लखनऊ भले ही आज मेट्रो की रफ़्तार पर सवार है, लेकिन ठहरता ये आज भी गलियों में ही है. यूं तो इस शहर को बहुत सी चीज़ें विरासत में मिली हैं, लेकिन उन सबमें एक चीज़ जो बेहद ख़ास है, वो है यहां का ज़ायका. आपको लखनऊ में हर किस्म के बेहतरीन ज़ायके मिल जाएंगे. 

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बाहर से आने वाले चारबाग स्टेशन और अमौसी एयरपोर्ट पर उतरते तो हैं, लेकिन उनके क़दम ख़ुद-ब-ख़ुद नक्ख़ास होते हुए चौक की ओर चल पड़ते हैं. उसी चौक चौराहे पर जहां अकबरी गेट पर सिक रहे टुंडे कबाबों की ख़ुशबू आपको गोल दरवाज़े के अंदर दाख़िल होने पर मजबूर कर देती है. 

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हालांकि, लखनऊ के ज़ायकों की पहचान अब महज़ टुंडे के कबाब और इदरीस की बिरयानी तक महदूद नहीं रहे हैं. बदलते लखनऊ का स्वाद भी बदल चुका है. ऐसे में आज हम आपको इस नवाबी शहर के उन फ़ूड प्वाइंट्स के बारे में बताएंगे, जो बहुत फ़ेमस तो नहीं, पर स्वाद में लाजवाब हैं.

1-लल्ला बिरयानी

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आपने इदरीस बिरयानी का ज़िक्र तो कई बार सुना होगा, लेकिन लल्ला बिरयानी का शायद ही नाम सुना हो. चौक (चौपटिया) एरिया में ये एक छोटी सी दुकान है. इनकी बिरयानी का स्वाद तो लाजवाब है ही, साथ ही ख़ुशबू ऐसी है कि आपकी उंगलियों पर घंटों बनी रहेगी. इस बिरयानी की ख़ासियत इसका सॉफ़्ट मटन है, जो ज़ुबान पर रखते ही मानो घुल जाता है. 

2-नॉनवेज पॉइंट का बटर चिकन

पुराने लखनऊ में रहने वाले नॉनवेज के शौक़ीनों के लिए नॉनवेज पॉइंट सबसे मुफ़ीद जगह है. यूं तो यहां हर तरह का नॉनवेज फ़ूड मिलता है, लेकिन यहां का बटर चिकन ट्राई करने लायक है. ऐसा मक्ख़नी स्वाद शायद ही आपको किसी दूसरी जगह पर मिले. रूमाली रोटी के साथ जब इसकी ग्रेवी आपके मुंह में जाती है, तो भाईसाबह मामला जन्नत टाइप फ़ील होता है.

3-दस्तरख्वान का चिकन मसाला

हज़रतगंज में दस्तरख़्वान में आपको कढ़ाई चिकन, गलौटी कबाब, बटर चिकन, बोटी कबाब, आप जिस भी खाने की फ़रमाइश करें यहां सब मिलेगा. लेकिन चिकन मसाला यहां सबसे हटकर है. यहां के चिकन मसाले का तीखा और बेहद चटपटा स्वाद है. बढ़िया सिके पराठों के साथ इसकी एक बाइट ही आपका पूरा पैसा वसूल कर देगी.

4-मुबीन की निहारी

निहारी वो व्यंजन है, जो मज़दूरों की थाली से नवाब की रसोई तक पहुंचा और फिर वहां से पूरे अवध और देशभर में मशहूर हो गया. हालांकि, लखनऊ घूमने वालों के ज़हन में सिर्फ़ रहीम की निहारी ही रहती हो, जो वाकई अच्छी है. लेकिन मुबीन की निहारी भी ज़बरदस्त है. दोनों ही दुकानें चौक में हैं. धीमी आंच पर 5-6 घंटे पकने के बाद तैयार होने वाली मुबीन की निहारी का स्वाद बेमिसाल है.

