही चाय पीता था. तब गांव में रहने वाले कुम्हार कुल्हड़ बनाते थे, जिनका इस्तेमाल शादी या फिर पार्टी में किया जाता था.
कुल्हड़ वाली चाय अब बहुत कम ही पीने को मिलती है. टी-बैग वाली चाय तो ऐसे लगती है, जैसे किसी ने गर्म पानी में चाय पत्ती डालकर पकड़ा दी हो. अगर आप भी चाय लवर हैं, तो आपने भी इस बात को ज़रूर नोटिस किया होगा.
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अब तो गांव में भी कुल्हड़ वाली चाय पीने के लिए मशक्त करनी पड़ती है. ट्रेन में भी कभी-कभार ही कुल्हड़ वाली चाय पीने को मिलती है. वैसे सुनने में आया है कि सरकार फिर से कुल्हड़ वाली चाय को ट्रेन में उपलब्ध कराने की सोच रही है. अगर ऐसा होता है, तो हम जैसे चाय लवर के लिए ये किसी सपने के सच होने जैसा ही होगा. सफ़र को चाय की चुस्कियों के साथ काटने का मज़ा ही अलग होता है.
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इसमें कोई शक़ नहीं कि एक कप चाय आपके जीवन में नए रंग घोल सकती है, लेकिन एक कुल्हड़ वाली चाय आपकी ज़िंदगी रंगीन बना सकती है.
अगर आप भी कुल्हड़ वाली चाय को मिस करते हैं, तो कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमसे भी शेयर करें.
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