इंकम टैक्स, रोड टैक्स, सर्विस टैक्स, ये टैक्स वो टैक्स! हमारी ज़िन्दगी टैक्स से भरी हुई है. हम नहीं जानते दिनभर में हम किन-किन चीज़ों पर, कितना-कितना टैक्स देते हैं. ये मसला इतना पेचीदा है कि हम इसे समझने के बदले, सिर्फ़ पैसे देकर मामला निपटाने की सोचते हैं.
हमें अफ़सोस सिर्फ़ Direct Tax का होता है क्योंकि ये हमें साफ़ दिखता है. बाकी Indirect Tax जब तक बहुत ज़्यादा न हो, हम पूछते भी नहीं हैं.
इसी चीज़ का फायदा उठाते हैं बड़े-बड़े रेस्टोरेंट्स. जब किसी रेस्टोरेंट में हम खाने जाते हैं, तो बिल में सिर्फ़ खाने के पैसे नहीं, बल्कि सर्विस चार्ज, सर्विस टैक्स और VAT जुड़ कर आता है.
कैसे लगता है Service Charge?
अलग-अलग रेस्टोरेंट्स के अलग-अलग सर्विस चार्जेस होते हैं. ये चार्ज रेस्टोरेंट खुद तय करता है और अपनी बेहतरीन सर्विस के हिसाब से पैसे लेता है. इसमें खाने के अलावा दी गई सभी सर्विस के पैसे जुड़े होते हैं, जैसे वेटर द्वारा खाना लाना और परोसा जाना, AC, Hospitality, अपके टेबल चार्जेस आदि. इन चार्जेस पर सरकार का कोई शेयर नहीं होता न ही ये सरकार निर्धारित करती है. ये रेस्टोरेंट अपने हिसाब से लेता है, जो कि बिल का 5% से 10% तक लगता है.
ये सर्विस चार्ज Take Away पर नहीं लगता क्योंकि इसमें आप खाना पैक करा कर घर ले जाते हैं और उनकी सर्विसेज़ का लाभ नहीं उठाते. ज़्यादातर रेस्टोरेंट इसमें भी झोल करते हैं अगर एक बार बिल बनने के बाद आप दोबारा कुछ आॅर्डर कर देते हैं, तो रेस्टोरेंट दो बार सर्विस चार्ज और सर्विस टैक्स ले लेते हैं. सरकार के पास सर्विस टैक्स और VAT जाता है. सर्विस टैक्स, सर्विस चार्ज पर लगता है और VAT खाने पर. अब विस्तार में जानिए कैसे सर्विस टैक्स के नाम पर झोल होता है.
यहां शुरू होता है अंधी कमाई का खेल, जो हम नहीं समझते.
सर्विस टैक्स सिर्फ़ सर्विस चार्जेस पर लगता है, ना कि पूरे बिल पर. यानि अगर बिल 2000 रुपये का है और सर्विस चार्ज 100 रुपये है, तो सर्विस टैक्स 100 रुपये पर लगना चाहिए, न कि 2100 रुपये पर. उदाहरण के तौर पर अगर सर्विस टैक्स 5% है तो वो 100 रुपये पर लगना चाहिए न कि 2100 पर.
क्या करते हैं रेस्टोरेंट्स
Bill- 2000
Service Charges- 100
Service Tax- 5% (2000+100) = 105
Total Bill= 2205 रुपये (2000+100+105), बिना VAT के.
Bill क्या होना चाहिए
Bill- 2000
Service Charges- 100
Service Tax- 5% (100) = 5
Total Bill= 2105 रुपये (2000+100+5) बिना VAT के.
ये जो 105 रुपये आपने टैक्स के नाम पर दिया है, इसमें से 5 रुपये सरकार के पास गए और बाकि रेस्टोरेंट मालिक की जेब में.
आपने पहले ही 100 रुपये ज़्यादा दिए और वेटर का ख़ुशनुमा चेहरा देख कर 50 रुपये टिप भी दे आए.
और विस्तार में समझने के लिए ज़रा Delhi High Court Bar Association के इस नोटिस को देखिए.