आपने अक्सर कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) के बारे में सुना होगा, लेकिन ये क्या है होता ये कम ही लोगों को मालूम होगा. अमूमन ‘कोलेस्ट्रॉल’ को शरीर के लिए बेहद ख़राब चीज़ माना जाता है, जिसके बढ़ने से दिल से जुड़ी दिक्कतें होती हैं. लेकिन ये पूरी तरह से सच नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल हमेशा बुरा ही हो. अधिकतर लोग इसी कंफ्यूज़न में रहते हैं कि कोलेस्ट्रॉल अच्छा होता है या बुरा? दरअसल, कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है. गुड़ कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल. इन दोनों में क्या फ़र्क है, आज हम आपको यही समझने जा रहे हैं.

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कोलेस्ट्रॉल क्या होता है (What is Cholesterol)?

इंडिया टुडे से बातचीत में डॉक्टर विवेका कुमार ने बताया कि, दिल की बीमारियों में कोलेस्ट्रॉल का बहुत बड़ा हाथ होता है. कोलेस्ट्रॉल एक सैचुरेटेड फैट (अनहेल्दी फैट) होता है. ये दिल को कमज़ोर बनाने वाला तत्व होता है, जो हमारी नसों में पैदा होता है. बुरे कोलेस्ट्रॉल को LDL कोलेस्ट्रॉल भी कहा जाता है. हार्ट अटैक आने के पीछे इसे बहुत बड़ा कारण माना जाता है. अगर आप कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल रखेंगे, तो हार्ट अटैक जैसी जानलेवा बीमारी से बच पाएंगे.

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बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए कैसे ख़राब है?

कोलेस्ट्रॉल (Cholesterol) दिल की धमनियों में जमा हो जाता है और रुकावट पैदा करता है. अगर कोलेस्ट्रॉल धमनियों को 70 प्रतिशत से ज़्यादा ब्लॉक करता है तो वहां ख़ून का बहाव नहीं हो पाता, जिससे ‘हार्ट अटैक’ और ‘ब्रेन स्ट्रोक’ आ सकता है. अगर कोलेस्ट्रॉल किडनी की धमनियों में जमा हो जाता है तो ‘ब्लड प्रेशर’ बढ़ने लगता है. कोलेस्ट्रॉल क्या होता है (What is Cholesterol)

स्टडी में पाया गया है कि, अगर कोलेस्ट्रॉल कम किया जाए तो दिल की नसों में ब्लॉकेज कम होती है. कुछ केसेस में दवाइयां खाने से दिल की नसों में आई ब्लॉकेज को कम भी किया जा सकता है. अगर किसी के परिवार में कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री रही है तो सतर्क रहने की ज़रूरत है. क्योंकि लंबे समय तक कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने से ये दिल की नसों में जमा होने लगता है, जिससे आगे जाकर दिल की बीमारियां होती हैं.

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कैसे पता चलेगा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है?

लिपिड प्रोफ़ाइल ब्लड टेस्ट से पता चलता है कि कोलेस्ट्रॉल कितना है.जबकि एंजियोग्राफ़ी से पता चलता है कि दिल की नसें कितनी ब्लॉक हैं. ब्रेन में ब्लॉकेज है तो ब्रेन की नसों की एंजियोग्राफ़ी की जाती है. What Is Cholesterol, and what is Good And Bad Cholesterol?

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गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल में क्या फ़र्क होता है? 

कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है. ‘गुड कोलेस्ट्रॉल’ और ‘बैड कोलेस्ट्रॉल’. बैड कोलेस्ट्रॉल को HDL (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कहा जाता है. ये दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के रिस्क को कम करने में मदद करता है. एक्सरसाइज़ करने से, अखरोट और बादाम जैसे ड्रायफ्रूट्स खाने से अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है. हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है. 


बैड कोलेस्ट्रॉल को LDL (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कहा जाता है. ये ऑक्सीडाइज (किसी वस्‍तु में ऑक्‍सीजन मिलना) होकर धमनियों में जमा हो जाता है. इससे एंजाइना हो सकता है. हार्ट अटैक भी पड़ सकता है. इसलिए डाइट में अच्छा कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होना चाहिए. बुरा कोलेस्ट्रॉल कम होना चाहिए. जेनेटिकली हिन्दुस्तानियों में अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम, जबकि बुरा कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होता है.  

