नहा-धोकर, तैयार होकर घर से दफ़्तर के लिये निकले और मस्त-मौला बनकर चले जा रहे हैं कि रास्ते में 2-3 मक्खियों ने परिक्रमा करनी शुरू कर दी. किसी फ़ाइटर प्लेन (Fighter Plane) के जैसे ही कभी दायें से बायें, कभी सीधे सामने से, कभी पीछे से वार पर वार करने लगीं.
पूरे यक़ीन के साथ कह रहे हैं कि हर मनुष्य को ये अनुभव ज़रूर हुआ होगा. चाहे कितने भी हाथ मार लो, स्टोल या रूमाल से उड़ा लो दोबारा ये मक्खियां जीवन में सबसे बड़ा रिस्क लेकर उड़ती हुई पहुंच ही जाती हैं. Treehugger के एक लेख की मानें तो मक्खियां इंसानों को पसंद करती हैं! मक्खियों के पसंदीदा भोजन, पॉटी, खाना और सड़ते मांस की तरह ही हम इंसान भी उन्हें पसंद है.
मक्खियां इंसानों के शरीर पर पसीना, डेड स्किन (Dead Skin), ऑयल (Oil) या कुछ भी जो उनके खाने लायक हो उसे खाने की नीयत से बैठती हैं. The Statesman के एक लेख के अनुसार, मक्खियों का मुंह बेहद सॉफ़्ट, स्पंजलाइक (Spongelike) होता है और ये इंसानों के शरीर पर बैठकर उन्हीं काटती नहीं, बल्कि त्वचा पर पड़ा खाना चूसती हैं.