आसमान से पृथ्वी पर जब भी कोई वस्तु गिरती है तो इस दौरान उस वस्तु पर दो बल (Force) काम कर रहे होते हैं. इसमें पहला बल, पृथ्वी का गुरूत्वाकर्षण बल (Gravitational Force) होता है जो किसी भी वस्तु को तेज़ी से पृथ्वी की ओर खींच रहा होता है और इसकी गति 980 सेंटीमीटर प्रति सैकेंड स्क्वायर की दर से लगातार बढ़ती रहती है. जबकि दूसरा बल, खिंचाव (Drag) होता है जो ‘गुरुत्वाकर्षण बल’ के विरुद्ध कार्य करता है और उसे रोकने की कोशिश करता है.

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ये बल गिरती हुई वस्तु पर वायु के घर्षण या प्रतिरोध के कारण उत्पन्न होता है. इस बल की मात्रा या तीव्रता गिरने वाली वस्तु के घनत्व के विपरीत अनुपात होती है. यदि किसी वस्तु का भार अधिक व आकार छोटा है तो उस पर ड्रैग कम होगा. अगर वस्तु का वजन कम व आकार बड़ा है तो ड्रैग अधिक होगा. इस स्थिति में वस्तु धीमी रफ़्तार से ज़मीन पर गिरेगी. 

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दरअसल, किसी भी वस्तु के ऊपर से नीचे की ओर गिराने पर ये दोनों बल उस वस्तु पर एक साथ साथ कार्य करना शुरू कर देते हैं. गुरुत्वाकर्षण उस वस्तु को नीचे की ओर खींचता है तथा ड्रैग इसे रोकने की कोशिश करता है. लेकिन कुछ समय बाद दोनों बलों में एक सामंजस्य स्थापित हो जाता है और वो वस्तु एक स्थिर गति से ज़मीन की ओर गिरने लगती है. इस गति को टर्मिनल वेलोसिटी (Terminal Velocity) कहते हैं.

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बुर्ज ख़लीफ़ा से इंसान गिरा तो क्या होगा? 

अगर किसी इंसान को ‘बुर्ज ख़लीफ़ा’ के टॉप से नीचे गिराया जाय तो वो कुछ ही सेकंड में ज़मीन पर पड़ा होगा और इतनी ऊंचाई से गिरकर मर चुका होगा. क्योंकि वस्तु जितनी भारी होगी गति भी उतनी ही तेज़ होगी और झटका भी उतने ही ज़ोर का होगा. ऐसी स्थिति में किसी भी इंसान के बचने के चांस न के बराबर होते हैं.  

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बुर्ज ख़लीफ़ा से चींटी गिरी तो क्या होगा? 

इंसानों के मुक़ाबले आकार में चींटी बेहद छोटी होती है और उसका वजन भी बेहद कम होता है. अगर चींटी को ऊंचाई से गिराया जाए तो वो अपने सभी हाथ पैरों को हवा में फैला देती है. इस दौरान वो वज़न कम होने की वजह से ज़मीन पर गिरने में वक़्त भी लेगी. मतलब चींटी को आप ‘बुर्ज ख़लीफ़ा’ से नीचे गिरा भी देते हैं तो उसका बाल भी बांका नहीं होगा और वो हंसते खेलते हुए वापस अपने घर चली जाएगी.  

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अमेरिका की ‘यूनिवर्सिटी ऑफ़ ईलिनोयस’ के फ़िजिक्स डिपार्टमेंट के एक अध्ययन के मुताबिक़, ऊंचाई से गिरते समय चींटी की औसत टर्मिनल वेलोसिटी (Terminal Velocity) 6.4 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है, जबकि मनुष्य के मामले में ये गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटा होती है, जो चींटी के मुक़ाबले क़रीब 31 गुना अधिक है.  

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