आज भी पृथ्वी पर ऐसी कई सभ्यताएं और जनजातियां मौजूद हैं, जो सामान्य जीवन से दूर प्रकृति के साए में खालिस जीवन बिता रही हैं. एमेजॉन के बरसाती जंगलों में पाए जाने वाली ऐसी ही एक जनजाति का नाम हव्वाओरानी है. इक्वाडोर की इस बेहद दुर्लभ आदिवासी जनजाति के करीब 4000 सदस्य हैं और इनमें से ज़्यादातर आज भी पारंपरिक तरीके से नाल और जहरीले भालों द्वारा शिकार को अंजाम देते हैं.

 

 

डेवोन के रहने वाले पीट ऑक्सफॉर्ड ने जब इस जनजाति के बारे में जाना तो उनके रहन-सहन को अपने कैमरे में उतारने के लिए उन्होंने इक्वाडोर का रूख किया. गौरतलब है कि ये जनजाति जंगलों की बढ़ती कटाई और तेल की वजह से खतरे में हैं.

 

 

पीट की तस्वीरें एक अलग ही संसार से लोगों का परिचय कराती हैं. इन आदिवासियों ने ऑक्सफोर्ड को अपने साथ रखा और अपने जनजीवन से परिचय कराया. पीट भी इन लोगों की रोजमर्रा की गतिविधियों को अपने कैमरे से उतारने में सफल रहे. पीट की कई तस्वीरों में जहरीले भालों द्वारा पारंपरिक तरीके से किए गए शिकार को भी देखा जा सकता है.

 

 

ऑक्सफोर्ड का एक दोस्त हव्वाओरानी जनजाति से ही था और उसी की मदद से वह इस फोटोशूट को करने में कामयाब रहा था. ऑक्सफोर्ड का ये दोस्त चाहता था कि उसके लोगों के कल्चर को दुनिया के सामने लाया जाए. ये लोग आज भी ज़हरीले भालों द्वारा ही अपने शिकार को अंजाम देते हैं, जिनमें बंदरों और अन्य जानवरों का शिकार करना प्रमुख रूप से शामिल है.

 

 

 

पीट ने कहा, ‘जब मैं इन लोगों से मिलने गया, तो मेरा काफ़ी सादगी से स्वागत किया गया और मैं उम्मीद करता हूं कि इस प्राचीन सभ्यता को बचाया जा सके.’ उन्होंने कहा, ‘इन लोगों ने मुझे अपनाया और उन लोगों का जो कुछ भी था उसको ये लोग खुशी-खुशी मेरे साथ बांटने को तैयार थे.’

 

 

 

पीट कहते हैं, ‘मैंने महसूस किया है कि जैसे-जैसे हम आगे बढ़ रहे हैं, विश्व के अलग-अलग कल्चर तेजी से विलुप्त होते जा रहे हैं. मुझे सबसे ज्यादा आनंद ऐसे लोगों के साथ समय बिताने में आता है, जो मेरे जैसे नहीं हैं. उम्मीद है इन तस्वीरों के माध्यम से लोग इन जनजातियों के बारे में सजग होंगे और इन्हें बचाने के लिए आगे आएंगे.’