UP Businessman Dr. Arvind Goyal: महाभारत में सबसे बड़े दानी दानवीर कर्ण का नाम और उनके क़िस्से ख़ूब सुने होंगे, जिसने कृष्ण जी को अपना कवच और कुंडल दान में दिया था, जिससे महाभारत के युद्ध में जीत मिली थी. द्वापर युग में कर्ण का होना लाज़िमी है, लेकिन कलयुग में जहां इंसान-इंसान का दुश्मन बन गया है उस युग में कर्ण का होना असंभव है. मगर इस अंसभव तथ्य को यूपी के बिज़नेसमैन डॉ. अरविंद गोयल (UP Businessman Dr. Arvind Goyal) ने संभव करके दिखाया है. डॉ. अरविंद गोयल को पूरी दुनिया कलयुग का दानवीर कर्ण कह रही है क्योंकि इन्होंने अपने पूरे जीवन की कमाई क़रीब 600 करोड़ रुपये ग़रीब-बेसहारा लोगों को दान कर दी है. इस पोस्ट को Ashish Bhatnagar नाम के शख़्स ने ट्विटर पर शेयर किया है.
कलयुग के दानवीर कर्ण बने डॉ अरविंद गोयल, जिंदगी भर की कमाई 600 करोड़ रुपये गरीबों को कर दी दान !
— Ashish Bhatnagar (@AshishB53715669) July 20, 2022
यूपी के मुरादाबाद के रहने वाले डॉ अरविंद गोयल ने अपनी जीवन भर की संपत्ति करीब 600 करोड़ रुपये गरीबों को दान दे दी है। डॉ गोयल ने अपने पास सिर्फ एक घर रखा है जिसमें वो रहते हैं। pic.twitter.com/lrU9NCXnf6
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UP Businessman Dr. Arvind Goyal
ये दौर ऐसा दौर है, जब कोई किसी को कबाड़ भी फ़्री में नहीं देता है ऐसे में मुरादाबाद के उद्योगपति डॉ. अरविंद कुमार गोयल (UP Businessman Dr. Arvind Goyal) ने अपनी पूरी संपत्ति ग़रीबों को दान दे दी है. इस संपत्ति को डॉ. गोयल ने पूरी ज़िंदगी की कड़ी मेहनत से जोड़ी थी, जिसे अब वो ग़रीबों और अनाथों की शिक्षा और चिकित्सा के लिए राज्य सरकार को देने का फ़ैसला कर चुके हैं.
अपनी कमाई के नाम पर इन्होंने सिर्फ़ मुरादाबाद के सिविल लाइंस के पास स्थित अपना बंगला अपने पास रखा है बाकी सब कुछ दान कर दिया है. जबसे उन्होंने इस बात की घोषणा की है, तब से लोगों का जमावड़ा उनके बंगले के बाहर लगा हुआ है. अपने फ़ैसले को लेकर डॉ गोयल ने बताया कि वो 25 साल पहले ही अपनी संपत्ति दान कर देना चाहते थे, जिसकी वजह बताई,
दिसंबर के महीने में मैं ट्रेन से कहीं जा रहा था तभी मैंने देखा कि सामने एक आदमी ठंड से ठिठुरा जा रहा है उसने न कंबल ओढ़ रखा था और न ही उसेक पैर में चप्पल ती, तब मैंने अपने जूते उसे पहना दिए, लेकिन मैं भी ठंड बर्दाश्त नहीं कर पा रहा था.
-डॉ. अरविंद गोयल
आगे बताया,
ये सब देखने के बाद उसी रात मेरे मन में ख़्याल आया कि ये तो एक है न जाने कितने लोग होंगे जो ठंड से ऐसे ठिठूरते होंगे. बस तभी से मैंने ग़रीब और बेहसहारा लोगों की मदद करना शुरू कर दी. मैंने ज़िंदगी में बहुत कुछ पाया और कमाया है इसलिए मैं अपने ज़िंदा रहते अपनी संपत्ति को सही हाथों में सौंप कर जाना चाहता हूं ताकि इस्तेमाल ग़रीबों के लिए किया जा सके. मैने अपनी संपत्ति दान करने के लिए ज़िला प्रशासन को चिट्ठी लिखी है.
-डॉ. अरविंद गोयल
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डॉ. अरविंद कुमार गोयल के परिवार की बात करें तो उनके पिता प्रमोद कुमार गोयल और मां शकुंतला देवी स्वतंत्रता सेनानी थे. इनके बहनोई मुख्य चुनाव आयुक्त रह चुके हैं. इसके अलावा, इनके दामाद सेना में कर्नल और ससुर जज रह चुके हैं. डॉ. गोयल की पत्नी का नाम रेणू है और इनके दो बेटे और एक बेटी है, जिसमें बड़ा बेटा मधुर गोयल मुंबई में रहता है और छोटा बेटा शुभम प्रकाश गोयल मुरादाबाद में रहता है यही अपने पापा का समाजसेवा से जुड़े कामों में मदद करते हैं.
इतना ही नहीं डॉ. गोयल की मदद से पिछले 20 सालों से देश भर में सैकड़ों वृद्धाश्रम, अनाथालय, मुफ़्त स्वास्थ्य केंद्र और ग़रीब बच्चों के लिए मुफ़्त में स्कूल चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा, लॉकडाउन के दौरान इन्होंने 50 गांवों को गोद लेकर वहां के लोगों को खाना और ज़रूरत की चीज़ें फ़्री में मुहैय्या कराई थीं.
आपको बता दें, इनकी परोपकारता और समाजसेवा के चलते अब तक राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम इन्हें सम्मानित कर चुके हैं.