बचपन में हमें, ग्रुप के बड़े बच्चे ये कहकर डराते थे कि अगर च्युइंग गम (Chewing Gum) निगल लिया तो वो 7 साल पेट के अंदर ही चिपका रहता है. इस डर से तो न जाने कितने बच्चों ने च्युइंग गम खाना बंद ही कर दिया होगा या बहुत ज़्यादा संभल कर खाते थे. बहुत सारे बच्चे तो च्युइंग गम का स्वाद ख़त्म होते ही उसे फेंक देते थे.
च्युइंग गम निगलने पर क्या होगा?
Healthline के एक लेख की मानें तो च्युइंग गम संभल कर चबाना चाहिये लेकिन अगर ग़लती से निगल ली है तो कोई परेशानी की बात नहीं है. पॉटी के साथ लगभग 40 घंटे बाद च्युइंग गम निकल आता है, ठीक वैसी ही जैसे बाक़ी खाने-पीने की चीज़ें.
च्युइंग गम निगल लेने के बाद क्या करना चाहिये?
च्युइंग गम निगल लेने के बाद डॉक्टर के पास जाना ज़रूरी नहीं है क्योंकि ये डाइजेस्टिव ट्रैक्ट (Digestive Tract) से बाहर निकल जाता है. अगर किसी ने बहुत सारे च्युइंग गम और अन्य पदार्थ निगल लिये हैं जिन्हें पचाया नहीं जा सकता तो उससे ब्लॉकेज हो सकता है. ऐसे में सर्जरी करके चीज़ों को निकालना पड़ता है.
कैसा बनता है च्युइंग गम
द्वितीय विश्व युद्ध से पहले तक, मध्य अमेरिका में पाये जाने वाले Sapodilla पेड़ के रस में फ़्लेवर्स डालकर बनाया जाता था, च्युइंग गम. आजकल गम बेस (Gum Base) से बनाया जाता है च्युइंग गम. गम बेस, Polymers, Plasticizers और Resins का मिश्रण है. इसे Food-Grade Softeners, Preservatives, Sweeteners, रंग, फ़्लेवर्स के साथ मिक्स किया जाता है. गम में पाउडर्ड या Hard Polyol Coating होती है.
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