लखनऊ में मुस्कुराने की वजह हैं तो डराने की जगह भी मौजूद हैं. इन्हें लोग भुतहा या हॉन्टेड जगह बुलाते हैं. लोगों का मानना है कि इन जगहों पर खड़े होकर एक अजीब सी सिहरन महसूस होती है. ये एहसास बिल्कुल वैसा ही होता है जैसा कभी हवा के अचानक से हमारे रोंए पर बारीक गुज़र जाने पर लगता है. 

दुनियाभर में ऐसी जगह हैं, जहां इंसान अकेले होते हुए भी कभी अकेला महसूस नहीं करता है. एक डर का साया हमारे इर्द-गिर्द मौजूद रहता है. ये जगह आपके बगल में भी हो सकती हैं. लेकिन हम आज लखनऊ के उन 8 स्थानों के बारे में बताएंगे, जिन्हें लोग भुतहा और हॉन्टेड मानते हैं.

1.बड़ा इमामबाड़ा

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कहा जाता है कि उत्तर प्रदेश में बड़े अकाल के कारण मुग़ल काल के दौरान बनी इस शानदार इमारत में काम करते समय कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी थी. स्थानीय लोगों का कहना है कि उनकी आत्माएं आज भी इस जगह पर भटकती हैं. इसमें एक बड़ा तहखाना भी है, कहते हैं अंग्रेजों के शासन काल में इसमें कैद‌ियों को रखा जाता था. कुछ की इसमें मौत भी हो गई थी ज‌िससे ये जगह बेहद भूतहा बन गई. 

स्थानीय लोगों और विज़िटर्स ने अक्सर कैदियों की आवाजें और उनकी चीखें सुनी हैं. उन्होंने इस शानदार इमारत के परिसर के अंदर रहस्यमयी चित्रों को घूमते हुए देखने का भी दावा किया है. 

2. स‌िकंदरा बाग

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सिकंदरा बाग ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. इसकी दीवारें अंग्रेजों के वहशीपने की गवाह हैं. ऐसा माना जाता है कि स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान 72 अंग्रेजों ने 2300 भारतीयों की हत्या कर दी थी. जिसके बाद उनकी लाशों को खुले में गिद्धों के खाने के लिए छोड़ दिया गया था. कहा जाता है कि उनका अंत‌िम संस्कार नहीं होने के कारण इनकी आत्मा यहां भटकती है. 

बहुत से स्थानीय लोग यहां खौफ़नाक चीखें सुनने की शिकायत करते हैं. कुछ लोग रहस्यमयी छवियों को देखने की भी बात करते हैं, जो अचानक से आकर ग़ायब हो जाती हैं. 

3. बलरामपुर अस्पताल

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रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये अस्पताल एक कब्रिस्तान पर बना है. स्थानीय लोगों का दावा है कि उन्होंने यहां अजीबो-ग़रीब गतिविधियों का अनुभव किया है. मरीजों ने अंधेरे के बाद अपने कमरे के दरवाजों पर क़दमों की आहट, अचानक चीखना, रोना और खटखटाने की आवाजें सुनाई देती थीं. 

4. ओइल हाउस 

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पहले यहां नवाब वाजिद अली शाह निवास करते थे लेकिन वर्तमान में इस घर पर लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति का कब्ज़ा है. ऐसा माना जाता है कि 1857 के विद्रोह के दौरान, कई ब्रिटिश सैनिकों ने अपनी जान गंवा दी और उनके शव ओइएल हाउस के अंदर एक कुएं में फेंक दिए गए. कहा जाता है कि अब इस कुएं में मृत सैनिकों की आत्माओं का वास है. रिपोर्ट्स के अनुसार, एक कुलपति को इस वजह से अपने बेटे को भी खोना पड़ा था, क्योंकि उनका बेटा कुएं में पत्थर फ़ेका करता था. लोगों का दावा है कि उसकी इस हरकत से मृतकों की आत्मा जाग गई होगी.

5. निराला नगर

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निराला नगर लखनऊ का एक इलाका है, जिसे 1960 में एक श्मशान घाट पर बसाया गया था. कहते हैं कि क्रबों में रहने वाली आत्‍माओं ने पूरी कालोनी में अपना आश‌ियाना बनाकर रखा है. इस इलाके में रहने वाले लोगों यहां अजीबो ग़रीब चीज़ें देखने के साथ ही बच्चों के रोने की आवाज़ें सुनने की शिकायत की है. ये भी माना जाता है कि जो कोई भी यहां रहता है उन्हें ये आत्माएं बर्बाद कर देती हैं. 

6. रेलवे क्वार्टर

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रेलवे क्वार्टर में एक औपनिवेशिक घर अब भुतहा माना जाता है. इस क्षेत्र के घरों में से एक घर अंग्रेज इंजीन‌ियर बिल टर्नर नाम के एक व्यक्ति को दिया गया था. कहते हैं क‌ि इंजीन‌ियर की शादी एक खूबसूरत लड़की से हुई थी जो एक अंग्रेज अध‌िकारी के प्रेम में पड़ गई. एक द‌िन इंजीन‌ियर ने अपनी पत्नी को उस अध‌िकारी के साथ आपत्त‌िजनक स्‍थ‌ित‌ि में देख ल‌िया और उसने क्रोध में अध‌िकारी की हत्या कर दी और खुद भी आत्महत्या कर ली. कहते हैं बिल की आत्मा आज भी रेलवे क्वार्टर में रहने वालों को डराती है. कई लोगों ने एक लंबे आदमी को रात में इधर-उधर भटकते हुए पाया है. साथ ही डरावने छवियां और चीखने की आवाजें सुनने की बात की है.

7. रेजीडेंसी पार्क

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ये माना जाता है कि कई ब्रिटिश अधिकारियों और उनके परिवारों ने 1857 के दौरान यहां अपनी जान गंवाई थी. कई विज़िटर्स ने कुछ अलौकिक शक्तियों की यहां मौजूदगी की शिकायत की है. इमारत का बेसमेंट इतना ख़ौफ़नाक है कि यहां जाने की हिम्मत नहीं करता है. ये जगह पर अंधेरा होने के बाद लोगों के लिए बंद कर दी जाती है.

8. दिलकुशा गार्डन

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दिलकुशा गार्डन को ब्रिटिश काल के दौरान बनाया गया था और अब इसे लखनऊ की सबसे भुतहा जगहों में से एक माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि एनाबेले नामक एक महिला ने अपने दो प्रेमियों, एलिंगटन और ब्रूस का क़त्ल कर दिया था, क्योंकि वो ह्यूग ड्रमंड नाम के एक अन्य व्यक्ति के साथ प्यार में थी. ये कहा जाता है कि जो कोई भी गुरुवार को इस जगह पर जाता है, उसे रात क़रीब 9 बजे दो ब्रिटिश अधिकारी वर्दी में एक लेब्राडोर कुत्ते के साथ टहलते दिखाई देते हैं. अगर आप उनसे बात करने की कोशिश करते हैं, तो हवा में ग़ायब हो जाते हैं. 

पता नहीं आज रात को क्या होने वाला है?