महिलाओं में पुरूषों से ज़्यादा स्वास्थ्य समस्याएं देखने को मिलती हैं. क्योंकि वो अपने से ज़्यादा दूसरों का ध्यान रखने में बिज़ी रहती हैं. इसके चलते वो अपनी समस्याओं को छोटा कह कर नकार देती हैं. वही छोटी लगने वाली समस्याएं आगे चलकर बड़ी बन जाती हैं. जिन्हें वो मौसम के चलते या फिर ठीक से सो नहीं पाई ये सब बहाने बनाकर टालती हैं. उन महिलाओं के लिए ये जानना बहुत ज़रूरी है कि बाद में यही समस्याएं कितनी बड़ी हो सकती हैं. 

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अगर आपके शरीर में कोई बदलाव हो रहा है, तो उसका कारण जानना भी बहुत ज़रूरी है. इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जो आगे चल कर गंभीर समस्या में तब्दील हो जाते हैं.

तो आइये जानते हैं कौन से हैं वो लक्षण:

1. पीठ के निचले हिस्‍से और पैरों में दर्द होना

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पीरियड्स के दौरान पीठ के निचले हिस्‍से और पैरों में दर्द होना सामान्य हो सकता है, लेकिन उसके बाद या पहले ऐसा होना अच्छी बात नहीं है. इसलिए अगर आप पहले और बाद में ऐसा महसूस कर रही हैं, तो आपको एंडोमेट्रियोसिस का ख़तरा हो सकता है. इसमें पीरियड्स से पहले मांसपेशियों में खिंचाव और दर्द शुरू होता है और पीरियड्स के बाद भी बना रहता है. ऐसे में वॉशरूम वगैरह जाने में समस्या होती है. इसलिए इसे नज़र अंदाज़ न करें.

2. पीरियड्स में गहरे लाल या भूरे खून के थक्‍के

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पीरियड्स के दौरान हर किसी को ब्लीडिंग अलग तरह की होती है. किसी को ज़्यादा होती है, तो किसी को कम. किसी को हल्‍के लाल रंग की, तो किसी को थोड़ा गहरे रंग की, जो कि सामान्य है. मगर पीरियड्स के दौरान ख़ून के थक्‍के आने को नज़रअंदाज़ न करें. ये संकेत हो सकता है कि आपके यूट्रस में फ़ाइब्रॉएड यानि रसौली है. ये गर्भाशय में होने वाला एक प्रकार का ट्यूमर है, जिसका आकार धीरे-धीरे बढ़ता है. इससे अनियमित पीरियड्स और ब्लीडिंग के अलावा बांझपन भी हो सकता है.

3. गर्मी-सर्दी ज़्यादा लगना भी नज़र अंदाज़ न करें

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गर्मी और सर्दी ज़्यादा लगने का कारण एस्‍ट्रोजन का लेवल हो सकता है. ये एक प्रकार का हार्मोन होता है, जो महिलाओं और पुरूषों दोनों में पाया जाता है, लेकिन एस्‍ट्रोजन हार्मोन की भूमिका महिलाओं में अधिक होती है. ये शरीर के तापमान को प्रभावित करता है. इसकी कमी और स्‍तर में बदलाव के कारण आप हर समय अपने हाथों और पैरों में ठंड महसूस करते हैं. इसके अलावा एस्‍ट्रोजन हार्मोन महिलाओं में Fertility और सेक्स से जुड़ी सम्स्याओं के लिए ज़रूरी है. इसलिए इसे फ़ीमेल सेक्‍स हार्मोन और फ़ीमेल डेवलेपमेंट हार्मोन भी कहा जाता है. 

4. बालों का झड़ना

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बालों का झड़ना सभी महिलाएं नज़र अंदाज़ कर देती हैं. क्योंकि उन्हें लगता है कि ऐसा मौसम में बदलाव या फिर नींद पूरी न होने की वजह से हो रहा है. ऐसा होता है, लेकिन बालों का ज़्यादा झड़ना हानिकारक हो सकता है. क्योंकि बालों को स्वस्थ रखने में टेस्टोस्टेरोन हार्मोन की बड़ी भूमिका होती है. जब इसमें कमी होती है, तो बालों का झड़ना शुरू हो जाता है. ये हार्मोन पुरूषों और महिलाओं दोनों में पाया जाता है. टेस्‍टोस्‍टेरॉन महिलाओं की ओवरी में बहुत थोड़ी मात्रा में होता है. इसके अलावा इसके असंतुलित होने पर वज़न बढ़ना, चेहरे और अन्‍य अंगों पर बालों का आना और आपके किलोट्रिस का साइज़ बढ़ सकता है. 

5. पेट फूलना

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कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान पेट फूलने की समस्या हो जाती है. लेकिन अगर ये समस्‍या हफ़्ते दो हफ़्ते से या उससे अधिक समय तक रहती है तो ये ख़तरनाक हो सकता है. इसका कारण एंडोमेट्रियोसिस हो सकता है, इसमें पेट फूला हुआ होता है और एंडोमेट्रियोसिस ऊतक टूट जाते हैं. इसका असर प्रजनन क्षमता पर भी पड़ता है और गर्भधारण में भी समस्‍याएं पैदा हो सकती हैं. इसके अलावा, लगातार सूजन, पेट का ट्यूमर, हार्निया, लिवर इंफ़ेक्‍शन, ओवरियन कैंसर या यूट्रस कैंसर भी हो सकता है.

उम्मीद है कि अगली बार आप अपनी समस्याओं को नज़रअंदाज़ नहीं करेंगी.