Why Body Feels Current : ऐसा आपने कई बार महसूस किया होगा कि कभी-कभी आप आराम से अपने ऑफ़िस या घर कहीं भी बैठे होंगे, और अचानक से आपको कोई छू दे, तो ऐसा लगता है कि करंट (Body Current) सा लग गया हो. ऐसा लगता है, जैसे शरीर में हल्के बिजली के झटके लगे हों. हालांकि, ऐसा होने के कुछ पल बाद लोग इसे भूल जाते हैं. बेहद कम ही लोग होते हैं, जो इसके पीछे की वजह जानने की कोशिश करते हैं.

हालांकि, आपको बता दें कि दुनिया की हर छोटी-बड़ी चीज़ के घटित होने के पीछे कोई ना कोई साइंस ज़रूर होती है. तो आइए आपको बता देते हैं कि कभी-कभी किसी के छूने पर हमें करेंट का एहसास क्यों होता है?

सर्दियों के मौसम में लगता है ज़्यादा करेंट

अगर आपने गौर किया होगा तो आप पाएंगे कि सबसे ज़्यादा हमें करेंट के झटकों का एहसास सर्दियों में होता है. दरअसल ठंड की हवा में नमी होती है. यही वजह है कि हल्का सा भी झटका लगने पर हमें सुई की चुभन जैसा महसूस होता है.

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क्या है ये करेंट लगने की वजह?

दरअसल, मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक इसकी वजह हमारे शरीर की नसों में हर पल होने वाली इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी है. ये हमारे शरीर की फंक्शनिंग का बेसिक मेकेनिज्म है. हालांकि, इसके ऊपर नसों के ऊपर कोटिंग होती है, जिसे म्येलिन शीथ कहा जाता है. जब शरीर काफ़ी लंबे समय तक एक ही पोश्चर में हो या एक ही स्थिति में ठहरा हुआ हो, तब कभी-कभी ये म्येलिन शीथ डिसबैलेंस हो जाती है. इस दौरान शरीर के इलेक्ट्रॉन्स डिस्टर्ब हो जाते हैं. हालांकि, किसी के अचानक छूने पर ये फिर से एक्टिव हो जाते हैं और शरीर को करेंट जैसा महसूस होता है.

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क्या है कोहनी के पास सबसे ज़्यादा करेंट महसूस होने की वजह?

मेडिकल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, ये झटके सबसे ज़्यादा कोहनी के पास महसूस होते हैं. कभी भी कोहनी के किसी चीज़ से टकराने पर आपको करंट जैसा फ़ील होता होगा. ऐसा इसलिए क्योंकि कोहनी के पास शरीर की अल्नर नर्व (Ulnar Nerve) होती है. ये हमारी रीढ़ से निकलकर सीधा कंधों से होकर हाथों की उंगलियों तक जाती है. अल्नर नर्व के टच होते ही शरीर में मौजूद न्यूट्रॉन हमारे दिमाग़ तक सिग्नल पहुंचाते हैं और शरीर को झटका महसूस होता है. ये नर्व कोहनी की हड्डी को कवर करती है.

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हर शरीर की अलग-अलग हो सकती है करेंट लगने की तीव्रता

ये झटका इंसान की सेंसिटिविटी पर निर्भर है. कुछ लोगों में इसके महसूस करने की तीव्रता ज़्यादा हो सकती है, तो कुछ लोगों को ये महसूस ही नहीं होता है. ये झटके आमतौर पर प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठने के दौरान ज़्यादा लगते हैं. जब प्लास्टिक की कुर्सी पर बैठकर हमारे पैर ज़मीन को ना छू रहे हों, तो ये कुर्सी हमारे कपड़ों से अलग होने वाले इलेक्ट्रोन को इक्कठा करने लगती है. इससे पॉजिटिव चार्ज जमा हो जाता है. जब तक कुर्सी पर बैठे रहते हैं, ये चार्ज आपके साथ रहता है. कुर्सी से उठने के बाद ये सारा चार्ज कुर्सी के पास चला जाता है. ऐसे में अगर आप उसके बाद कुर्सी को छू लें या फिर से उस पर बैठ जाएं, तो तुरंत ही आपको हल्का करंट महसूस होगा.

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इन लक्षणों से रहें सावधान

वैसे तो ऐसा कभी-कभी होना आम बात है. लेकिन अगर आपको एक दिन में कई बार झटके महसूस होने लगें, तो एक बार इस बारे में डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें. अक्सर इसके लिए शरीर में विटामिन B12, B6 और B1 की कमी होना माना जाता है.

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