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कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने के लिए क्या करें? 

कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए दवाइयां खानी पड़ती हैं, जिसको स्टेटिन कहते हैं. इसके अलावा लाइफ़स्टाइल में बदलाव करना बेहद ज़रूरी है. बैड कोलेस्ट्रॉल को काम करने में एक्सरसाइज़ करना ज़रूरी है. सैचुरेटेड फैट (अनहेल्दी फैट) और मिठाइयों का सेवन कम करें. एक्सरसाइज़ और हेल्दी डाइट सबसे अच्छा बचाव है. डाइट में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाएं. बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करें. इस तरह के लाइफ़स्टाइल से दिल की बीमारियां कम की जा सकती हैं. 

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इसके अलावा जितनी भी एरोबिक एक्सरसाइज़ होती हैं जैसे रनिंग, जॉगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग से भी ‘कोलेस्ट्रॉल’ कम किया जा सकता है. इस दौरान व्हाइट शुगर, व्हाइट नमक, आलू का सेवन कण से कम करें. कार्बोहाइड्रेट, फैट, घी को कम करने से भी कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है. अगर बहुत ही हाई कोलेस्ट्रॉल होता है तो ऐसे में इंजेक्शन दिए जाते हैं. इन चीज़ों को लेने से कोलेस्ट्रॉल को नॉर्मल रेंज में लाया जा सकता है. कोलेस्ट्रॉल जितना कम होगा, ख़ासकर बुरा कोलेस्ट्रॉल, उतना ही बेहतर है.

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कोलेस्ट्रॉल कम करने के लिए क्या खाएं (Low Cholesterol Diet)

1- नाश्ते में खाएं ओट्स 

अगर आप नाश्ते में ओट्स का सेवन करते हैं, तो बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है. वहीं, ओट्स के साथ केला खाना भी फ़ायदेमंद होता है. ओट्स में सॉल्यूबल फ़ाइबर होता है, जो बुरे कोलेस्ट्रॉल को नसों में जमने से पहले ही मल के रास्ते शरीर से बाहर निकाल देता है. कोलेस्ट्रॉल क्या होता है (What is Cholesterol)?

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2- सोया मिल्क या टोफू 

बैड कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए आपको सोया मिल्क, टोफू या अन्य सोया प्रॉडक्ट का सेवन करना चाहिए. कई अध्ययन बताते हैं कि सोया उत्पादों में मौजूद प्रोटीन का सेवन करने से बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम किया जा सकता है. कोलेस्ट्रॉल क्या होता है (What is Cholesterol)?

3- वेजिटेबल ऑयल 

कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने के लिए आपको डाइट में कैनोला, सनफ्लॉवर या अन्य वेजिटेबल ऑयल को शामिल करना चाहिए. इन तेलों में मौजूद मोनोअनसैचुरेटेड और पॉलीअनसैचुरेटेड फैट्स शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल का उत्पादन बढ़ाते हैं, जो कि बुरे कोलेस्ट्रॉल को नष्ट कर देते हैं. कोलेस्ट्रॉल क्या होता है (What is Cholesterol)?

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4- डाइट में बैंगन और भिंडी खाएं

हेल्थ हार्वर्ड के मुताबिक़, बैंगन और भिंडी दोनों लो-कैलोरी फूड हैं. जिसमें सॉल्यूबल फ़ाइबर भी होता है. सॉल्यूबल फ़ाइबर कोलेस्ट्रॉल को अपने साथ बांधकर शरीर से बाहर निकालने में मदद करता है. कोलेस्ट्रॉल क्या होता है (What is Cholesterol)?

5- सेब, अंगूर और खट्टे फल खाएं

अगर आप डाइट में सेब, अंगूर और खट्टे फलों को शामिल करते हैं, तो बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं. इन फलों में पेक्टिन होता है, जो एक प्रकार का सॉल्यूबल फाइबर है. आप पहले ही जान चुके हैं कि यह फाइबर किस तरह बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करता है. इसके अलावा अनार का जूस, संतरे का जूस, टमाटर का जूस, ओट्स ड्रिंक, पंपकिन जूस पियें.

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