तस्वीर खींचते-खिंचाते वक़्त ‘Say Cheese’ आपने भी कभी न कभी ज़रूर इस्तेमाल किया होगा. जब भी कोई शख़्स इन दो लफ़्जों का इस्तेमाल करता है, तो लोगों के चेहरों पर यकीनन एक स्माइल दौड़ जाती है. लेकिन आपने कभी सोचा है कि इस Phrase के पीछे की आखिर कहानी क्या है?
Say Cheese के पीछे एक खासी दिलचस्प कहानी भी मौजूद है. एक थ्योरी के मुताबिक, Ch का साउंड आपके दांतो को कुछ इस तरह पोजीशन कर देता है कि जब ee बोला जाता है, तो चेहरे एक स्माइल उभर कर आ जाती है.
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इसे सबसे पहले 1940 में इस्तेमाल किया गया था. जोसेफ़ डेविस के मुताबिक, ये मुस्कुराने का बेस्ट फ़ॉर्मूला है और ये साफ़ है कि जब आपकी तस्वीर खिंची जा रही हो तो ये आपको वाकई ख़ुशनुमा अहसास से भर देता है, भले ही आप उस दौरान कुछ भी सोच रहे हो. डेविस ने ये बात मिशन टू मॉस्को के दौरान अपनी ही तस्वीर को खिंचते वक़्त बताई थी. ये बहुत आसान है. आपको बस Cheese कहना होता है और इससे चेहरे पर ऑटोमैटिक स्माइल आ जाती है. मैंने ये बात एक राजनेता से सीखी है. एक बेहद मशहूर राजनेता से. लेकिन मैं आपको उनका नाम नहीं बताउंगा.
माना जाता है कि डेविस जिस नेता की बात कर रहे थे, वो अमेरिका के राष्ट्रपति फ़्रैंकलीन रूसवेल्ट थे. रूसवेल्ट 1933 से लेकर 1945 तक अमेरिका के राष्ट्रपति पद पर काबिज़ थे. डेविस, राष्ट्रपति रूसवेल्ट के दौर में पूर्व एबैंसेडर भी रह चुके हैं.
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अब ये बात साफ़ नहीं है कि राष्ट्रपति रूसवेल्ट ने खुद इस चीज़ को ईज़ाद किया था या फिर उन्होंने किसी और से ये सीखा था, कहना तो मुश्किल है. लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि उनके इस्तेमाल के बाद से ही ये एक बेहद लोकप्रिय Phrase हो चुका है और आज भी हर तस्वीर से पहले लोग इसका बड़े चाव से इस्तेमाल करते हैं.