What is Cloudburst in Hindi: गर्मी के बाद जहां मानसून राहत की सांस लाने का काम करता है, वहीं कुछ इलाक़ों में ये तबाही का कारण बन जाता है. असम की स्थिति से आप ज़रूर वाकिफ़ होंगे, जहां बाढ़ ने दो लाख से ज़्यादा लोगों को प्रभावित किया. वहीं, भारत के कई हिस्सों में बादल फटने की भी बात सामने आई है. वैसे आपने कई बार बारिश के मौसम में बादल फटने की बात ज़रूर सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हैं आख़िर क्या होता है बादल फटना और ये कितना घातक हो सकता है? अगर नहीं, तो हम इस लेख में आपको इसी विषय में बताने जा रहे हैं.   

आइये, अब विस्तार से जानते हैं What is Cloudburst in Hindi 

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क्या होता है बादल फटना?  

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What is Cloudburst in Hindi: ये बात कई लोगों के दिमाग़ में कन्फ़्यूज़न पैदा कर सकती है कि क्या सच में बादल फटते हैं या इसके पीछे कोई और तथ्य छुपा है. सबसे पहले तो ये जान लें कि बादल फटने का मतलब सच में बादल फटना नहीं होता बल्कि एक छोटे क्षेत्र में भारी बारिश को ही बादल फटना कहा जाता है.


मौसम विभाग के अनुसार, एक छोटे इलाक़े में यानी क़रीब एक से दो किमी के क्षेत्र में एक घंटे में 10cm से अधिर बारिश हो जाए, तो इसे बादल फटना कहा जाता है. वहीं, एक क्षेत्र में एक से अधिक बादल फट सकते हैं. ऐसी घटनाएं भारी नुकसान का कारण बनती हैं, जैसे 2013 में केदारनाथ घटना में देखा गया था. वहीं, इस बात को भी जान लें कि हर बारिश को बादल फटना नहीं कहा जाता है.

आख़िर किस वजह से बादल फटते हैं?

What is Cloudburst in Hindi: ये भौगोलिक और मौसमी परिस्थितियों पर निर्भर करता है. दरअसल, ऐसा तब होता है जब किसी छोटे इलाक़े पर कम समय में ही ज़्यादा नमी से भरे बादल ऊपर बन जाते हैं. वहीं, बूंदों का भार इतना बढ़ जाता है कि बादलों की डेंसिटी बढ़ जाती है, जिससे कम समय में ही वहां भारी बारिश हो जाती है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जब ज़मीन से या बादलों के नीचे से गर्म हवा का प्रवाह ऊपर की ओर बढ़ता है और बारिश की बूंदों को अपने साथ ले जाता है. नतीजतन, बनने वाली नई बारिश की बूंदें इतनी भारी और घनी हो जाती हैं कि बादल उनका भार नहीं संभाल पाता है और उस जगह कम समय में ही भारी बारिश हो जाती है.

पहाड़ों में ही अधिक बादल क्यों फटते हैं?

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ये सवाल भी बहुत लोगों को कनफ़्यूज़ करता है कि आख़िर पहाड़ों में ही अधिक बादल क्यों फटते हैं? दरअसल, इसके पीछे की वजह ये है कि जब ज़्यादा नमी वाले बादल हवा के साथ आगे की ओर रुख करते हैं, तो पहाड़ बीच में आ जाते हैं, वो बादलों को आगे बढ़ने नहीं देते और इस बीच बादलों की ज़्यादा डेंसिटी की वजह से वहां तेज़ बारिश हो जाती है.   

बादल फटना कितना ख़तरनाक हो सकता है?  

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What is Cloudburst in Hindi: बादल फटने को एक बड़ी प्राकृतिक आपदा में गिना गया है. अब आप सोच लें कि एक छोटे से इलाक़े में अगर भारी बारिश होने लग जाए, तो वहां कैसी स्थिति खड़ी हो सकती है. इसमें जान-माल की भारी क्षति (what happens when clouds burst) हो सकती है. छोटे क्षेत्र में भारी बारिश की वजह से भूस्खलन (Landslide) आ सकता है और साथ ही घर अगर कच्चे हैं या नदी के पास बने हैं, तो मिट्टी कटने से उनके गिरने का भी जोखिम बढ़ जाता है. अब नीचे हम आपको बादल फटने की कुछ घटनाएं बता रहे हैं, जिससे आप समझ पाएंगे कि ये कितना ख़तरनाक हो सकता है.   

2013 की केदारनाथ आपदा: बादलों के फटने और तेज बारिश की वजह से केदारनाथ और आसपास का इलाक़ बुरी तरह प्रभावित हुआ था. माना जाता है इसमें क़रीब 10 हज़ार से ज़्यादा लोगों ने अपनी जान गवाई और 3 हज़ार से ज़्यादा लोग लापता हो गए थे.  

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ग्रेट मुसी फ़्लड (1908) : 1908 में हैदराबाद के आसपास के इलाक़ों ने भारी बारिश सहन की थी, इसके पीछे का कारण था बंगाल की खाड़ी में आया चक्रवात, जिससे कई जगह बादल फटे और भारी बारिश हुई. माना जाता है कि इस आपदा ने 15 हज़ार से ज़्यादा लोगों की जान ली थी और क़रीब 19 हज़ार घरों को तबाह कर दिया था.   


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जब मुंबई में बादल फटा (2005) : मुंबई भी बादल फटने की घटना का सामना कर चुका है. यहां एक दिन में क़रीब 944mm बारिश हुई थी. इससे फ़्लाइट से लेकर बस, ट्रेन व अन्य यातायात के साधन बुरी तरह प्रभावित हुए थे. वहीं, स्कूल व दफ़्तरों को बंद करना पड़ा और मोबाइल नेटवर्क भी डाउन रहा था.    

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