इडली जो कि एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है, वो आज वर्ल्ड फ़ेमस हो गई है. इसमें भी रवा इडली के क्या कहने. ये न सिर्फ़ हमारी छोटी-छोटी भूख का ख़्याल रखती है, बल्कि इसका सेवन स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी अहम है. सूजी से बनी इडली में करी पत्ता और सरसों के दानों का तड़का लगाकर नायिरयल की चटनी के साथ पेश किया जाता है. इसे देखते ही मुंह में पानी आने लगता है.
अब जब रवा इडली इतनी टेस्टी है, तो इसका इतिहास भी रोचक ही होना चाहिए. ये जानने के लिए हमने रिसर्च की तो पता चला रवा इडली और दूसरे विश्व युद्ध का ख़ास संबंध है.
इडली एक दक्षिण भारतीय व्यंजन है. इसकी खोज दक्षिण भारत में ही हुई है. कर्नाटक और तमिलनाडु दोनों इसका श्रेय लेते हैं. हालांकि, कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इडली की खोज इंडोनेशिया में हुई थई. ऐसा इसलिए क्योंकि वहां पर ही खमीर उठाकर बनाये जाने वाले अधिकतर व्यंजनों की खोज हुई है.
लेकिन रवा इडली की खोज MTR (Mavalli Tiffin Rooms) के संस्थापक यज्ञनारायण मैया ने की थी. (MTR कंपनी अपने पैक्ड फ़ूड के लिए जानी जाती है.) बात द्वितीय विश्व युद्ध की है जब यज्ञनारायण एक कॉफ़ी शॉप में काम करते थे. उस समय चावल जिससे मुख्य रूप से इडली तैयार की जाती है, उसकी शॉर्टेज हो गई. चावल की कमी ने यज्ञनारायण जी को इडली को नए तरीके से बनाने के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया.
फिर उन्होंने कई प्रकार के अनाज के साथ इडली बनाने की कोशिश की. इसी कोशिश में वो रवा इडली बनाने में कामयाब हो गए. इसकी खोज के बाद उन्होंने MTR रेस्टोरेंट की स्थापना की.
इस तरह रवा इडली हमारे और आपके खाने का हिस्सा बन गई. सांभर और नारियल की चटनी के साथ रवा इडली की बात ही कुछ और है.
अब जनाब आप कब रवा इडली ट्राई कर रहे हैं?
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