What are Stock Market Bull and Bear: शेयर बाज़ार (Share Market) का नाम सुनते ही हमारे दिमाग़ में शेयर ख़रीदकर और बेचकर मुनाफ़ा कमाने का आइडिया आता है, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं है. शेयर मार्किट में वही ट्रेडिंग कर सकता है, जिसे इसकी अच्छी समझ हो. क्योंकि शेयर्स की ट्रेडिंग करके मुनाफ़ा कमाने का सपना हर कोई देखता है, लेकिन मुनाफ़ा कामना टेढ़ी खीर के सामान है. आज के दौर में भले ही फ़ोन के एक क्लिक से शेयर ट्रेडिंग करना आसान हो गया हो, लेकिन एक दौर था जब ये प्रक्रिया बेहद जटिल मानी जाती थी. तब इस प्रक्रिया के दो अहम पक्ष होते थे, जिन्हें ‘तेजड़िया’ और ‘मंदड़िया’ कहा जाता था. आज के दौर में इन्हें बुल (Bull) और बीयर (Bear) के नाम से जाना जाता है.

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चलिए आज आपको शेयर बाज़ार (Share Market) के इन्हीं बुल (Bull) और बीयर (Bear) की असल कहानी से रूबरू कराते हैं-

कौन है शेयर मार्किट का ‘बुल’?

बुल (बैल) शेयर मार्किट के वो ट्रेडर होते हैं, जिनका काम बाज़ार को ऊपर ले जाना होता है. इन्हें ‘तेजड़िया’ कहा जाता है. आज के दौर में इन्हें शेयर ट्रेडर कहा जाता है. इनकी तुलना बुल (बैल) से इसलिए की जाती है, क्योंकि जब बैल अपने दुश्मन पर करता है तो वो उसे अपने सींघों से ऊपर की तरफ़ उछालता है. शेयर मार्किट में इसी उछाल को ‘बुल’ कहा जाता है.

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कौन है शेयर मार्किट का ‘बीयर’?

बीयर (भालू) शेयर मार्किट के वो ट्रेडर होते हैं, जो बाज़ार को नीचे की तरफ़ धकेलने का काम करते हैं. मतलब ये कि शेयर मार्किट को गिराकर मुनाफ़ा कमाने का काम करते हैं. इन्हें ‘मंदड़िया’ कहा जाता है. इनकी तुलना बीयर (भालू) इसलिए की जाती है, क्योंकि भालू अपने पंजे को दुश्मन पर नीचे की तरफ़ मारता है. ऐसे में सामने वाला नीचे गिरता है.

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‘बुल’ कैसे लाते हैं शेयर मार्किट में उछाल?

बुल (तेजड़िया) आने वाली मंदी के बारे में ना सोच कर आने वाले समय में वृद्धि का अनुमान लगाकर अपने शेयर मंदी में तत्काल ना बेचकर सही समय की प्रतीक्षा करता है और महंगाई के समय अपने शेयर बेच कर प्रॉफ़िट कमाता है. बुल मंदी के समय शेयर ख़रीदता है और महंगाई के समय बेच देता है. इन्हें लंबे वक्त के लिए शेयर्स में निवेश करने के लिए भी जाना जाता हैं, जो 2 साल से लेकर 20 साल तक हो सकता है. लंबे समय तक निवेश करने वालों को ‘बिग-बुल’ कहा जाता है. बुल जब शेयरों को लंबे वक्त के लिए ख़रीदते हैं तो मार्किट में उनकी मांग बढ़ने लगती है. ये मुनाफ़ा कमाने के साथ-साथ ख़रीद में भी तेज़ी बनाए रखने का काम करते हैं.

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‘बीयर’ कैसे गिराते हैं शेयर मार्किट?

बीयर (मंदड़िया) आने वाले समय में मूल्य में गिरावट का अनुमान लगा कर अपने शेयर बेचकर पैसा अर्जित करता है. शेयर मार्किट में जब भी किसी बड़ी कंपनी से जुड़ी कोई बुरी ख़बर आती है, तो ‘बीयर’ कमाई करने में जुट जाते हैं. ऐसे में ये ‘शॉर्ट सेलिंग’ का सहारा लेते हैं, जिसके तहत ये पहले शेयर बेचते हैं फिर उन्हें ख़रीद लेते हैं. इस दौरान जो मार्जिन होता है वो इनकी कमाई मानी जाती है. असल में ‘बीयर’ का काम बुरी ख़बरों को अधिक से अधिक हवा देकर शेयर होल्डर्स के मन में डर पैदा करना होता है कि उनका भारी नुकसान होने वाला है. ऐसे में अधिकतर लोग अपने शेयर बेचने लगते हैं और बाज़ार गिरने लगता है.

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क्यों अब जान गये न शेयर बाज़ार (Share Market) के बुल (Bull) और बीयर (Bear) क्या काम करते हैं.