नॉर्थ कोरिया शायद विश्व का एकमात्र ऐसा देश होगा जो अपनी अजीबो-ग़रीब और अनोखी चीजों से सभी को चौंकाता रहता है. यहां का तानाशाही परिवार लंबे समय से उटपटांग हरकतें करता आया है. यही वजह से पूरे विश्व की नज़र इस देश पर बनी रहती है. इसी कड़ी में हम आपको नॉर्थ कोरिया के एक ऐसे रहस्यमयी शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां सभी चीज़ें उपलब्ध हैं, लेकिन कोई इंसान नहीं रहता. आइये, जानते हैं इस अजीबो-ग़रीब शहर की पूरी कहानी.
एक नक़ली शहर
जानकर हैरानी होगी कि यह शहर एक भ्रम है. यह सिर्फ़ दुनिया को दिखाने के लिए बनाया गया एक ख़ुशहाल शहर का मॉडल है. दरअसल, ग़रीबी और तानाशाही में जी रहा यह देश इस ख़ूबसूरत मगर नक़ली शहर के ज़रिए यह बताना चाहता है कि नॉर्थ कोरिया कितना अमीर और ख़ुशहाल देश है.
सभी चीज़े हैं मौजूद
इस शहर को नॉर्थ कोरिया और साउथ कोरिया की सीमा पर बनाया गया है. इसे Kijong-dong और Peace Village of North Korea के नाम से भी जाना जाता है. यहां ऊंची इमारतें, सड़कें, स्कूल व यहां तक कि अस्पताल भी बनवाए गए हैं, लेकिन, यहां कोई इंसान नहीं रहता. यह एकदम वीरान शहर है. इस वजह से इसे नॉर्थ कोरिया का भुतहा शहर भी कहा जाता है.
सिर्फ़ दीवारें ही हैं
यह शहर काफ़ी व्यवस्थित ढंग से बसाया गया है. पूरे शहर में नीली रंग की छते हैं. लेकिन, घरों के अंदर कोई संरचना नहीं बनी है, बस दीवारें ही दीवारें हैं. वहीं, इस बात का ख़ास ख़्याल रखा जाता है कि दिन में लाइटें बंद रहें और रात में जलें.
लगे हुए हैं स्पीकर
जानकर हैरानी होगी इस शहर में जगह-जगह स्वीकर भी लगे हुए हैं, जिनका मुंह दक्षिण कोरिया की तरफ है. माना जाता है कि ये एक दिन में 20 घंटे बजते हैं, जिनमें नॉर्थ कोरिया के कथित शांतिपूर्ण जीवन के बारे में बताया जाता है. वहीं, उन लोगों की आलोचना की जाती है, जो इस शानदार देश को छोड़कर चले गए.
तैनात रहते हैं सैनिक
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि इस शहर को उत्तरी और दक्षिण कोरिया की सीमा पर बनाया गया है. यही वजह है कि सीमा के दोनों तरफ भारी संख्या में सैनिक तैनात रहते हैं, ताकि भूमि का अतिक्रमण न हो और आक्रमक गतिविधि न हो.
नॉर्थ कोरिया का दावा
इस शहर को लेकर नॉर्थ कोरिया का दावा है कि यहां 200 लोग रहते हैं. वहीं, यहां की व्यवस्था बहुत ही आधुनिक है और यहां रहने वाले लोग क़ाफी खुश हैं. लेकिन, जब सैटेलाइट के ज़रिए इस शहर को देखा गया, तो पता चला कि यहां कोई नहीं रहता.
एक प्रोपेगेंडा टाउन
इस शहर को एक प्रोपेगेंडा टाउन भी कहा जाता है. यह इस मकस़द के लिए तैयार करवाया गया था कि नॉर्थ कोरिया से भागकर जा चुके लोगों की बात को ग़लत साबित करवाया जा सके. दरअसल, नॉर्थ कोरिया की तानाशाही से पीड़ित कई लोग दूसरे देशों में जाकर बस चुके हैं, जिन्होंने नॉर्थ कोरिया के बारे में कई बड़े ख़ुलासे किए हैं. बस, इसी सच्चाई पर पर्दा डालने के लिए इस नक़ली शहर का निर्माण करवाया गया था.