नॉनवेज के शौक़ीन लोग निज़ामुद्दीन के कबाब और बिरयानी के दीवाने हैं. सप्ताह की शुरूआत हो या सप्ताह का अंत ये एक ऐसी जगह है, जहां आपको बिरयानी और कबाब के लिये हमेशा भीड़ दिखाई देगी. ख़ास कर बृहस्पतिवार को निज़ामुद्दीन दरगाह की गलियों में पैर रखने की जगह नहीं होती. वैसे कुछ ऐसे भी लोग हैं, जो यहां सिर्फ़ वीकेंड पर ही जाना पसंद करते हैं. 

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अब आपको निज़ामुद्दीन कब जाना और कब नहीं, ये आप पर निर्भर करत है. हांलाकि, बिरयानी और कबाब लवर्स को एक ज़रूरी सूचना ज़रूर दे देते हैं. दिल्लीवालों को शायद ही पता हो कि निज़ामुद्दीन में हर बृहस्पतिवार क़व्वाली भी होती है. ठीक वैसी ही मधुर क़व्वाली जैसा कि कई बार हम फ़िल्मों में देखते हैं. अगर भावपूर्ण क़व्वाली सुनने के शौक़ीन हैं, तो ये इच्छा निज़ामुद्दीन जाकर पूरी हो सकती है. 

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बृहस्पतिवार को यहां का माहौल ही बेहद ख़ास और अलग होता है. दरगाह में बैठ कर क़व्वाली का आनंद लेना ही एक सपने सा लगता है. मन कितना ही परेशान क्यों न हो, पर वहां जा कर सब कुछ बदल जाता है. इसके अलावा वहां की गलियों में घूमते-घूमते आप हलावा-पूरी का भी मज़ा ले सकते हैं. हलवा-पूरी का लाजवाब टेस्ट आपको कहीं और नहीं मिलेगा. 

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बृहस्पतिवार को क़व्वाली शाम 7 बजे से शुरू होती है. इसीलिये ऑफ़िस से फ़्री होकर आप आसानी से यहां जा सकते हैं और मधुर क़व्वाली का आनंद ले सकते हैं. पर हां ध्यान रहे कि इस दिन दरगाह पर बहुत भीड़ होती है, इसलिये टाइम से पहले पहुंच कर अपने लिये जगह ढूंढ लें. ताकि भीड़ की वजह से आपकी शानदार शाम में कोई खलल न पड़े. 

ये वाला तो निकल गया पर अगला Thursday मिस मत करना.