खाना, क्या सही चीज़ है. खाना हमेशा से ही इंसान का साथी रहा है और दुनिया भर के अलग अलग कोनों से आये हुए खाने को हमेशा से ही अच्छा माना जाता रहा है. ऐसा माना जाता है कि विदेशों से आया खाना सेहतमंत और अच्छा होता है. कई मामलों में ये खाना अच्छा और खाने लायक़ भी नहीं पाया गया. अमेरिका के कृषि विभाग( USDA) की एक रिपोर्ट जो चीन से वहां जाने वाले खाने की गुणवत्ता के बारे में बात की गयी. इस रिपोर्ट में बताया गया कि चीन के पर्यावरण प्रदूषण, खेती में केमिकल्स का इस्तेमाल करने से वहां के खाने की गुणवत्ता में बहुत कमी आयी है.
ये रिपोर्ट भले ही अमेरिका की हो मगर चीन से अपने देश में भी काफी खाद्य सामग्री आती है और ये बात सिर्फ़ चीन से आने वाले खाने में लागू नहीं होती अगर हम बाहर के देशों से आने वाला खाना खा रहे हैं तो ये पता करना कि खाना अच्छा है या नहीं सबसे ज़्यादा ज़रूरी है.
1. एप्पल जूस:
चीन दुनिया का सबसे बड़ा सेब उत्पादक देश है. ऐसे में सेब और सेब का जूस चीन कई देशों में भेजता है. कई सारे जूस में आर्सेनिक भी मिला है जो सेहत के लिए ख़राब होता है.
2. तरबूज़:
सेब के साथ-साथ तरबूज़ भी विश्व में सबसे ज़्यादा चीन में ही उगाया जाता है. चीन में कीटनाशकों का इस्तेमाल करके तरबूज़ उगाये जाते हैं. ये केमिकल फसल तेज़ी से बढ़ाने में मदद करते हैं मगर सेहत ख़राब कर सकते हैं.
3. नमक:
खाने में नमक की आवश्यकता कितनी ज़्यादा होती है ये सबको मालूम है. 16 अक्टूबर 2018 को छापे Environmental Science and Technology के एक Journal की रिपोर्ट में पाया कि 90% से अधिक पैकेज्ड फूड-ग्रेड नमक में Microplastics पायी गयी. कुछ नमक में ऐसे ऐसे पदार्थ भी मिले हैं जो इंसानों के शरीर में जाने भी नहीं चाहिए.
4. लहसुन:
चीन खेती में सबसे आगे है मगर चीन के साथ दिक्कत है खेती में केमिकल्स का इस्तेमाल. लहसुन के उत्पादन में पूरी दुनिया का 80% लहसुन चीन में ही होता है मगर फसल उगाने में कीटनाशक का इस्तेमाल इन्हें खाने लायक नहीं बचाता.
5. झींगा:
सी-फ़ूड चाहने वाले झींगा यानी Shrimp बड़े चाव से खाते हैं. चीन से आने वाले Shrimp में कार्सिनोजेन नाइट्रोफुराज़ोन, क्लोरैमफ़ेनिकॉल और एनोफ़्लोक्सासिन जैसे ख़तरनाक पदार्थ पाए गए हैं.
6. पत्ता गोभी:
आपने ध्यान दिया होगा की चायनीज़ खाने में पत्ता गोभी का बहुत इस्तेमाल किया जाता है मगर यहां उगाई जाने वाली पत्ता गोभी में भी ख़ूब कीटनाशक का इस्तेमाल किया जाता है. वहां के किसान गर्मी के महीनों में गोभी को ताजा रखने के लिए फसलों पर मिश्रण का छिड़काव करते हैं जो सेहत के लिए ख़राब होता है.
7. मशरूम:
चीन से आने वाली मशरूम बाज़ारों में दिख जाती है. इन मशरूम मो फ्रेश रखने के लिए केमिकल्स में डुबा के रखा जाता है.
8. चिकन:
चीन से आने वाले चिकन को तो बिल्कुल ही बचना चाहिए. क्योंकि चीन में मीट को लेकर नियम काफी अस्पष्ट हैं, ऐसे में बेहतर यही रहेगा कि मीट लोकल चिकन शॉप से ही ख़रीद लें.
9. वाइन:
अगर आप वाइन के शौक़ीन हैं तो आपको पता ही होगा कौन सी वाइन अच्छी है और नहीं. चीन से आने वाली वाइन्स को अच्छा नहीं माना जाता है. बहुत सारी वाइन में आर्टिफिशियल फ़्लेवर, डाई और शुगर पायी गयी है.
10. अण्डा:
नाश्ते में प्रोटीन से भरे अण्डे अधिकतर लोगों की पसंद रहती है. चीन से आने वाले कुछ अण्डों में पैराफिन और कैल्शियम कार्बोनेट पाया गया है. शरीर को प्रोटीन देने की बजाय ऐसे अण्डे शरीर को धीमा ज़हर देते हैं.
11. मछली और शेलफिश:
कई देशों में कुछ बाज़ार अपनी कच्ची और पकी हुई मछली और शेलफिश को बेचने के लिए पूरे दिन धूप में रखते हैं. ऐसा करने से ये खाना खाने लायक नहीं बचता. ऐसे देशों से आया हुआ मीट ख़राब होता है.
12. दूध वाले प्रोडक्ट्स:
अलग अलग देशों में डेयरी फार्मिंग का प्रोसेस बहुत अलग होता है. बहुत संभव है कि आप किसी और देश का दूधका प्रोडक्ट खा लें और बीमार पड़ जाएं. ऐसे प्रोडक्ट्स को पचाने में परेशानी हो सकती है.
13. कच्चा काजू:
ग्रोसरी स्टोर पर मिलने वाला कच्चा काजू असल में कच्चा नहीं होता है. काजू में उरुशील नाम का ख़तरनाक पदार्थ पाया जाता है. आपको सच में ‘कच्चे काजू’ को नहीं ही खाना चाहिए.
14. बर्फ़ वाली ड्रिंक्स:
अगर आप किसी और देश में हैं तो ऐसी ड्रिंक पीने से बचिए जिसमें बर्फ़ मिली हो क्योंकि बर्फ़ अक्सर नल वाले पानी की ही जमा दी जाती है. क्योंकि नल वाले पानी की क्वालिटी हर देश में अलग अलग होती है.
15. कच्चे अण्डे:
दुनिया भर में कई व्यंजन हैं जो कच्चे या थोड़ा कम पकाए गए अण्डे के इस्तेमाल से बनते हैं. कच्चे अण्डे खाने से salmonella होने की सम्भावना बढ़ जाती है. कोशिश करिये कि जो अण्डे आप खा रहे हैं वो अच्छे से पके हों.
बाहर का खाइये लेकिन संभल कर ताकि आपकी आपकी सेहत पर ना पड़े असर.