महिंद्रा एंड महिंद्रा (Mahindra & Mahindra) भारत की मशहूर मल्टीनेशनल ऑटोमोबाइल कंपनी है. इसकी स्थापना 1945 में ‘महिंद्रा एंड मुहम्मद’ के रूप में हुई थी, लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ कर दिया गया. महिंद्रा गुप की ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ देश की सबसे बड़ी व्हीकल मैन्युफ़ैक्चरिंग कंपनी है. ये ‘ऑटोमोबाइल’, ‘कॉमर्शियल व्हीकल’, ‘ट्रैक्टर’, ‘मोटरसाइकिल’ का निर्माण करती है. इसकी सहायक कंपनी ‘महिंद्रा ट्रैक्टर्स’ दुनिया की सबसे बड़ी ट्रैक्टर निर्माता कंपनी है. इसे साल 2018 में ‘फ़ॉर्च्यून इंडिया 500’ द्वारा भारत में शीर्ष कंपनियों की सूची में 17वां स्थान दिया गया था. भारतीय बाज़ार में इसके प्रमुख प्रतिस्पर्धियों में ‘मारुति सुज़ुकी’ और ‘टाटा मोटर्स’ शामिल हैं.

ये भी पढ़ें: क्या आप जानते हैं कि ‘टाटा सूमो’ कार का नाम ‘सूमो’ कैसे पड़ा? इसके बनने की कहानी दिलचस्प है

businesstoday

आनंद महिंद्रा (Anand Mahindra) की स्वामित्व वाली महिंद्रा कंपनी हमेशा से ही अपने दमदार वाहनों के लिए जानी जाती है. चाहे वो महिंद्रा के ट्रैक्टर्स हों या फिर महिंद्रा की जीप, कंपनी क़्वालिटी में कोई कॉम्प्रोमाइज़ नहीं करती. लेकिन महिंद्रा कंपनी अपनी गाड़ियों के नामों के लिए भी काफ़ी मशहूर है. आपने अक्सर देखा होगा कि महिंद्रा की अधिकतर गाड़ियों के नाम के अंत में ‘O’ अक्षर ज़रूर होता है. इनमें बोलेरो (Bolero), स्कोर्पियो (Scorpio) ज़ायलो (Xylo), महिंद्रा मराज़ो (Mahindra Marazzo), महिंद्रा ईवेरिटो (Mahindra eVerito) गाड़ियां शामिल हैं.

Mahindra Company Cars 

wikipedia

ऐसा नहीं है कि ये संयोगवश है, बल्कि महिंद्रा कंपनी जानबूझकर अपनी गाड़ियों के नाम इसी हिसाब से डिज़ाइन करती है. इसके पीछे एक खास वजह भी होती है और इस खास वजह से ही आज महिंद्रा की हर गाड़ी के नाम के पीछे ‘O’ लगा होता है. ऐसे में जानते हैं कि महिंद्रा की कारों के नाम के अंत में ‘O’ लगाने की क्या कहानी है और किस वजह से कंपनी ऐसा कर रही है. आज हम आपको इसके पीछे की असल सच्चाई बताने जा रहे हैं.

wikipedia

दरअसल, महिंद्रा अलग-अलग सीरीज़ की गाड़ियां बनाती है. इन्हीं में से एक ‘O’ सीरीज़ की गाड़ियां भी हैं. इस सीरीज़ की हर गाड़ी के नाम के अंत में ‘O’ ज़रूर लगा होता है. यहां तक कि महिंद्रा की XUV 500 और XUV 300 के अंत में भी ज़ीरो यानी ‘0’ आता है. केवल 4 व्हीलर ही नहीं महिंद्रा की 2 व्हीलर गाड़ियों के नाम भी ‘O’ से ही ख़त्म होते हैं, जिसमें ‘Duro’, ‘Rodeo’, ‘Stalio’ और ‘Pantero’ शामिल हैं. इनके अलावा महिंद्रा कंपनी ‘Mahindra Thar’, ‘Mahindra Jeep’ और ‘Mahindra Alturas G4’ सीरीज़ की गाड़ियां भी बनाती है.

Mahindra Company Cars 

wikipedia

‘O’ ही क्यों लगाया जाता है? 

अब सवाल ये उठता है कि आख़िर इसके पीछे की असल वजह क्या है? इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक़, महिंद्रा ने अपने नाम के पीछे ‘O’ लगाने का सिलसिला किस्मत की वजह से शुरू हुआ है, जिसे अंधविश्वास भी कहा जाता है. कंपनी का मानना है कि अगर वो गाड़ी के नाम के अंत में ‘O’ लगाते हैं तो उनके सेगमेंट को अच्छा रेस्पॉन्ड मिलता है और मार्केट में सही सेल भी होती है.

wikipedia

ये भी पढ़ें: पेश हैं 90’s की 8 बेस्ट Cars जिनसे हमारे बचपन की कई ख़ूबसूरत यादें जुड़ी हुई हैं

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड के सेवानिवृत्त प्रबंध निदेशक पवन गोयनका ने बताया कि Bolero और Scorpio की सफलता के बाद कंपनी ने गाड़ियों के नाम के अंत में ‘O’ लगाना शुरू किया था. ऐसा करना लक्की रहा और इसे कंपनी ने इसे जारी रखने का फ़ैसला किया गया. आप इसे आप अंधविश्वास कह सकते हैं, लेकिन ये हमारे लिए काम करता है.

Mahindra Company Cars 

wikipedia
आज ये महिंद्रा कंपनी के लिए एक ट्रेडिशन बन गया है और उम्मीद है कि ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ इस प्रेक्टिस को आगे भी फ़ॉलो रखेगा. इसके साथ ही इससे लोग ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ के प्रोडक्ट को आसानी से पहचान भी लेते हैं.

Mahindra Company Cars 

wikipedia

केवल ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा’ ही नहीं, बल्कि ‘होंडा कंपनी’ भी अपनी अधिकतर गाड़ियों के नाम के अंत में ‘Ter’ लगाती है. इनमें Twister, Stunner, Dazzler आदि नाम शामिल है.