माना जाता है कि ‘टूथब्रश’ के आविष्कार से पहले मिस्रवासियों ने लगभग 5000BC में अपने दांतों को साफ़ करने के लिए ‘टूथपेस्ट’ का उपयोग करना शुरू कर दिया था. जबकि प्राचीन यूनानियों और रोमनों को ‘टूथपेस्ट’ का इस्तेमाल करने के लिए जाना जाता है. चीन और भारत के लोगों ने 500BC के आसपास टूथपेस्ट का इस्तेमाल करना शुरू किया था. उस दौरान ‘टूथपेस्ट’ प्राकृतिक चीज़ों से बनाया जाता था. टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube)

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आधुनिक समय में टूथपेस्ट (Toothpaste) की शुरुआत 1800 के दशक में हुई थी. प्रारंभिक संस्करणों में साबुन मिक्स हुआ करता था, जबकि 1850 के दशक में चाक को शामिल किया गया था. इंग्लैंड में 1800 के दशक में टूथपेस्ट में सुपारी का इस्तेमाल होता था.1850 के दशक से पहले ‘टूथपेस्ट’ आमतौर पर पाउडर होते थे. 1850 के दशक में ही एक जार में एक नया टूथपेस्ट, जिसे क्रेम डेंटिफ्रीस कहा जाता है, विकसित किया गया. सन 1873 में ‘कोलगेट’ ने जार में टूथपेस्ट का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू किया. इसके बाद ‘कोलगेट’ ने 1890 के दशक में टूथपेस्ट को आधुनिक ‘टूथपेस्ट ट्यूब’ के तौर पर पेश किया था.

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सन 1890 से लेकर आज तक दुनियाभर में तरह-तरह के ‘टूथपेस्ट’ इस्तेमाल किये जा रहे हैं. इस दौरान टूथपेस्ट (Toothpaste) ही नहीं, बल्कि टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube) का आकार भी पूरी तरह से बदल चुका है. पहले एक ही कलर का ‘टूथपेस्ट’ मिलते थे. लेकिन बाद में अलग-अलग रंगों के ‘टूथपेस्ट’ मिलने लगे. जबकि आज एक ही ‘टूथपेस्ट ट्यूब’ में अलग-अलग रंगों का ‘टूथपेस्ट’ भी मिल रहा है. अब सवाल ये उठता है कि ‘टूथपेस्ट ट्यूब’ के अंदर अलग-अलग रंगों का ‘पेस्ट’ मिक्स क्यों नहीं होता? गर्मी हो या ठंड वो अक्सर ठोस आकर में ही क्यों होता है?

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चलिए जानते हैं इसके पीछे की असल वजह क्या है?

टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube) को Squeeze Tube या Collapsible Tube भी कहा जाता है. इस ट्यूब के अंदर मौजूद ‘पेस्ट’ एक दिलचस्प पदार्थ है. ये तरल पदार्थों में नहीं गिना जाता है. ये नॉन-न्यूटोनियन (Non-Newtonian) तरल पदार्थों के एक वर्ग का हिस्सा है. ये सामान्य तरल पदार्थों की तरह काम नहीं करता है. टूथपेस्ट विशेष रूप से Shear Thinning Fluids पदार्थों में से एक है, जिसे बिंघम प्लास्टिक (Bingham Plastics) के तौर पर भी जाना जाता है.

टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube)

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टूथपेस्ट (Toothpaste) पूर्ण तरल पदार्थ नहीं है, इसलिए ट्यूब के अंदर रंग एक दूसरे में फैलते नहीं हैं. टूथपेस्ट ठोस भी नहीं है, ये एक ‘अर्ध-ठोस’ पदार्थ है. टूथपेस्ट के रंग ट्यूब के अंदर इसलिए भी नहीं मिलते क्योंकि वो प्लास्टिक की पतली परतों से अलग हो जाते हैं. ट्यूब के अंदर जब पेस्ट डाला जाता है तोउसे एक साथ नहीं डालते, बल्कि अलग-अलग समय पर अलग-अलग रंग का पेस्ट डाला जाता है, इसलिए भी ‘टूथपेस्ट’ के रंग ‘ट्यूब’ के अंदर मिक्स नहीं होते. 

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टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube) को जब तक निचोड़ते नहीं हैं वो अपने ठोस रंग के ब्लॉक के अंदर ही रहता है. लेकिन जब आप ट्यूब को निचोड़ते या दबाते हैं, तो आपके द्वारा लगाए जाने वाले Shear Force से तरल पदार्थ बाहर निकलने लगता है. लेकिन ये एक लामिनार फ़ैशन (Laminar Fashion) में बहता है और मिश्रित नहीं होता है. जब तक आप टूथपेस्ट को निचोड़ने नहीं, तब तक ये एक ठोस की तरह व्यवहार करता है. 

आपने अक्सर गौर किया होगा कि ‘टूथपेस्ट’ की बूंद ‘टूथब्रश’ पर बिल्कुल वैसी ही अमिश्रित होती है जैसे ये ट्यूब में से निकलती है. अगर आप टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube) को चटक धूप में भी रखेंगे तो भी पेस्ट के कलर मिक्स नहीं होंगे, हवा के संपर्क में आने से भी इसे कोई फर्क नहीं पड़ता. लेकिन अगर टूथपेस्ट को ट्यूब से निकालकर धूप में रखेंगे तो कुछ समय बाद ये सभी कलर मिक्स होने लगते हैं. 

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कुल मिलकर टूथपेस्ट ट्यूब (Toothpaste Tube) के अंदर ‘पेस्ट’ के कलर मिक्स नहीं होने के पीछे असल वजह है ‘टूथपेस्ट’ का एक ख़ास किस्म का तरल पदार्थ होना जिसे कई तरह के कैमिकल्स के मिश्रण से तैयार किया जाता है.

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