हम भारतीयों को यदि कोई एक चीज़ सबसे अधिक पसंद है तो वो हमारा खान-पान है. हर क्षेत्र की अपना यूनिक व अलहदा स्वाद होता है. कोई डोसा खाना पसंद करता है, तो कोई वडा-पाव. कोई पूड़ी-कचौड़ी का दीवाना होता है, तो कोई राजमा चावल के बिना रह ही नहीं सकता. ऐसा हम सभी के साथ अक्सर होता है कि हम अपनी सैलरी को शुरुआती 15 दिनों में खत्म कर लेते हैं और बाकी के 15 दिनों में हम सभी अपने दोस्तों के साथ फांकामस्ती करते हैं. हम अपने आस-पास के सबसे सस्ते फूड कॉर्नर की ओर रोज़ ही रुख करते हैं.

महीने के अंतिम दस दिनों की उस फांकामस्ती के भी अपने ही मौज हैं. तो परेशान मत होइए और यदि आपकी जेब में अधिक पैसे नहीं हैं तो बेफिक्र होकर इन सदाबहार रेसिपियों का मज़ा लीजिए. आख़िर इस मंहगी के जमाने में 20 रुपये में क्या मिलता है…

1. राजमा चावल

राजमा चावल शायद दिल्ली की कॉलेज कैंटीन और संकरी गलियों में पाया जाना वाला सबसे स्वादिष्ट और पसंदीदा चीज़ है. प्लेट भर चावल के ऊपर से गरमागरम राजमा किसे नहीं भाता, और कहीं दुकानदार आप पर थोड़ा ज़्यादा मेहरबान है तो प्याज के कुछ लच्छे तो बस कमाल कर सकते हैं.

2. मोमोज़

ये डिश वैसे तो पूर्वोत्तर भारत से चल कर आई है, मगर यह डिश आज दिल्ली और उसके आस-पास की शहरों की ही होकर रह गई है. एक छोटी सी टेबल पर पूरी दुकान सजाए ये लोग बस ग्राहक के इंतजार में ही खड़े रहते हैं. ठंड में इन्हें खाना तो बस आसमानी होता है, और ऊपर से मिलने वाली लाल मिर्च की चटनी तो बस अद्भुतास होती है.

3. अंडा करी

अब जो ऐसा है कि आप सर्वाहारी हैं तो इससे बेस्टमबेस्ट मज़ा तो कोई दे ही नहीं सकता. इसे आप चाहे तो रोटी के साथ खा सकते हैं या फिर गर्मागर्म राइस के साथ भी इसका मज़ा ले सकते हैं. ऊपर से छिड़की जाने वाली धनिया की हरी पत्तियां तो बस सोने पर सुहागा होती हैं. दिल्ली में कई जगहों पर ये आज भी 20 रुपये प्लेट में मिल जाता है.

4. लिट्टी चोखा

गूंथे हुए आटे के भीतर सत्तू और प्याज के अलावा लहसुन-मिर्च और मसाले से तैयार मसाले को डालने के बाद उसे आग पर पका देना. उसके साथ मिलने वाला बैगन का भर्ता या चोखा और उसे घी में डूबोने के बाद पत्ते पर परोसा जाना. पूर्वी उत्तर प्रदेश और पूरे बिहार की इस राष्ट्रीय डिश को आज अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त है.

5. छोले-कुल्चे

पंजाब की इस पसंदीदा डिश को दिल्ली का स्टेपल फूड कहा जा सकता है. छोले के ऊपर से नींबू का रस और मैदे के बने कुल्चे एक बार तो आत्मा तृप्त कर देते हैं. ऊपर से मिलने वाली हरी मिर्च और अचार तो बस इस डिश को पूरा करने के लिए ही है. इसे आप अमूमन 20 रुपये में पा सकते हैं.

6. डोसा

चावल और दाल के फर्मेंटेशन से पैदा यह डिश चेन्नई या फिर कि पूरे दक्षिण भारत के पसंदीदा डिश के तौर पर पेश किया जाता है, मगर उत्तर भारत भी इसका खासा दीवाना है. इसके साथ मिलने वाला सांभर जिसे कई हरी सब्जियों के मेल से तैयार किया जाता है, रही-सही कसर पूरी कर देता है. दिल्ली की कई कॉलेज कैंटीनों में और चेन्नई में तो यह 12 रुपये में ही मिल जाया करता है.

7. थुकपा

यह एक तिब्बती सूप है जिसे नूडल के साथ तैयार किया जाता है. आप इसे हिमालय की तराइयों में और पूर्वोत्तर के इलाकों के साथ-साथ कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट में आसानी से पा सकते हैं और वो भी 20 रुपये से कम खर्चे में. इस नूडल के सप्लीमेंट के तौर पर आप वेज और नॉनवेज दोनों का मज़ा ले सकते हैं.

8. वडा पाव

इस डिश को आप मात्र 10 रुपये में भी पा सकते हैं. यह डिश पूरे महाराष्ट्र और मुंबई में स्ट्रगल करने वालों का पसंदीदा डिश है. इसके साथ ही आपको मिलने वाली कटिंग चाय हो तो फिर और किसी चीज़ की शायद ही ज़रूरत हो.

