मजरूह सुल्तानपुरी की ये शायरी एक एहसास है, जो अपने आप में ज़िन्दगी के सार को समेटे हुए है.
मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल मगरलोग साथ आते गए और कारवाँ बनता गया
घूमना-फिरना किसे पसंद नहीं होता, लेकिन आज की भागती-दौड़ती ज़िन्दगी में लोगों के पास वक़्त की कमी इतनी है कि जिसका कोई हिसाब नहीं. अगर मैं अपनी ही बात करूं, तो कई बार सोचती हूं कि रूटीन लाइफ़ से निकल कर कुछ दिन सुकून के पल बिताएं जाएं, लेकिन जिस पल ये ख्याल आता है, उसके अगले पल कई सारी चीज़ें सामने खड़ी हो जाती है. जैसे कभी पैसे की दिक्कत, तो कभी सबको एक साथ छुट्टी नहीं मिल पाती. कई बार सोच कि अकेले ही निकल जाऊं घूमने. हां और इसमें कोई बुराई नहीं है. अकेले घूमने जाने का भी अपना एक अलग मज़ा होता हैं. शायद इसके कुछ नुक्सान भी होंगे, लेकिन जहां तक मेरा मानना है फ़ायदे ज़्यादा हैं. क्योंकि ख़ुद से ख़ुद की दोस्ती करानी है तो ज़िन्दगी में कभी-कभी अकेले भी रहना चाहिए.
आज आपको अकेले बिना किसी दोस्त, किसी फ़ैमिली मेंबर के दुनिया घूमने से आपके व्यक्तित्व में होने वाले बदलावों के बारे में बताते हैं, तो क्या आप तैयार हैं इस सोलो ट्रिप के लिए?
1. खुद को जानने का यही मौक़ा है
अगर कभी किसी ने आपसे पूछा कि आप ख़ुद को कितना जानते है, तो शायद आपके पास इसका कोई सही ज़वाब नहीं होगा. इसलिए दोस्तों अगर अपने आप को अच्छे से जानना-समझना है, तो कुछ दिनों के लिए ही सही पर दोस्तों, रिश्तेदारों परिवार से दूर अकेले कहीं घूमने निकल जाइये. क्योंकि जब आप अकेले होते हैं तो आपका सबसे अच्छा दोस्त आप खुद होते हैं. अकेले सफ़र करने से आप खुद को तो जानेंगे ही, साथ ही साथ दुनिया को देखने का आपका नजरिया भी बदल जाएगा.
2. अलग-अलग कल्चर को जानना और समझना
वैसे तो हम स्कूल में अलग-अलग धर्मों, संस्कृतियों के बारे में पढ़ते हैं उनको समझने की कोशिश भी करते हैं. लेकिन वो जानकारी किताबी होती है. इसलिए किसी कल्चर को जानने और समझने के लिए वास्तविकता में उसके करीब जा कर ही उसको समझा जा सकता है. फिर चाहे आप उसके म्यूज़ियम में जायें या फिर वहां के लोगों से मिले उनसे बाते करें. वहां का खाना, कॉफ़ी हाउस, रेस्टोरेंट सब कुछ बिलकुल अलग होगा आपके लिए. और अपनी ट्रिप से वापस आने के बाद आप अपने इस बेहतरीन अनुभव को दूसरों के साथ भी शेयर कर पाएंगे.
3. संयम रखना आएगा
जब आप अकेले घूमने जाएंगी, तो आपको अपना हर काम खुद करना पड़ेगा. कहीं का टिकट लेना हो या किसी चीज़ के लिए घंटों इंतज़ार करना हो, हर समय आपको संयम से काम लेना होगा. जो आप फ़ैमिली के साथ रहकर नहीं कर समझ पाती हैं. फ़ैमिली ट्रिप पर तो बस कहने की देर होती है, चीज़ आपके सामने आ जाती है. लेकिन अकेले घूमना आपके अंदर संयम और धैर्य लाएगा.
4. सोशल मीडिया से दूर रहना कितना अच्छा होता है
आजकल हर कोई सोशल मीडिया वर्ल्ड में ही जी रहा है. हम अपनी ज़िन्दगी का सबसे खूबसूरत टाइम सोशल मीडिया पर दूसरों से अपनी ज़िन्दगी की तुलना, उनकी तरह फ़ोटोज़ डालने और उन पर आने वाले लाइक्स से करने में बिता रहे हैं. जो हमारे सीखने की क्षमता को ख़त्म कर रहा है. इसलिए जब भी फ़ैमिली, दोस्तों या फिर अकेले घूमने जाएं, तो कृपया करके अपने नेट को उतने दिनों के लिए ऑफ़ कर दें. इस बात को सोचना छोड़ दें कि लोग क्या कर रहे होंगे, किसने कौन सी फ़ोटो डाली होगी, आदि. अपने उस अनमोल समय को अपने लिए जियें और हरी-भरी वादियों, समुद्री किनारों आदि प्राकृतिक सुंदरता का मज़ा लें. अगर ऑन करना भी है तो सिर्फ़ किसी ज़रूरी काम के लिए ही ऑन करें. फिर देखिये कैसे ये आपकी ट्रिप ज़िन्दगी का सबसे ख़ूबसूरत अनुभव बन जायेगी.
