ये एक आम धारणा है कि महिलाएं पुरूषों से ज़्यादा समय तक ज़िंदा रहती है. ज़ाहिर है ये बात दुनिया के कुछ क्षेत्रों में लागू नहीं होती लेकिन लाइफ़स्टायल, नशा, स्ट्रेस जैसे कई फ़ैक्टर्स हैं जिसके चलते कई पुरूष पहले ही दुनिया छोड़ देते हैं. पर एक और फ़ैक्टर है जो यूं तो पुरूषों के Adrenaline Rush के लिए ज़िम्मेदार है लेकिन एक चूक होने पर सीधा यमराज के दर्शन भी करा सकता है. मिलिए ऐसे ही कुछ खतरों के खिलाड़ियों से, जिनका काम ही है जान जोखिम में डालकर स्वैग के साथ जिंदगी बिताना
1. माचिस नहीं मिली तो भाई ने ये तरीका ही अपना लिया
2. मगरमच्छ ऐसे उठा लिया जैसे जिम में एक्सरसाइज़ चल रही हो
3. स्टंट भी करना है, लेकिन फ़ैंस को उदास भी नहीं कर सकते ना
4. तैयारी पूरी है. गिरने पर नहीं तो फ़ांसी खा कर तो काम तमाम हो ही जाना है
5. इसे लापरवाही कहेंगे या Daring
6. करंट वाले तारों के बीच इन भाईसाब की दिलेरी देख लो
7. सावधानी हटी दुर्घटना घटी
8. प्रोटेक्शन हो तो ऐसी
9. असली खतरों का खिलाड़ी तो इधर है
10. खतरों से उबरे तो खजूर पर अटके
11. ये आदमी इतना एडवेंचर्स है कि पैंट भी तूफ़ानी तरीके से पहनता है
12. गायब होकर सब दिखता है, मैं जहां भी रहूं
13. भरोसा बहुत बड़ी चीज़ है, ये इस तस्वीर को देखकर समझ आता है
14. सामान्य लोग भले ही ये देखकर हैरत में पड़ जाए लेकिन इन महाशय के लिए ये रोज़मर्रा की ज़िंदगी है
15. बैलेंस बनाना कोई इनसे सीखे
16. ज़िंदगी में रिस्क नहीं लिया तो क्या किया
17. ये तो एकदम खास तरीका है
18. कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं ही कोई क्रेज़ी नहीं होता
19. ये सरासर पागलपन है
20. और ये शायद मजबूरी
21. कार के जैक पर इतना भरोसा!
22. ये तो पैरों के साथ नाइंसाफ़ी है
23. दुनिया में कई लोग खतरों का सामना करते हुए अपनी रोज़मर्रा की ज़िंदगी बिताते हैं
24. ये तो स्पाइडरमैन से प्रेरित है
25. इतने नाज़ुक दौर में ये साब तो गिरेंगे ही, इन्हें आर्थिक झटका लगने के भी पूरे चांसेस हैं
26. शोऑफ के नाम पर बेवकूफ़ी है ये
27. नीचे गिरे तो WWE की फ़ील आ सकती है
28. नाइकी के जूतों पर इतना भरोसा है कि दरवाज़े पर ही खड़े हो गए
29. लाइफ़ में बैलेंस ज़रूरी है
30. अपना सच ढूंढ रहा है ये
31 यहां अलग किस्म का दही हांडी चल रहा है
32 ये तो सरासर आंखों के साथ खिलवाड़ है
33 यहां इनकी एक्शन पिच्चर चल रही है
34 इतनी ऊंचाई से नीचे देखने पर सांसें फूल जाए, लेकिन ये महाशय तो सफ़ाई में मशगूल हैं
35 सामने साफ़ शब्दों में ज़हर भी लिखा है, लेकिन खाने
36 पता नहीं ये क्या कर के मानेंगे
37 क्या चाहते हो जनाब?
38 गज़ब हो सरकार!
39 इस आदमी को आठवां अजूबा घोषित कर दिया जाना चाहिए
40. Cheap Thrills
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