9. मैगी

मैगी चाहे छोटी वाली हो या फिर बड़ी वाली. एक मैगी ही काफी होती है कि, हमारी भूख को थोड़ी देर के लिए लगाम लगा दे. मैगी को हर बार खाने में अलग-अलग टेस्ट का मज़ा मिलता है. हिमालय की तराईयों से लेकर कॉलेज के कैंटीनों में इसके स्वाद के अलग-अलग आयाम देखने को मिलते हैं.

10. कचौड़ी-सब्जी और चटनी

दाल भर कर बनाए गए ये गोले और गर्मागर्म आलू की सब्जी की तो बात ही कुछ और होती है. इसे आप चाहे सुबह खाए या फिर शाम में, यह हर समय मज़ेदार ही होता है. 20 रुपये से कम दाम में ही मिलने वाली एक प्लेट कचौड़ी की सबसे जबर चीज़ लाल और मीठी चटनी होती है.

11. साबुदाना खिचड़ी

उबाले गए साबुदाने को भारतीय मसालों और मूंगफली के साथ थोड़ा सा फ्राइ करने के बाद परोसी जाने वाली ये डिश स्वाद के साथ-साथ पौष्टिक भी है. कार्बोहाइड्रेट से भरपूर यह डिश मुंबई और पूणे में धड़ल्ले से खाया जाता है और वो भी 20 रुपये के भीतर.

12. बर्गर, सिर्फ 7 रुपये प्रति पीस…

यकीन नहीं होता न? मगर यह सच है. बंद के ऊपर आलू की टिक्की और टमाटर के एक टुकड़े को सजा कर बनाए गए इस बर्गर के तो छोटे शहर बस दीवाने हो गए हैं. आख़िर उन्हें भी तो महानगरों से कंपटीशन करना है और उन्हें भी तो रेस में अव्वल दिखना है. ऊपर से मिलने वाला देशी टौमैटो केचअप तो है ही.

13. कढ़ी-चावल 20 रुपया प्लेट

गर्मागर्म चावल के ऊपर खट्टी और भांप उड़ाती कढ़ी तो कुछ लोगों को जन्नत का अहसास करा देती है. इस डिश पर ऊपर से डालने के लिए किसी और चीज़ की ज़रूरत नहीं होती. छोटे शहरों और बड़े शहरों में समान रूप से मिलने वाला यह डिश कॉलेज कैंटीनों का पसंदीदा डिश भी है.

14. पराठे…

पराठे हम आज भी 5 रुपये से 20 रुपये के भीतर पा सकते हैं. कई बार तो एक पराठे में ही हमारा पेट बम-बम करने लगता है. साथ में मिलने वाली दही और अचार हो तो फिर क्या ही कहने…

15. बिरयानी…

इस राजशी डिश को सड़क और गली-मोहल्ले ने ऐसे अपनाया है जैसे ये वहीं की पैदाइश हो. जामा मस्जिद की भीड़भाड़ वाली सड़क और कोलकाता के कॉलेज स्ट्रीट पर बिकने वाली बिरयानी की तो बात ही कुछ और होती है. वेज और नॉनवेज बिरयानी के तौर पर परोसी जाने वाली यह डिश तो बस मुंह में पानी ले आ देती है.

16. ब्रेड ऑमलेट

एक ऐसी डिश जो मल्टीपरपज़ और ऑलटाइम हिट है. संडे हो या मंडे रोज़ खाओ अंडे. आपके घर के आस-पास एक अंडे वाला ज़रूर होगा जो आपकी क्षुधा को शांत कर सकता है. जेब में सिर्फ़ 20 रुपल्ली होने के बावजूद आप पूरा दिन निकाल सकते हैं.

17. पीठा

यह एक उड़िया डिश है. चावल से बना यह डिश स्वाद और न्यूट्रीशन के मामले में बेस्ट है. नारियल के तेल में फ्राइ किया गया यह डिश आपकी जेब पर भी भारी नहीं पड़ता.

18. रोल्स…

अब इसके बारे में ज़्यादा कुछ कहने की मेरी इच्छा नहीं है. वेज, नॉनवेज और अंडारोल के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर यह रोल्स सबकी पसंद हैं. टेस्ट और न्यूट्रीशन दोनों के मामले में बेजोड़ यह डिश तो बस परफेक्ट है. आज भी इस डिश को आप 20 रुपये से कम खर्च करके पा सकते हैं.

19. इडली, सिर्फ दस रुपया प्लेट…

चावल से वैसे तो न जाने कितनी डिशेस बनायी जाती हैं, मगर इडली की बात तो बस सबसे अलग है. फूली-फूली और शानदार इडली और ऊपर से सांभर और नारियल की चटनी की बात ही कुछ और होती है. स्टूडेंट्स और ऑफिस जाने वालों का यह पसंदीदा डिश है और टेस्टी भी.

20. पाव भाजी…

ये पूरी लिस्ट पाव भाजी के बगैर पूरी नहीं हो सकती थी. चटपटी भाजी और ऊपर से मिलने वाली पाव जिस पर मक्खन लगने के बाद ये शानदार डिश आसमानी हो जाता है. इसके लिए आपको ज़्यादा पैसे खर्चने की भी ज़रूरत नहीं होती.

अब इस महंगी के जमाने में इनका ही तो सहारा है, जब जेब खाली हो तो फिर ये ही तो बेसहारों का सहारा है…