Justice UU Lalit: भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) कौन होंगे इसका फ़ैसला होने वाला है. चीफ़ जस्टिस एनवी रमन्ना (NV Ramana) ने न्यायमूर्ति यूयू ललित (Justice UU Lalit) के नाम की सिफारिश अपने उत्तराधिकारी के रूप में की है. वो इस महीने के अंत में रिटायर हो रहे हैं. 

अगर जस्टिस यूयू ललित का नाम चुना जाता है तो वो भारत के 49वें मुख्य न्यायाधीश होंगे. उनका शपथ ग्रहण समारोह 27 अगस्त को होगा. 26 अगस्त को वर्तमान मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन्ना रिटायर हो रहे हैं. बतौर CJI जस्टिस यूयू ललित का कार्यकाल भी कुछ महीनों का होगा. वो इसी साल 8 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं. 

चलिए जानते हैं भावी CJI जस्टिस यूयू ललित से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें… 

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1983 में वकालत की शुरुआत की 

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जस्टिस यूयू ललित (Justice UU Lalit) क्रिमिनल लॉ के स्पेशलिस्ट हैं. इनका पूरा नाम उदय उमेश ललित है. इनके पिता न्यायमूर्ति यूआर ललित दिल्ली उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता और न्यायाधीश थे. इन्होंने मुंबई के Government Law College से पढ़ाई की है. ललित जी ने1983 में वकालत की शुरुआत की थी.  इन्होंने 1983-1985 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में प्रैक्टिस की. 

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2014 में बने सुप्रीम कोर्ट के जज 

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1986-1992 तक इन्होंने पूर्व अटॉर्नी जनरल सोली सोराबजी के साथ काम किया. 2004 में सुप्रीम कोर्ट ने ललित जी को एक सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया था. ये 2G स्पेक्ट्रम घोटाला केस में CBI के पब्लिक प्रोसिक्यूटर के रूप में ट्रायल्स में शामिल हुए थे. 13 अगस्त 2014 को Bar से सीधे सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था. 

Justice UU Lalit

इन केसेस को लेकर छाए रहे ख़बरों में 

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ये तीन तलाक़ (Triple Talaq) को असंवैधानिक घोषित करने वाली बेंच का हिस्सा थे. इन्होंने अयोद्ध्या मामले की सुनवाई करने से ख़ुद को अलग कर लिया था क्योंकि वो बाबरी मस्जिद विध्वंस अवमानना केस में यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के वकील थे. 2015 में उन्होंने 2008 के मालेगांव विस्फोट की निष्पक्ष सुनवाई की मांग करने वाले केस से भी ख़ुद को अलग कर लिया था. क्योंकि ये पहले एक आरोपी का केस लड़ चुके थे. 

बता दें, देश के नए चीफ़ जस्टिस को लेकर अभी अंतिम फ़ैसला होना बाकि है. हालांकि, मौजूदा मुख्य न्यायधीश की सिफारिश के बाद जस्टिस यूयू ललित का CJI बनना तय माना जा रहा है.