भारत के हर घर की रसोई में आपको सरसों का तेल ज़रूर मिलेगा. आप बाज़ार से जब भी सरसों का तेल लेते हैं उसके पैकेट पर ‘कच्ची घानी’ का तेल लिखा मिलता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये ‘कच्ची घानी’ दरअसल होता है?

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कच्ची घानी 

सबसे पहले तो आप ये जानिये कि मशीनों के आने से पहले हम खाने वाला तेल कैसे निकालते थे? खाने वाले तेल को पहले कोल्हू द्वारा तैयार किया जाता था. कोल्हू में पशु को बांधा जाता था और वो चक्की घुमाते थे. चक्की में बीज डाले जाते थे, जिनके पीसने के बाद तेल प्राप्त होता था. अब इस प्रक्रिया में पशुओं की जगह मशीनों ने ले ली है. 

अब दो तरह की मशीनों से तेल निकाला जाता है: 

1. Oil Expeller 
2. Cold Press Machine

Oil Expeller मशीन में बीजों से तेल निकलने से पहले उन्हें ऊंचे तापमान पर गर्म किया जाता है. गर्म बीजों से निकलने वाली तेल की मात्रा ज़्यादा होती है. इसलिए कंपनी को ज़्यादा मुनाफ़ा होता है. लेकिन इसमें तेल के तमाम पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाने का ख़तरा रहता है. इसे की पक्की घानी का तेल कहते हैं. 

Cold Press Machine में बीजों से तेल निकलने से पहले उन्हें धीरे-धीरे, कम ताप पर गर्म किया जाता है. इसमें तेल पेरने वाला हिस्सा लकड़ी का बना होता है, जैसा कोल्हू में हुआ करता था. कोल्ड प्रेस मशीन से निकलने वाले तेल की मात्रा Oil Expeller मशीन से निकलने वाले तेल की तुलना में कम होती है, लेकिन इसमें पौष्टिक तत्व बने रहते हैं. इसे ही कच्ची घानी तेल कहते हैं. ज़्यादा बीज से कम मात्रा में तेल निकलने के कारण ही कच्ची घानी तेल का दाम अधिक होता हैं.

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तेल कंपनियों का खिलवाड़ 

अगर आप पैकेट पर ‘कच्ची घानी’ का तेल लिखा देखकर ये सोच रहें हैं कि इसे Cold Press Machine के ज़रिये ही निकाला गया है तो आप ग़लत हो सकते हैं. कुछ कंपनियों ने ‘कच्ची घानी’ को ट्रेडमार्क/ Brand Name के रूप में रजिस्टर करा लिया है और इसे पैकेट पर नाम के रूप में छाप दिया जाता है. इसका ये कतई मतलब नहीं होता है कि ये तेल असल में ‘कच्ची घानी’ है. समझे की नहीं कंपनियों का ये दोमुहा खेल!

अगर नहीं समझे तो पत्रकार सयंतन बीरा का ये ट्वीट देखिए:

सेहतमंद रहना है तो कच्ची घानी का तेल खाइये मगर असली वाला ! कमेंट्स में ये जरूर बताइये की कंपनियों के इस झोल पर आप क्या सोचते हैं?