कितनी बार आपने देखा होगा कि कुछ लोग दायें तो कुछ ही लोग बायें हाथ से लिखते हैं. जो लोग अभी इस आर्टिकल को पढ़ रहे हैं उनमें से भी न जाने कितने लोग होंगे जो दायें हाथ (Right Handed) से लिखते हैं. मगर आपने दायें और बायें हाथ से लिखने की वजह को जानने की कोशिश की है. कभी सोचा है कि अगर ऐसा होता है तो क्यों होता है? तो इस सवाल का जवाब ये हैं कि ये दोनों ही अवस्थाएं हमारे दिमाग़ और DNA की वजह से होती हैं. अगर दायें और बायें हाथ से लिखने वालों का आंकड़ा देखा जाए तो दुनिया के 90 फ़ीसदी लोग दाहिने हाथ से लिखते हैं और केवल 10 फ़ीसदी लोग होंगे जो बायें हाथ से लिखते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61cdff775ed7ea0001e2916c_c92e2bec-c94e-46fa-aa84-e03abd2d0d87.jpg)
ये भी पढ़ें: कभी सोचा है सर्दियों में मुंह से भाप क्यों निकलती है, जानिये क्या इसका वैज्ञानिक कारण
ऐसा क्यों होता है चलिए इसे विस्तार से जानते हैं?
दिमाग़ में कंट्रोल करने की क्षमता होती है
Right Handed
जैसा की हम सब जानते हैं कि हमारे दिमाग़ का बायां हिस्सा हमारे शरीर के दायें हिस्से को कंट्रोल करता है और दायां हिस्सा बायें हिस्से को कंट्रोल करता है. विज्ञान की मानें तो, जब हम किसी भाषा को लिखना या बोलना सीखते हैं उसमे बायें हिस्से का इस्तेमाल ज़्यादा होता है, जिसके चलते लेफ़्ट पार्ट हमारे राइट हैंड (Right Handed) को निर्देश देता है इसीलिए ज़्यादातर लोग राइट हैंड से लिखते हैं.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61cdff775ed7ea0001e2916c_33707a9f-0bd1-409a-8067-f224a19d2754.jpg)
जो लोग लेफ़्ट हैंड से लिखते हैं उनके दिमाग़ की एनर्जी ज़्यादा वेस्ट होती है क्योंकि लेफ़्ट हैंड से लिखने की प्रक्रिया ज़्यादा एनर्जी लेती है क्योंकि लेफ़्ट हैंड से लिखने की स्थिति बनने पर हमारा दिमाग़ भाषा और डेटा को राइट हिस्से में ट्रांसफ़र करता है फिर राइट पार्ट उस सिग्नल को समझकर हमे लेफ़्ट हैंड से लिखने का निर्देश देता है. ये प्रोसेस काफ़ी लंबा होता है और इसमें काफ़ी एनर्जी भी लगती है. इसीलिए समय और एनर्जी दोनों को बचाने के लिए हमारा दिमाग़ हमें राइट (Right Handed) हैंड से लिखने का निर्देश देता है.
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61cdff775ed7ea0001e2916c_599fe004-63d2-4024-a994-a00a055dea18.jpg)
ये भी पढ़ें: क्या कभी किसी छूने या दूसरों से हाथ मिलाने से करंट फ़ील हुआ है, जानना चाहते हो इसका कारण?
लेफ़्टी या राइटी होने में DNA भी बहुत बड़ी वजह है
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61cdff775ed7ea0001e2916c_344f8f0a-ff29-4092-a260-d02d1ab57d0e.jpg)
आइए अब जानते हैं कि हमारा DNA किस तरह से लेफ़्टी या राइटी होने की वजह होता है, तो अमेरिका में साल 2012 में हुई एक रिसर्च के अनुसार, अगर पेरेंट्स Right Handed हैं तो बच्चे के लेफ़्टी होने की संभावना महज़ 9 फ़ीसदी होती है. कहीं, दोनों में से एक लेफ़्ट हैंडेड है तो बच्चे में लेफ़्ट हैंडेड होने की संभावना 10 फ़ीसदी बढ़कर 19 फ़ीसदी हो जाती है. और जब दोनों ही पेरेंट्स लेफ़्टी हों तो बच्चे के लेफ़्टी होने की संभावना 26 फ़ीसदी बढ़ जाती है. इस तरह से DNA किसी के लेफ़्टी या राइटी होने की वजह बनता है.
10 फ़ीसदी लोग ही लेफ़्टी क्यों हो जाते हैं?
![](https://wp.hindi.scoopwhoop.com/wp-content/uploads/2022/01/61cdff775ed7ea0001e2916c_d9f64427-9af4-4bb4-a1fc-37b3844ac34e.jpg)
दायें हाथ से लिखने की वजह तो आप समझ गए होंगे तो अब सवाल उठता है कि 90 फ़ीयसदी में सिर्फ़ 10 फ़ीसदी लोग ही लेफ़्टी क्यों होते हैं? तो इसके पीछे का कारण एनर्जी मेनेजमेंट ही है. दरअसल, बचपन में बहुत से बच्चों के दिमाग़ का एनर्जी मैनेजमेंट नहीं बढ़ता है, जिसकी वजह से दिमाग़ दाहिने हाथ से लिखने को मजबूर नहीं करता. इसलिए ऐसे बच्चे बायें हाथ से लिखने लगते हैं.