अंग्रेज़ों ने भारत जैसे देशों पर कई सालों तक राज किया. ब्रिटिश राज के दौरान उन देशों के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान भी हुआ. कुछ हमने उनसे सीखा और कुछ उन्होंने हमसे. अलग-अलग प्रकार का भोजन भी इसी कैटेगरी में आता है. आज भी भारत में ऐसी बहुत सी डिशेज हैं जो ब्रिटिश एरा की देन हैं. उस दौर में मिडिल क्लास के अंग्रेज़ों का भी शाही परिवार जैसा रहन-सहन था.

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उन्हें दिन में पांच बार भोजन परोसा जाता था. चलिए आज जानते हैं कि ब्रिटिश काल में भारत में किस प्रकार का खाना खाया जाता था.

प्री-ब्रेकफ़ास्ट 

ये सुबह 6 बजे के आस-पास दिया जाता था. इसे छोटा हाजिरी भी कहते थे. इसमें चाय और उसके साथ कोई मौसमी फल काटकर सर्व किया जाता था.

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ब्रेकफ़ास्ट 

कुछ घंटे बाद बड़ी हाजिरी यानी ब्रेकफ़ास्ट लगता था. ये वो भोजन था जिसके बिना भारत में रहने वाला कोई भी अंग्रेज़ अपने दिन की शुरुआत करने की सोचता भी नहीं था. इसमें Crumbled Chops, Brain Cutlets, Beef Rissoles, Devilled Kidneys, Whole Spatchcocks, Duck Stews, Irish Stews, Mutton Hashes, Brawns Of Sheep Heads और Trotters आदि परोसे जाते थे. इनके साथ भारतीय व्यंजन जैसे जालफ्रेजी, चिकन मलाई और बीफ़ हुसैनी भी बनते थे.

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लंच 

1 बजे अंग्रेज़ों को लंच खाने की आदत थी. कुछ हल्का भोजन करते थे तो उन्हें ग्रिल्ड चिकन सर्व किया जाता था. वहीं कुछ को हेवी लंच करने की आदत थी. ऐसे लोगों को सूप, भुना हुआ मांस, पाई, पनीर, मिठाई और शराब परोसी जाती थी. शाम के नाश्ते में चाय और कुछ हल्के-फुल्के स्नैक्स परोसे जाते थे.

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डिनर 

डिनर में सूप के साथ एक बहुत बड़ी टर्की को ब्रिटिश स्टाइल में पकाकर सर्व किया जाता था. इसके साथ कबूतर पाई, मटन चॉप्स और चिकन कटलेट भी बनते थे. वहीं स्पेशल डिश भी बनाई जाती थी जो किसी दिन शिकार के दौरान मारे गए पशु-पक्षी के मांस से बनती थी.  

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अंग्रेज़ों की बहुत सी डिशेज को भारतीय ने अपनाया है और इन्हें वो आज भी बड़े ही चाव से खाते हैं. जैसे: आमलेट, सैंडविच, क्लब सैंडविच, पनीर बॉल, करी पफ़, कटलेट और चॉप, कैरेमल कस्टर्ड आदि.