5-श्री कचौड़ी कॉर्नर

लखनऊ की ये ख़ासियत है कि वो किसी को निराश नहीं करता, वेजिटेरियन लोगों को भी नहीं. जी हां, यहां सिर्फ़ नॉनवेज ही नहीं बल्कि वेज खाना भी ग़ज़ब मिलता है. चौक स्थित श्री कचौड़ी कॉर्नर की कचौड़ियों का स्वाद ज़िंदगी में एक बार तो चखना बनता ही है. गर्म-गर्म कचौड़ियों के साथ तीखे छोले, आएहाएहाए… सोच के ही लबरियाए जा रहे.

6-जगदीश की चाट

चाट के चटोरों के लिए भी लखनऊ में बहुत कुछ ख़ास है. यूं तो पंडित की चाट हर जगह मशहूर है, लेकिन चौक स्थित जगदीश की चाट का स्वाद भी ज़बरदस्त है. देसी घी में तली यहां की मटर और टिक्की ग़ज़ब चटपटी होती है. साथ ही यहां अगर दही-चटनी के बताशे खा लिए फिर तो सोने पे सुहागा वाली बात है.

7-घंटे वाले की पूड़ियां

जी हां, जैसे इसका नाम अतरंगी है, वैसे ही इसकी पूड़ियां भी. अमा मतलब, ज़ुबान पर एक बार इनका स्वाद लग जाए तो ताउम्र का चस्का ही लग जाता है. पुराने लखनऊ में अगर कोई लौंडा घर पर कह दे कि अम्मा आज भूख नहीं है, तो अम्मा समझ जाती हैं कि मुन्ना घंटे वाले की दुई ठोर पूड़ी ठूस के बैठा है. पता जानना है तो बस चौक से होते ही ठाकुरगंज पहुंचना और प्यार से घास मंडी में दाखिल हो जाना, बस पहुंच जाओगे.

8-डब्बू वेज कॉर्नर

लखनऊ में कुछ सालों से वेज कबाब-पराठों का चलन तेज़ी से चल पड़ा है. कहीं भी दुकान पर खड़े हो जाओ और बोल दो, ‘भइया दो रोल लगा दो.’ बस दो मिनट में करारे पराठे के बीच में वेज कबाब और चटपटी तरी (रसा) डालकर रोल हाज़िर. ये फ़ूड इतना फ़ेमस है कि आपको लखनऊ में हर जगह वेज कबाब-पराठे की दुक़ान मिल जाएगी, लेकिन चौक स्थित डब्बू वेज कॉर्नर का स्वाद सबसे अलग है. 

9-बॉम्बे पाव भाजी

जी नाम कहीं का भी हो पर ये पाव भाजी मिलती लखनऊ में है. हज़रतगंज के सेंट फ़्रांसिस स्कूल के पास आप चौड़े से इसे खा सकते हैं. देखो मज़ा क्या है न, एक तो ये मस्त मक्खन में तली जाती है, फिर सड़क पर खड़े होकर अपनी बाइक या कार पर रखकर खुली हवा में जो चापने का मज़ा आता है न, उसकी बात ही जुदा है. 

10-लस्की कॉर्नर

जब इत्ता खाना हौक दोगे तो भइया कुछ पियोगे नहीं? पीना है तो फिर ठंडी-ठंडी लस्सी पियो न गुरू. ये मामला भी चौक में ही मिलेगा. गाढ़े दही की लस्सी पर मोटी मलाई की परत और फिर उस पर बर्फ़, ये मज़ा सिर्फ़ लस्सी कॉर्नर पर ही मिलेगा. इसमें कोई दो राय नहीं है कि दुनिया में बहुत सी जगह पर बेहतरीन लस्सी मिलती होगी, लेकिन पुराने लखनऊ के लोगों को पूरा बचपना यहां की लस्सी पीते गुज़रा है, इसलिए ये फूड पॉइंट बेहद ख़ास है. 

तो जनाब, जब दोबारा लखनऊ आइएगा तो इन फ़ूड पॉइंट्स पर भी तशरीफ़ ले जाने की ज़हमत उठाइएगा. यक़ीन मानिए मौज आ जाएगी.