रतन टाटा नाम हम भारतीयों के लिए कोई नया नहीं है. न ही वो कोई परिचय के मोहताज हैं. वो जहां भी जाते हैं सुर्खियों में छा जाते हैं. ऐसे में उनके साथ रहने वालों को भी लाइम लाइट मिलना लाजमी है. ऐसे ही एक नौजवान हैं जो अकसर बिज़नेस टायकून रतन टाटा(Ratan Tata) के साथ नज़र आते हैं. कौन हैं ये और इनका रतन टाटा से क्या नाता है, चलिए आपको बताते हैं.

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रतन टाटा के पर्सनल सेक्रेटरी

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रतन टाटा ने जब हाल ही में अपना जन्मदिन मनाया था तो एक नौजवान लड़का उनके साथ वीडियो और तस्वीरों में दिखाई दिया था. उसे देख बहुत से लोगों के मन में सवाल आया था कि आख़िर ये है कौन? इस लड़के का नाम है शांतनु नायडू(Shantanu Naidu). ये रतन टाटा के पर्सनल सेक्रेटरी हैं इसलिए वो अकसर उनके साथ दिखाई देते हैं. 

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 इंजीनियर हैं शांतनु 

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शांतनु नायडू ने पुणे से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग की है. उनके पिता सहित परिवार के कई सदस्य टाटा ग्रुप की अलग-अलग कंपनियों में काम कर चुके हैं. शांतनु नायडू जब पुणे में रहते थे तब वो सड़कों पर रहने वाले डॉग्स को अकसर रात के अंधेरे में ट्रक-कार आदि का शिकार होते देखते थे. इससे उनका मन बहुत दुखी होता था. तब उन्होंने इन डॉग्स की मदद के लिए कुछ करने के बारे में सोचा. शांतनु ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक स्पेशल कॉलर(डॉग्स के गले का पट्टा) बनाया. 

स्ट्रे डॉग्स की बचा रहे हैं जान 

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ये कॉलर चमकीले कपड़े से बना था. इसे पहने डॉग को बिना लाइट के ही ड्राइवर दूर से देख सकते थे क्योंकि ये अंधेरे में लाइट पड़ते ही चमकने लगता था. इसे उन्होंने स्ट्रीट डॉग्स को पहनाना शुरू कर दिया और इस तरह पुणे में उनके कॉलेज के आस-पास स्ट्रीट डॉग्स की जान का ख़तरा कम हो गया. उन्होंने ये कहानी फ़ेमस फ़ेसबुक पेज ह्यूमन्स ऑफ़ बॉम्बे पर शेयर की थी. 

लेखक भी हैं शांतनु नायडू

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शांतनु ने I Came Upon A Lighthouse नाम की एक बुक भी लिखी है. इन्होंने अमेरिका की Cornell University से MBA की भी पढ़ाई की है. इनका एक ख़ुद का स्टार्टअप है Motopaws जिसके बने कॉलर अपने देश के 20 राज्यों और 4 देशों में इस्तेमाल हो रहे हैं. उनका ये स्पेशल कॉलर रतन टाटा ने भी एक स्ट्रे डॉग को पहने देखा, तब उन्होंने इसे बनाने वाले के बारे में पूछा. इस तरह वो शांतनु के बारे में जान पाए. उनका ये नेक काम देख रतन टाटा ने ख़ुद एक लेटर लिख कर उनकी सराहना की थी.    

रतन टाटा और शांतनु नायडू(Ratan Tata And Shantanu Naidu)

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2018 में जब शांतनु ने एम.बी.ए. कंप्लीट कर लिया तब टाटा ग्रूप ने उन्हें जॉब ऑफ़र की थी. रतन टाटा ने उनके तेज़ दिमाग़ और नेक नियत को देखते हुए ख़ुद फ़ोन कर उन्हें अपना पर्सनल सेक्रेटरी बनने का ऑफ़र दिया था. रतन टाटा और शांतनु नायडू की उम्र में काफ़ी अंतर है, इसके बावजूद दोनों के बीच की बॉन्डिंग बहुत अच्छी है. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शांतनु नए स्टार्टअप में निवेश करने के लिए रतन टाटा को सलाह देते हैं. यही नहीं उन्होंने रतन टाटा को सोशल मीडिया का इस्तेमाल करना भी सिखाया है. ये दोनों मिलकर Motopaws स्टार्टअप के ज़रिये आवारा पशुओं के कल्याण के लिए काम करते हैं. 

दोनों की जोड़ी कमाल की है.