5. किसी पल को कैसे जीना है?
आज की दौड़ती भागती ज़िन्दगी में हम बस भाग रहे हैं, कि भविष्य में क्या हो, कैसे होगा, कब होगा जैसे सवालों के जवाब जानने के लिए अपनी ज़िन्दगी के अनमोल पलों को जीना ही भूल गए हैं. लेकिन एक बार इन चीज़ों से बाहर निकलर कर देखो कुछ दिनों के लिए इन सब बातों के बारे में सोचना बंद करो? और उस पल को फ़ुलऑन जियो फिर देखो आपकी यात्रा कितनी सुहानी बन जायेगी.
6. हम दुनिया से अलग नहीं हैं
जब आप ट्रैवल करेंगे, तो आपको समझ आएगा कि भले ही दुनिया में लोगों का धर्म, संस्कृति, भाषा, खान-पान, रहन-सहन अलग-अलग है, लेकिन सब हमारे जैसे ही हैं. सब अपने जीवनयापन के लिए मेहनत कर रहे हैं. आपको समझ आएगा कि पूरी दुनिया में हर कोई बस एक चीज़ के पीछे भाग रहा है और वो चीज़ है ख़ुशी.
7. घर की अहमियत
जब हम घर में होते हैं तो घर के बाहर सब कुछ अच्छा लगता है. मगर कुछ दिन घर से अकेले निकल कर देखो सब कुछ खुद से करके देखो घर की अहमियत समझ आ जायेगी.
8. परिस्थितियों से लड़ने का हुनर
चुनौतियों से निपटने का हुनर सबके साथ नहीं आता. जब आपको कोई न समझाने वाला हो तब आपका दिमाग बेहतर काम करता है. खुद के साथ घूमेंगे तो चुनौतियां भी आपके सामने आएंगी और उनसे निपटने का हुनर भी आप सीख जाएंगे.
9. जहां चाहें वहां घूम सकते हैं
जब आप अकेले घूमने जाते हैं तो आप पर कोई प्रेशर नहीं होता. कोई रोकने-टोकने वाला नहीं होता. आप कहीं भी घूमने जा सकते हैं. कितने भी लोगों से मिल सकते हैं. सोलो ट्रिप का यही फायदा होता है कि आप चीजों को ज्यादा बेहतर समझ पाते हैं.
10. लोगों से कैसे बात करनी है ये सीखते हैं
कोई हमेशा चुप नहीं रह सकता. किसी से तो बात करने की जरूरत आपको महसूस होगी ही. तो जाहिर है कि आप अजनबियों से बातें करेंगे. नए लोगों से जुड़ेंगे तो आपकी कम्युनिकेशन स्किल भी निखरेगी.
11. पैसों का महत्व समझेंगे
ग्रुप में घूमने के नुकसान बहुत हैं. फिजूलखर्ची से चाहकर भी आप नहीं बच सकते. अकेले घूमेंगे तो आप अपने बजट के हिसाब से ही खर्च करेंगे.
12. ज़िन्दगी सबसे अच्छा अनुभव होगा
खुद के साथ इतना सारा वक्त बिताकर आपको अच्छा लगेगा. आप अपनी कमियों को भी ठीक तरह से जान पाएंगे और उनसे निपटने का रास्ता भी आप निकाल लेंगे.
13. आत्मविश्वास बढ़ेगा
कोई हमेशा चुप नहीं रह सकता. किसी से तो बात करने की जरूरत आपको महसूस होगी ही, तो जाहिर है कि आप अजनबियों से बातें करेंगे. नए लोगों से जुड़ेंगे तो आपकी कम्युनिकेशन स्किल निखरेगी और आपका आत्मविश्वास भी बढ़ेगा.
14. हर समस्या आपके साथ नहीं है
जब बाहर निकलेंगे अकेले लोगों से मिलेंगे वो किन किन परेशानियों से जूझ रहे हैं, जब इन बातों के बारे में जानेंगे, तब आपको समझ आएगा कि आपकी छोटी-मोटी समस्याएं असल में कोई समस्या नहीं हैं, बल्कि वो बहुत छोटी हैं.